Saturday 28 November 2015

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आज गुरु नानक जयंती (प्रकाश पर्व) है। गुरु नानक जी का जन्म पंजाब के छोटे से शहर तलवंडी में हुआ था। इन्होंने बड़े होकर अपना समूचा जीवन धार्मिक कट्टरता और धर्म के नाम पर होने वाले अत्याचारों और अनाचारों का विनाश करने के लिए समर्पित कर दिया।

इनके बहुत से किस्से प्रचलित हैं। इन्हीं में से एक आश्चर्यजनक और अद्भुत किस्सा हम आपको बताने जा रहे हैं। दरअसल, नानक जी बचपन से ही अक्सर खामोश रहा करते थे। उन्हें देखकर ऐसा लगता था कि वो किसी गहरे चिंतन में हैं। इसलिए उनके पिता कालूराय बेदी जी ने पशुओं को चराने का काम सौंपा।

वह सुबह जाते और शाम को नियत समय पर लौट आते। एक दिन नानक जी पशुओं को चराने के लिए गए हुए थे और वहां उन्हें नींद आ गई। तभी तलवंडी का शासक राय दुलार उस रास्ते से निकला। उसने देखा एक बालक पेड़ के नीचे सोया हुआ है और उसके पास एक नाग फन फैलाकर बैठा हुआ है।

वह नाग अपने फन से उस बालक के चेहरे पर आ रही सूर्य की तेज किरणों को रोक रहा था। पेड़ की छांव जिस और हटती नाग उस ओर फन कर लेता। यह देखकर राय दुलार हैरान हो गया। उन्होंने सोचा यह बालक बड़ा होकर जरूर बहुत बड़ा संत या सम्राट बनेगा। इस घटना के बारे में जिसने भी सुना वह हैरान रह गया। बता दें कि नानक जी बचपन से ही बेहद कुशाग्र बुद्धि के थे और वे फारसी भाषा के भी विद्वान थे।

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