[05:43, 2/06/2015] कुनाल चन्दाकर: सॉफ्टड्रिंक्स में समाई हुई डायबटीज -
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार पूरी दुनिया में हर वर्ष एक लाख अस्सी हजार मौतें सॉफ्टड्रिंक्स की वजह से होती हैं,
जो कि केंसर और एड्स से होने वाली कुल मौतों से भी ज्यादा है. .
आखिर क्या कारण है कि आज डायबटीज एक महामारी से भी बड़ी बीमारी बनती जा रही है?
ध्यान दे
छोटी सी 350 मि.ली. की बाटल
पीने के बाद उसके कारण हमारे शरीर
के अति महत्वपूर्ण अंगो जैसे कि लीवर,
किडनी और हार्ट पर क्या असर पड़ता है; आइये
इसकी हम एक झलक देखते हैं –
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार पूरी दुनिया में हर वर्ष एक लाख अस्सी हजार मौतें सॉफ्टड्रिंक्स की वजह से होती हैं,
जो कि केंसर और एड्स से होने वाली कुल मौतों से भी ज्यादा है. .
आखिर क्या कारण है कि आज डायबटीज एक महामारी से भी बड़ी बीमारी बनती जा रही है?
ध्यान दे
छोटी सी 350 मि.ली. की बाटल
पीने के बाद उसके कारण हमारे शरीर
के अति महत्वपूर्ण अंगो जैसे कि लीवर,
किडनी और हार्ट पर क्या असर पड़ता है; आइये
इसकी हम एक झलक देखते हैं –
1) 10 मिनिट में हमारे शरीर की कुल
दैनिक जरूरत से ज्यादा 10 चम्मच शक्कर हमारे अंदर पहुँच जाती है. सॉफ्टड्रिंक में मौजूद फास्फोरिक एसिड इस मिठास को हमे महसूस नहीं होने देता, वर्ना हमे उल्टी हो जाती और यह शुगर बाहर निकल जाती.
दैनिक जरूरत से ज्यादा 10 चम्मच शक्कर हमारे अंदर पहुँच जाती है. सॉफ्टड्रिंक में मौजूद फास्फोरिक एसिड इस मिठास को हमे महसूस नहीं होने देता, वर्ना हमे उल्टी हो जाती और यह शुगर बाहर निकल जाती.
2) 20 मिनिट बाद हमारा शरीर बहुत सारा इन्सुलिन तेजी से बनाता है और ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ता है; फिर इतनी शुगर को पचाने के लिये हमारे लीवर को ओवरलोडिंग में काम कर इस शुगर को फेट में परिवर्तित करना पड़ता है, जिससे हमारा मोटापा बढ़ने लगता है.
3) 40 मिनिट बाद सॉफ्टड्रिंक में मौजूद कैफीन शरीर में समा जाती है. इस कारण हमारी आखों की पुतलियाँ ज्यादा खुल जाती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिसके कारण ह्रदय की भी ओवरलोडिंग होने लगती है. हार्ट को और ज्यादा एनर्जी देने के लिये लीवर को बहुत ज्यादा शुगर ब्लड में पंप कर ह्रदय की तीव्र गतिशीलता बनाये रखने की कोशिश की जाती है.
4) 45 मिनिट बाद शरीर में डोपमाइन नामक केमिकल बनता है, जिससे मन को आनंद का एहसास होता है. इस तरह
वह मनुष्य इस सॉफ्टड्रिंक का आदी बन जाता है.
यह क्रिया ऐसी ही होती है जैसे कि हेरोइन आदि नशीली वस्तुओं को लेने के बाद होती है.
वह मनुष्य इस सॉफ्टड्रिंक का आदी बन जाता है.
यह क्रिया ऐसी ही होती है जैसे कि हेरोइन आदि नशीली वस्तुओं को लेने के बाद होती है.
5) 60 मिनिट बाद सॉफ्टड्रिंक में मौजूद फास्फोरिक एसिड हमारे शरीर के पोषण के लिये जरूरी केल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक को हमारी आँतों में ही रोक लेता है. फिर केफीन इनसे क्रिया कर इन्हें मल-मूत्र के साथ शरीर से बाहर कर देता है. इस तरह हमारे शरीर के पोषण व विकास के लिये जरूरी केल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक बिना किसी फायदे के निष्फल हो जाते हैं.
6) इम्पीरियल कॉलेज लंदन की
रिसर्च के अनुसार सॉफ्टड्रिंक की हर बोतल के साथ टाइप-2 डायबटीज का खतरा 20% ज्यादा बढ़ जाता है. इसका कारण यह है कि सॉफ्टड्रिंक में मौजूद कैरेमल नामक रसायन हमारे शरीर में इन्सुलिन बनने की प्रक्रिया को धीमे कर देता है.
फिर एक दिन ऐसा आता है, जब हमारा शरीर इन्सुलिन बनाना पूरी तरह बंद कर देता है और हमें भी डायबटीज हो
जाती है.
रिसर्च के अनुसार सॉफ्टड्रिंक की हर बोतल के साथ टाइप-2 डायबटीज का खतरा 20% ज्यादा बढ़ जाता है. इसका कारण यह है कि सॉफ्टड्रिंक में मौजूद कैरेमल नामक रसायन हमारे शरीर में इन्सुलिन बनने की प्रक्रिया को धीमे कर देता है.
फिर एक दिन ऐसा आता है, जब हमारा शरीर इन्सुलिन बनाना पूरी तरह बंद कर देता है और हमें भी डायबटीज हो
जाती है.
7) प्रो. निक वेअरहेम लंदन के अनुसार अब वक़्त आ गया है,
जब हमें चाहिये कि सॉफ्टड्रिंक की बोतलों के प्रयोग पर भी तम्बाकू उत्पादों की तरह ही स्वास्थ्य चेतावनी रहे.
[06:02, 2/06/2015] कुनाल चन्दाकर: 🙏🌷🌸GURUVANI🌸🌷🙏
जब हमें चाहिये कि सॉफ्टड्रिंक की बोतलों के प्रयोग पर भी तम्बाकू उत्पादों की तरह ही स्वास्थ्य चेतावनी रहे.
[06:02, 2/06/2015] कुनाल चन्दाकर: 🙏🌷🌸GURUVANI🌸🌷🙏
🌞BAPUMAY SUPRABHAT🌞
👍🌹जिसके जीवन में
समय का मूल्य नहीं,
कोई उच्च लक्ष्य नहीं, उसका
जीवन बिना स्टियरींग की गाड़ी
जैसा होता है। साधक अपने
एक-एक श्वास की कीमत
समझता है, अपनी हर चेष्टा का
यथोचित मूल्यांकन करता है।🌹👍
समय का मूल्य नहीं,
कोई उच्च लक्ष्य नहीं, उसका
जीवन बिना स्टियरींग की गाड़ी
जैसा होता है। साधक अपने
एक-एक श्वास की कीमत
समझता है, अपनी हर चेष्टा का
यथोचित मूल्यांकन करता है।🌹👍
🙏🌷🌸GURUVAN
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2001 में USA में McDonald के उपर हिंदू संगठनों ध्वारा केस दाखिल होने के स्वीकार किया की frenchfry को टेस्टी बनाने के लिए गौमांस का उपयोग करते थे और पूर्ण शाकाहारी कहकर बेचते थे।
-2013 में UK की बहुत बड़ी कंपनी BurgerKing का स्केन्डल बाहर आया की बर्गर में गौमांस कहकर सस्ता घोड़े का मांस परोसते थे। ईस कौभांड का असर Nestle और Tesco के उपर भी पड़ा।
- 2010 में USA में Kellogg's के Corn Pops, Honey Smacks और Apple Jack खाने के बाद बड़ी मात्रा में लोगों को चक्कर और diarrhoea की कंम्पलेन के बाद जाँच हुई तब पता चला क उसमें पेट्रोल बेझ कंम्पाउन्ड मिलाया था।
- 1950 में USA की PepsiCo कंपनी की conglomerate प्रोडक्ट में मंदबुध्धि बच्चों के खुराक में प्रयोग के लिए रेडियो एक्टिव पदार्थ मिलाये थे। उस वक्त केस हार जाने के बाद 1.85 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरना पड़ा।
हिंदुस्तान में केवल मैगी ही नहीं चिप्स, बिस्कुट, चॉकलेट, दूध, घी, तेल, मिठाई, मसाले, सब्ज़ियाँ और फल, सब कुछ मिलावटी आता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण गहरी नींद से जाग तो उठा है लेकिन पता नहीं कि "उठा है पूत तो कुछ करके दिखायेगा" या ……………।
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2001 में USA में McDonald के उपर हिंदू संगठनों ध्वारा केस दाखिल होने के स्वीकार किया की frenchfry को टेस्टी बनाने के लिए गौमांस का उपयोग करते थे और पूर्ण शाकाहारी कहकर बेचते थे।
-2013 में UK की बहुत बड़ी कंपनी BurgerKing का स्केन्डल बाहर आया की बर्गर में गौमांस कहकर सस्ता घोड़े का मांस परोसते थे। ईस कौभांड का असर Nestle और Tesco के उपर भी पड़ा।
- 2010 में USA में Kellogg's के Corn Pops, Honey Smacks और Apple Jack खाने के बाद बड़ी मात्रा में लोगों को चक्कर और diarrhoea की कंम्पलेन के बाद जाँच हुई तब पता चला क उसमें पेट्रोल बेझ कंम्पाउन्ड मिलाया था।
- 1950 में USA की PepsiCo कंपनी की conglomerate प्रोडक्ट में मंदबुध्धि बच्चों के खुराक में प्रयोग के लिए रेडियो एक्टिव पदार्थ मिलाये थे। उस वक्त केस हार जाने के बाद 1.85 मिलियन डॉलर का जुर्माना भरना पड़ा।
हिंदुस्तान में केवल मैगी ही नहीं चिप्स, बिस्कुट, चॉकलेट, दूध, घी, तेल, मिठाई, मसाले, सब्ज़ियाँ और फल, सब कुछ मिलावटी आता है। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण गहरी नींद से जाग तो उठा है लेकिन पता नहीं कि "उठा है पूत तो कुछ करके दिखायेगा" या ……………।
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भारत में सेंटर फॉर पीस एंड स्पीरिचुअलिटी के संस्थापक और इस्लामी विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन ख़ान कहते हैं कि -
"मुसलमानों को भारत में जो कुछ मिला है वह हिंदू और गैर मुसलमान समुदाय की मेहरबानी है और उन्हें इस देश में जो कुछ भी मिला है, उसका उन्हें अधिकार ही नहीं था इसलिए उन्हें ज़्यादा उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि , किसका कितना हिस्सा?"
1947 के विभाजन की दलील ही ये थी कि पाकिस्तान मुस्लिम का और भारत हिंदुओं और गैर मुसलमानो का तो फिर इस देश में मुसलमानों को और क्या चाहिए..?
"मुसलमानों को भारत में जो कुछ मिला है वह हिंदू और गैर मुसलमान समुदाय की मेहरबानी है और उन्हें इस देश में जो कुछ भी मिला है, उसका उन्हें अधिकार ही नहीं था इसलिए उन्हें ज़्यादा उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि , किसका कितना हिस्सा?"
1947 के विभाजन की दलील ही ये थी कि पाकिस्तान मुस्लिम का और भारत हिंदुओं और गैर मुसलमानो का तो फिर इस देश में मुसलमानों को और क्या चाहिए..?
विद्वान मौलाना वहीदुद्दीन ख़ान ये भी कहते हैं कि -
"स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान मुसलमानों ने जो बलिदान , योगदान दिए उनके बदले उन्हें पाकिस्तान के रूप में एक अलग देश मिल गया और इस तरह उन्होंने अपनी क़ुर्बानियों को भुना लिया, भारत विभाजन की तो दलील ही ये थी कि भारत हिंदू और गैर मुसलमानो का और पाकिस्तान मुसलमान का, तो फिर अब भारत में उनका अधिकार कैसा, इसके उल्टे हिंदु समुदाय ने बड़ी बात की है कि आज़ाद भारत में भी मुसलमानों को बराबरी का दर्जा दे दिया."
"स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान मुसलमानों ने जो बलिदान , योगदान दिए उनके बदले उन्हें पाकिस्तान के रूप में एक अलग देश मिल गया और इस तरह उन्होंने अपनी क़ुर्बानियों को भुना लिया, भारत विभाजन की तो दलील ही ये थी कि भारत हिंदू और गैर मुसलमानो का और पाकिस्तान मुसलमान का, तो फिर अब भारत में उनका अधिकार कैसा, इसके उल्टे हिंदु समुदाय ने बड़ी बात की है कि आज़ाद भारत में भी मुसलमानों को बराबरी का दर्जा दे दिया."
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