संस्कृत वाक्य अभ्यासः
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सः = वह (पुलिँग)
सा = वह (स्त्रीलिँग)
सा = वह (स्त्रीलिँग)
सः शिक्षकः अस्ति = वह शिक्षक है
सा शिक्षिका अस्ति = वह शिक्षिका है
सः पुस्तकं पठति = वह पुस्तक पढ़ता है
सा पाठं लिखति = वह पाठ लिखती है ।
सः / कुत्र गच्छति ?
= वह कहाँ जा रहा / रही है ?
= वह कहाँ जा रहा / रही है ?
तम् = उसको (पुलिँग )
ताम् = उसको (स्त्रीलिँग)
ताम् = उसको (स्त्रीलिँग)
अहं तं जानामि = मैं उसको जानता हूँ
अहं तां न जानामि = मैं उसको नहीं जानता हूँ
माता तम् अवदत्
= माँ उसको बोली ( माँ ने उसको कहा )
= माँ उसको बोली ( माँ ने उसको कहा )
पिता ताम् अवदत्
= पिता ने उसको कहा
= पिता ने उसको कहा
तेन =उससे / उसके द्वारा (पुलिँग)
तया = उससे /उसके द्वारा (स्त्रीलिँग)
तया = उससे /उसके द्वारा (स्त्रीलिँग)
तेन कार्यम् क्रियते
उसके द्वारा काम किया जाता है
(Passive voice )
उसके द्वारा काम किया जाता है
(Passive voice )
तया पुस्तकं पठ्यते
= उसके द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है
(Passive voice )
= उसके द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है
(Passive voice )
दीपकः तेन सह विद्यालयं गच्छति
= दीपक उसके साथ विद्यालय जाता है
= दीपक उसके साथ विद्यालय जाता है
वन्दना तया सह उपविशति
= वन्दना उसके साथ बैठती है ।
= वन्दना उसके साथ बैठती है ।
तस्मै = उसके लिए ( पुलिँग )
तस्यै = उसके लिए (स्त्रीलिंग)
तस्यै = उसके लिए (स्त्रीलिंग)
तस्मै / तस्यै अहं किं ददामि ?
= उसको मैं क्या दूँ ?
= उसको मैं क्या दूँ ?
तस्यै नमः , तस्मै नमः
= उसको नमन ।
= उसको नमन ।
तस्मात् = उस से (पुलिँग )
तस्याः = उस से ( स्त्रीलिँग )
तस्याः = उस से ( स्त्रीलिँग )
तस्मात् किमर्थं बिभेति ?
= उससे क्यों डरते /डरती हो ?
= उससे क्यों डरते /डरती हो ?
तस्याः ऋते गृहे सुखं नास्ति
= उसके बिना घर में सुख नहीं है ।
= उसके बिना घर में सुख नहीं है ।
तस्य = उसका (पुलिँग )
तस्याः = उसका (स्त्रीलिँग )
तस्याः = उसका (स्त्रीलिँग )
तस्य अक्षराणि सुन्दराणि सन्ति
= उसके अक्षर सुन्दर हैं ।
= उसके अक्षर सुन्दर हैं ।
तस्याः कार्यम् सा एव करिष्यति
= उसका काम वही करेगी ।
= उसका काम वही करेगी ।
तस्मिन् = उसमें , उस पर (पुलिँग )
तस्याम् = उसमें , उस पर (स्त्रीलिँग)
तस्याम् = उसमें , उस पर (स्त्रीलिँग)
तस्मिन् एव मम विश्वासः अस्ति
= उस पर ही मुझे विश्वास है ।
= उस पर ही मुझे विश्वास है ।
तस्याम् एव मम विश्वासः अस्ति
= उस पर ही मुझे विश्वास है ।
= उस पर ही मुझे विश्वास है ।
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भैंसों के आगे शेर हुआ ढेर
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केन्या। अपनी जान सबको प्यारी होती है लेकिन जब इसी कीमती जान पर बन आए तो कोई कुछ भी कर सकता है। कुछ इसी तरह का नजारा केन्या में देखने को मिला जब भैंसों के एक झुंड से डरा हुआ जंगल का राजा शेर पेड़ पर चढ़ गया।
सूत्रों के मुताबिक भैंसों ने अपने नवजात बच्चे की जान बचाने के लिए शेर पर हमला बोल दिया था, जिसका शिकार कर शेर अपना नाश्ता करना चाहता था। जब भैंसों ने खदेड़ा तो शेर की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई और वह पेड़ पर चढ़ गया। उसकी मुसीबत तब भी कम नहीं हुई, क्योंकि भैंसें उसे सबक सिखाने के लिए नीचे पेड़ को घेर का खड़ी थी।
कुछ देर तक पेड़ पर लटके रहने के बाद शेर ने लंबी छलांग लगाई और बदहवासी में दौड़ लगा दी। लेकिन गुस्साई भैंसों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और आखिर में शेर झाडिय़ों में जाकर छिप गया, तब जाकर वह अपनी जान बचा पाया।
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केन्या। अपनी जान सबको प्यारी होती है लेकिन जब इसी कीमती जान पर बन आए तो कोई कुछ भी कर सकता है। कुछ इसी तरह का नजारा केन्या में देखने को मिला जब भैंसों के एक झुंड से डरा हुआ जंगल का राजा शेर पेड़ पर चढ़ गया।
सूत्रों के मुताबिक भैंसों ने अपने नवजात बच्चे की जान बचाने के लिए शेर पर हमला बोल दिया था, जिसका शिकार कर शेर अपना नाश्ता करना चाहता था। जब भैंसों ने खदेड़ा तो शेर की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई और वह पेड़ पर चढ़ गया। उसकी मुसीबत तब भी कम नहीं हुई, क्योंकि भैंसें उसे सबक सिखाने के लिए नीचे पेड़ को घेर का खड़ी थी।
कुछ देर तक पेड़ पर लटके रहने के बाद शेर ने लंबी छलांग लगाई और बदहवासी में दौड़ लगा दी। लेकिन गुस्साई भैंसों ने उसका पीछा नहीं छोड़ा और आखिर में शेर झाडिय़ों में जाकर छिप गया, तब जाकर वह अपनी जान बचा पाया।
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