ऐसा था एतिहासिक (so called sickular) टीपू
सुल्तान:-
=====================
हैदर अली की मृत्यु के बाद उसका पुत्र
टीपू सुल्तान मैसूर की गद्दी
पर बैठा। गद्दी पर बैठते ही
टीपू ने मैसूर को मुस्लिम राज्य घोषित कर दिया। मुस्लिम
सुल्तानों की परम्परा के अनुसार टीपू ने एक
आम दरबार में घोषणा की- "मै सभी काफिरों
को मुस्लमान बनाकर रहूंगा।" तुंरत ही उसने
सभी हिन्दुओं को फरमान भी
जारी कर दिया। उसने मैसूर के गाँव-गाँव के मुस्लिम
अधिकारियों के पास लिखित सूचना भिजवा दी कि,
"सभी हिन्दुओं को इस्लाम में दीक्षा दो।
जो स्वेच्छा से मुसलमान न बने उसे बलपूर्वक मुसलमान बनाओ और
जो पुरूष विरोध करे, उनका कत्ल करवा दो। उनकी स्त्रिओं
को पकड़कर उन्हें दासी बनाकर मुसलमानों में बाँट दो।"
इस्लामीकरण का यह तांडव टीपू ने
इतनी तेजी से चलाया की पूरे
हिन्दू समाज में त्राहि त्राहि मच गई। इस्लामिक दानवों से बचने का
कोई उपाय न देखकर धर्म रक्षा के विचार से हजारों हिन्दू स्त्रियों
और पुरुषों ने अपने बच्चों सहित तुंगभद्रा आदि नदिओं में कूद कर
जान दे दी। हजारों ने अग्नि में प्रवेश कर
अपनी जान दे दी, किन्तु धर्म त्यागना
स्वीकार नहीं किया।
टीपू सुलतान को हमारे इतिहास में एक प्रजावत्सल राजा
के रूप में दर्शाया गया है। टीपू ने अपने राज्य में लगभग
५ लाख हिन्दुओं को जबरन मुस्लमान बनाया। लाखों की
संख्या में कत्ल कराये। कुछ एतिहासिक तथ्य मेरे पास उपलब्ध
जिनसे टीपू के दानवी हृदय का पता चलता
है..............
टीपू के शब्दों में:-
1. "यदि सारी दुनिया भी .....मुझे मिल
जाए,...mm तब भी में हिन्दू मंदिरों को नष्ट करने से
नहीं रुकुंगा।"(फ्रीडम स्ट्रगल इन केरल)
2. "दी मैसूर गजेतिअर" में लिखा
है" ......टीपू ने लगभग १००० मंदिरों को ध्वस्त किया।
3. टीपू ने अपने एक सेनानायक अब्दुल कादिर को एक
पत्र में लिखा, "१२००० से अधिक हिन्दू मुस्लमान बना दिए गए।"
4. १४ दिसम्बर १७९० को .....अपने सेनानायकों को पत्र लिखा
की, "मैं तुम्हारे पास मीर हुसैन के साथ दो
अनुयाई भेज रहा हूँ उनके साथ तुम सभी हिन्दुओं को
बंदी बना लेना और २० वर्ष से कम आयु वालों को कारागार
में रख लेना और शेष सभी को पेड़ से लटकाकर वध कर
देना।"
5. टीपू ने अपनी तलवार पर
भी खुदवाया था, "मेरे मालिक मेरी सहायता
कर ......ताकि मैं संसार से काफिरों... (गैर मुसलमानों) को समाप्त कर
दूँ।"
ऐसे .....कितने और ऐतिहासिक तथ्य टीपू सुलतान को
एक मतान्ध, निर्दयी, हिन्दुओं का संहारक साबित करते
हैं।
क्या ये हिन्दू समाज के साथ अन्याय नहीं है कि
....हिन्दुओं के एक हत्यारे को ......हिन्दू समाज के सामने
ही एक वीर देशभक्त राजा बताया जाता है।
अगर टीपू जैसे हत्यारे को ......भारत का आदर्श शासक
बताया जायेगा....... तब तो आने वाले समय में सभी
इस्लामिक आतंकवादी .....भारतीय इतिहास
के ऐतिहासिक महान पुरुष बनेंगे।
वाह रे वाह..... भारत का धर्मनिरपेक्ष इतिहास।
सुल्तान:-
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हैदर अली की मृत्यु के बाद उसका पुत्र
टीपू सुल्तान मैसूर की गद्दी
पर बैठा। गद्दी पर बैठते ही
टीपू ने मैसूर को मुस्लिम राज्य घोषित कर दिया। मुस्लिम
सुल्तानों की परम्परा के अनुसार टीपू ने एक
आम दरबार में घोषणा की- "मै सभी काफिरों
को मुस्लमान बनाकर रहूंगा।" तुंरत ही उसने
सभी हिन्दुओं को फरमान भी
जारी कर दिया। उसने मैसूर के गाँव-गाँव के मुस्लिम
अधिकारियों के पास लिखित सूचना भिजवा दी कि,
"सभी हिन्दुओं को इस्लाम में दीक्षा दो।
जो स्वेच्छा से मुसलमान न बने उसे बलपूर्वक मुसलमान बनाओ और
जो पुरूष विरोध करे, उनका कत्ल करवा दो। उनकी स्त्रिओं
को पकड़कर उन्हें दासी बनाकर मुसलमानों में बाँट दो।"
इस्लामीकरण का यह तांडव टीपू ने
इतनी तेजी से चलाया की पूरे
हिन्दू समाज में त्राहि त्राहि मच गई। इस्लामिक दानवों से बचने का
कोई उपाय न देखकर धर्म रक्षा के विचार से हजारों हिन्दू स्त्रियों
और पुरुषों ने अपने बच्चों सहित तुंगभद्रा आदि नदिओं में कूद कर
जान दे दी। हजारों ने अग्नि में प्रवेश कर
अपनी जान दे दी, किन्तु धर्म त्यागना
स्वीकार नहीं किया।
टीपू सुलतान को हमारे इतिहास में एक प्रजावत्सल राजा
के रूप में दर्शाया गया है। टीपू ने अपने राज्य में लगभग
५ लाख हिन्दुओं को जबरन मुस्लमान बनाया। लाखों की
संख्या में कत्ल कराये। कुछ एतिहासिक तथ्य मेरे पास उपलब्ध
जिनसे टीपू के दानवी हृदय का पता चलता
है..............
टीपू के शब्दों में:-
1. "यदि सारी दुनिया भी .....मुझे मिल
जाए,...mm तब भी में हिन्दू मंदिरों को नष्ट करने से
नहीं रुकुंगा।"(फ्रीडम स्ट्रगल इन केरल)
2. "दी मैसूर गजेतिअर" में लिखा
है" ......टीपू ने लगभग १००० मंदिरों को ध्वस्त किया।
3. टीपू ने अपने एक सेनानायक अब्दुल कादिर को एक
पत्र में लिखा, "१२००० से अधिक हिन्दू मुस्लमान बना दिए गए।"
4. १४ दिसम्बर १७९० को .....अपने सेनानायकों को पत्र लिखा
की, "मैं तुम्हारे पास मीर हुसैन के साथ दो
अनुयाई भेज रहा हूँ उनके साथ तुम सभी हिन्दुओं को
बंदी बना लेना और २० वर्ष से कम आयु वालों को कारागार
में रख लेना और शेष सभी को पेड़ से लटकाकर वध कर
देना।"
5. टीपू ने अपनी तलवार पर
भी खुदवाया था, "मेरे मालिक मेरी सहायता
कर ......ताकि मैं संसार से काफिरों... (गैर मुसलमानों) को समाप्त कर
दूँ।"
ऐसे .....कितने और ऐतिहासिक तथ्य टीपू सुलतान को
एक मतान्ध, निर्दयी, हिन्दुओं का संहारक साबित करते
हैं।
क्या ये हिन्दू समाज के साथ अन्याय नहीं है कि
....हिन्दुओं के एक हत्यारे को ......हिन्दू समाज के सामने
ही एक वीर देशभक्त राजा बताया जाता है।
अगर टीपू जैसे हत्यारे को ......भारत का आदर्श शासक
बताया जायेगा....... तब तो आने वाले समय में सभी
इस्लामिक आतंकवादी .....भारतीय इतिहास
के ऐतिहासिक महान पुरुष बनेंगे।
वाह रे वाह..... भारत का धर्मनिरपेक्ष इतिहास।
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