संस्कृत वाक्य अभ्यासः
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पिता-पुत्रयोः सम्वादः
पिता - वत्स ,त्वं किं करोषि ?
= बेटा , तुम क्या कर रहे हो ?
= बेटा , तुम क्या कर रहे हो ?
पुत्रः - अधुना अहं किमपि न करोमि
= अभी मैं कुछ नहीं कर रहा हूँ
= अभी मैं कुछ नहीं कर रहा हूँ
पिता - किमर्थं न करोषि ?
= क्यों नहीं कर रहे हो ?
= क्यों नहीं कर रहे हो ?
पुत्रः - अधुना करिष्यामि
= अभी करूँगा ।
= अभी करूँगा ।
पिता - व्यर्थमेव न उपवेषणीयम्
= व्यर्थ में नहीं बैठना चाहिए ।
= व्यर्थ में नहीं बैठना चाहिए ।
पिता - किं करिष्यसि ?
= क्या करोगे ?
= क्या करोगे ?
पुत्रः - पठिष्यामि
= पढूँगा ।
= पढूँगा ।
पिता - कदा पठिष्यसि ?
= कब पढ़ोगे ?
= कब पढ़ोगे ?
पुत्रः - आम् , पठिष्यामि तात
= हाँ पढूँगा पिताजी ।
= हाँ पढूँगा पिताजी ।
पिता - " पश्यामि सः किं करोति "
= देखता हूँ वह क्या कर रहा है
पिता - ओह , त्वं तु लिखसि
= ओह , तुम तो लिख रहे हो
= देखता हूँ वह क्या कर रहा है
पिता - ओह , त्वं तु लिखसि
= ओह , तुम तो लिख रहे हो
पिता - किं लिखसि पुत्र ?
- क्या लिख रहे हो बेटा ?
- क्या लिख रहे हो बेटा ?
पुत्र - अहं मातरं पत्रं लिखामि
= मैं माँ को पत्र लिख रहा हूँ ।
= मैं माँ को पत्र लिख रहा हूँ ।
पुत्रः - मातुलस्य गृहात् शीघ्रम् आगच्छतु ।
= मामा के घर से जल्दी आ जाईये
= मामा के घर से जल्दी आ जाईये
पिता - किमर्थम् ?
= क्यों ?
= क्यों ?
पुत्रः - मातरं विना मम मनः न लगति
= माँ के बिना मेरा मन नहीं लग रहा है ।
= माँ के बिना मेरा मन नहीं लग रहा है ।
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