Monday 15 June 2015

चन्द्रगुप्त मोर्य व हेलेन:-
जब यूनानी आक्रमणकारी सेल्यूकस चन्द्रगुप्त मौर्य से हार गया और उसकी सेना बंदी बना ली गयी तब उसने अपनी खूबसूरत बेटी हेलेना के विवाह का प्रस्ताव चन्द्रगुप्त मोर्य के पास भेजा ..
सेल्यूकस की सबसे छोटी बेटी हेलेन बेहद खुबसूरत थी , उसका विवाह आचार्य चाणक्य ने प्रस्ताव मिलने पर सम्राट चन्द्रगुप्त से कराया पर उन्होने विवाह से पहले हेलेन और चन्द्रगुप्त से कुछ शर्ते रखी ; जिस बाद ही उन दोनों का विवाह हुआ,
1) पहली शर्त यह थी की उन दोनों से उत्पन्न संतान उनके राज्य का उत्तराधिकारी नही होगा, और इसका कारण बताया की
- हेलेन एक विदेशी महिला है, और भारत के पूर्वजो से उसका कोईननाता नही है , भारतीय संस्कृति से हेलेन पूर्णतः अनिभिज्ञ है
- दूसरा कारण बताया की हेलेन विदेशी शत्रुओ की बेटी है, उसकी निष्ठा कभी भारत के साथ नहीं हो सकती,
- तीसरा कारण बताया की हेलेन का बेटा विदेशी माँ का पुत्रवहोने के नाते उसके प्रभाव से कभी मुक्त नही हो पायेगा और भारतीय माटी, भारतीय लोगो के प्रति पूर्ण निष्ठावान नहीं हो पायेगा,
2) एक और शर्त चाणक्य ने हेलेन के सामने रखी - की वह कभी भी चन्द्रगुप्त के राज्य कार्य में हस्तक्षेप नही करेगी और राजनीति और प्रशासनिकनअधिकार से पूर्णतया विरत रहेगी ; परंतु गृहस्थ जीवन मे हेलेन का पूर्ण अधिकार होगा,
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सोचिये मित्रो .. भारत ही नही विश्व भर में चाणक्य जैसा कुटनीतिक और नीतिकार राजनितिक आज तक दूसरा कोई नही पैदा हुआ ..
फिर भी आज भारत उनकी शिक्षा को भूल गया..

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