Saturday 27 June 2015

साई मिशनरियों का बदलता चेहरा
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लालच और धोखा देकर गरीबो, आदिवासीयों का धर्मान्तरण कराया गया और हिन्दू देवी देवताओं, धर्म और पवित्र ग्रंथो के बारे में आपत्तिजनक व्याख्यान दिए गए, जिसका कई हिन्दू संगठन और धार्मिक गुरु विरोध करते रहे जिसकी वजह से उन्हें गलत आरोपों में फँसाया गया ।
आखिर क्या कारण है ?? की केवल हिन्दू धार्मिक गुरु आरोपित होते रहे हैं या उनके खिलाफ आरोप लगाये जाते रहे हैं परन्तु मुस्लिम और ईसाई धर्मगुरु बचे रहते हैं !!.
पुरे विश्व से मुस्लिम देशो और ईसाई संस्थानों से देश में अरबो रुपया धर्मान्तरण और ऐसे गलत कार्यो के लिए आता है जो गैर सरकारी संगठनो (NGO) के द्वारा देश विरोधी कार्यो में खर्च किया जाता है ।
देश में चर्च के पास अपार सम्पति है जिसकी एक झलक देखिये.:-
1. देश में रोमन कैथोलिक चर्च में पादरियों की संख्या पुरे विश्व से 5 गुनी है.
2. पुरे देश में चर्च के पास कई लाख करोड़ की संपत्ति है.
3. चर्च में काम करनेवालो की संख्या(EMPLOYEES) भारत सरकार के बाद दुसरे नंबर की है.
4. देश के सबसे बड़े चर्च कैथोलिक चर्च के पास `सबसे ज्यादा बिना खेती वाली जगह है।
5. हर साल चर्च का बजट नेवी के पुरे बजट के बराबर है. 2001-2012 के बीच 175 बिलियन डॉलर का फण्ड था, जिसमे 1,03724 करोड़ NGOS को दिया गया.
इसके दुरप्रयोग से बचने के लिए इसे (1) RTI के अंतर्गत लाना चाहिए जिससे पुरे तथ्यों का पता चल सके. (2)..हिन्दूओ की तरह दुसरे धर्म के पूजास्थल भी सरकारी नियंत्रण में रहे । (३.) सभी तरह के धर्मान्तरण के खिलाफ कानून बने।
( ४.)जनता को इसके प्रति जागृत दी जाये.
राष्ट्रपति ओबामा ने कूटनीतिक मर्यादा को छोड़ पहले देश में और फिर अपने देश में भारत में अल्पसंख्यकों की असुरक्षा के बारे में सवाल उठाये और चर्चो में होने वाले मामूली लूटमार और तोड़-फोड़ की घटना को ऐसा उठाना शुरू किया जैसे पूरा देश नष्ट-भ्रष्ट हो गया हो । ऐसी घटनाये केवल चर्च में ही नहीं बल्कि गुरुद्वारों और मंदिरों में भी हुई और मूर्तियां चोरी की घटनाये रोज़ होती है ।
चर्च में २-३ जगह चोरो ने चोरी के लिए तोड़- फोड़ की कभी घंटा चुरा लिया, कभी पैसे चुराकर कुछ शीशे तोड़े ये कोई बड़ी घटना नई नहीं थी और होती रहती थी परन्तु जिस तरह इसे साम्प्रदायिक रंग दिया गया उसके पीछे एक साजिश स लगती है। पहले पूर्व पुलिस अधिकारी जूलियन रिबोरो ने और फिर पूर्व नौसेना प्रमुख सुशील कुमार ने ऐसी आवाज़ उठाई जैसे देश सुरक्षित नहीं है।
चर्च द्वारा जानबूझ के सोनिया गाँधी को समर्थन देने के लिए यहाँ के ईसायियो को उकसाया गया । जंतर मंतर पर प्रदर्शन भी किया गया था जिसमे आम आदमी पार्टी भी शामिल थी.इसी तरह कोलकत्ता में एक 71 साल की नन के साथ बलात्कार की घटना हुयी और चोरी भी
परन्तु सेक्युलर ब्रिगेड,मीडिया,मानवाधिकार संगठन, कुछ हिन्दू विरोधी लेखको ने हर घटना के पीछे हिन्दू संगठनो को आरोपित किया, जब असली आरोपी बंगलादेश के मुस्लिम पकडे गए उसके बाद इन सभी सेक्युलर ब्रिगेड को सांप सूंघ गया । हमारे देश में यही हाल है ।
सबसे ज्यादा मामले को इंग्लिश मीडिया, टीवी चैनल्स और लेखक जैसे कारण था पर बरखा दत्ता, राजदीप, अर्नब गोस्वामी ने हिन्दू संगठनो को बदनाम किया ।

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