Tuesday 16 June 2015

जम्मू पुलिस का दावा ..सिमी ने 'आसाराम बापू' को फंसाने के लिए दिए थे पैसे ..
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संत आसाराम बापू के मामले में जम्मू पुलिस को कई खुलासे प्राप्त हुए है जिनसे प्रतीत
हो रहा है कि उन्हें षड्यंत्र करके फंसाया गया है. आशाराम बापू को बदनाम और फंसाने के
लिए आतंकवादी संगठन सिमी ने मोटी रकम दी थी...
पुलिस सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर की पुलिस ने पिछले महीने नंदूरबार(महाराष्ट्र) के
शाहदा गांव से जिस पंकज नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, उसने पुलिस पूछताछ
में ऐसे कई बातें उगली, जिनसे जाहिर हो रहा है कि आसाराम बापू को सुनियोजित तरीके
से फसाया गया है.
हम बता दें कि गिरफ्तार हुआ यह शख्स पंकज वही है जो बापू के छिंदवाडा (मध्यप्रदेश)
स्थित गुरुकुल आश्रम में कार्यरत था और बापू जी की गिरफ्तारी के करीब एक माह पहले
अचानक से आश्रम छोड़कर गायब हो गया था. जम्मू पुलिस को तफ्तीश के दौरान यह भी
पता चला है कि फरियादी लड़की और पंकज के बीच घनिष्ठ संबंध थे. सूत्रों के अनुसार
जम्मू पुलिस को पंकज के पास जो मोबाइल, लैपटॉप एवं अन्य उपकरण मिले हैं, उनकी
जांच की गई तो लगभग 65 लड़कियों की अश्लील वीडियो भी लैपटॉप में पाए गए...

इसके बाद पुलिस ने पंकज से और सख्ती से पूछताछ की तो टूट गया और उसने बताया
कि आशाराम बापू जी को बर्बाद करने के मकसद से उसके अकाउंट में आतंकवादी संगठन
सिमी के अकाउंट से पैसा ट्रांसफर हुआ था. उसने ओमप्रकाश प्रजापति का नाम भी
पुलिस को बताया, जो कि खुद को होशंगाबाद(मध्यप्रदेश) में बापू का कलगी अवतार
बताकर भोलेभाले भक्तों को गुमराह करता था. इसके बाद पुलिस ने ओमप्रकाश प्रजापति
का गिरफ्तारी वारंट जारी कर उसकी तलाश शुरू की, जिसकी भनक लगते ही ओमप्रकाश
खुद ही पुलिस के समक्ष पेश हो गया. उसने पूछताछ के दौरान बताया कि पंकज और
फरियादी लड़की के बीच संबंध भी थे. साथ ही यह भी बताया कि पंकज और सतीश
वाधवानी ने बापू को फंसाने के लिए सुपारी दी थी. इन्वेस्टीगेशन के दौरान पुलिस को
मोबाइल रिकॉर्ड में भी ऐसे कई सबूत मिले हैं, जिनसे पता चल रहा है कि इन तीनों
(पंकज, ओमप्रकाश प्रजापति और सतीश वाधवानी) समेत कई संदिग्ध लोगों के बीच
आसाराम बापूजी को फंसाने संबंधी चर्चाएं हुई थी. जांच के सभी पहलुओं के बाद जम्मू
पुलिस ने चार्जशीट तैयार की है, जोधपुर पुलिस को भी जल्द ही सौंपी जाएगी. उम्मीद
जताई जा रही है कि इसके बाद जोधपुर पुलिस की जांच में और तेजी आने की संभावना
है.
जम्मू पुलिस कैसे पहुंची महाराष्ट्र......
बात वर्ष 2013 की है. आसाराम बापू के जम्मू स्थित आश्रम में दो बच्चों की हत्या और
उन्हें दफनाने के एक फर्जी मामले में पुलिस ने वहां कार्यरत भोलानंद नामक व्यक्ति को
काफी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया था. उसने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया
था कि उसे पंकज और सतीश वाधवानी नामक व्यक्ति ने आसाराम बापू को किसी भी
तरह बदनाम करने और फंसाने के लिए मोटी रकम दी थी. साथ ही बापू के खिलाफ बड़ा
षडयंत्र होने का सुराग मिला और पुलिस ने उसे वहां जाकर गिरफ्तार भी किया. चूँकि
मामला दो बच्चों की हत्या का था इसलिए पुलिस ने बड़ी सावधानी से हर पहलू की जांच
की और संदिग्ध आरोपियों से पूछताछ भी की. तब जो बातें खुली, उसने पुलिस को भी
चौका दिया.....

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