Monday, 29 February 2016

देश में कोई भी महिषासुर की पूजा नहीं करता :
जनजातियों और दलितों को राजनीतिक कारणों से एक साथ लाने की कोशिश

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में महिषासुर शहादत दिवस मनाए जाने को लेकर संसद में गरमा-गरमी के बीच झारखंड के एक जनजातीय विद्वान प्रकाश उरांव ने कहा है कि देवी दुर्गा ने जिसे मारा था और जिसे सब दानव के रूप में जानते हैं, वह भारत की किसी जनजाति के लिए प्रेरणादायी या पूज्य नहीं रहा है. झारखंड सरकार की संस्था ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट (टाआरआई) के पूर्व निदेशक उरांव ने बताया, “सांख्यिकी संबंधी किसी भी किताब में महिषासुर से जनजाति के लोगों का कोई संबंध नहीं पाया गया है. न ही कोई महिषासुर की पूजा करता है.”
महिषासुर की पूजा

पूर्व निदेशक ने कहा कि एक जानकार होने के नाते खुद जनजातीय समुदाय से होने के बावजूद उन्होंने ऐसा कभी नहीं सुना कि महिषासुर किसी भी आदिवासी समुदाय के लिए एक प्रेरणास्रोत रहा. उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि यह कुछ लोगों का नया पैदा किया हुआ है. मैं झारखंड में ही पला-बढ़ा हूं. मैं जनजातीय हूं, लेकिन कभी नहीं सुना कि महिषासुर की पूजा किसी भी जनजातीय समुदाय के लिए प्रेरणा है.”
उरांव ने कहा, “वास्तव में असुर एक जनजाति है, जिसका पेशा लोहा गलाना है. लेकिन उनका भी महिषासुर की पूजा से कोई लेना-देना नहीं है.” उन्होंने कहा, “जनजातीय लोग अहिंसक और भोले-भाले होते हैं.”
महिषासुर और दुर्गा को लेकर विवाद तब शुरू हुआ जब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने गुरुवार को राज्यसभा में इसका हवाला दिया. उन्होंने कहा था कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में महिषासुर शहादत दिवस मनाया जाता है. उन्होंने यह भी कहा था कि इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजक देवी दुर्गा के खिलाफ अपमानजनक संदर्भो का हवाला देकर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग कर रहे हैं.
महिषासुर पर कार्यक्रम के आयोजन को लेकर स्मृति ने जेएनयू के छात्रों की आलोचना की थी. मीडिया में आई कुछ खबरों में कहा गया कि महिषासुर को जनजातियों समेत भारत के कई राज्यों में फैले समुदायों द्वारा लंबे समय से पूजा जाता रहा है.
उरांव ने कहा कि महिषासुर के जनजातीय समुदायों द्वारा पूजने के लिए जिम्मेदार ठहराने के पीछे कोई राजनीतिक कारण हो सकता है. एक वर्ग ऐसा भी हो सकता है जो जनजातियों और दलितों को राजनीतिक कारणों से एक साथ लाने की कोशिश कर रहा हो.
प्रेषित समय :19:13:03 PM / Sun, Feb 28th, 2016
पलपलइंडिया के अनुसार<< सूर्य की किरण >>

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