Saturday 22 September 2018

 ईसाई मिशनरियां अब सनातन धर्म की पुरानी पुस्तकों को निशाना बना रही हैं...//
 पुराणों और दूसरे ग्रंथों में वो इस तरह के शब्द घुसाने में जुटे हैं जिनके आधार पर कुछ साल बाद साबित किया जा सके कि हिंदू धर्म के ग्रंथों में जिस भगवान की बात कही गई है वो कोई और नहीं बल्कि ईसा मसीह हैं। इसी तरह हिंदू धर्म को ईसाई धर्म से पैदा हुआ बताने की कोशिश भी चल रही है। ताकि यूरोप में ईसाई से हिंदू धर्मांतरण को रोका जा सके।
पहला निशाना बना ईशवास्य उपनिषद
ईशवास्य या ईशोपनिषद  एक उपनिषद है। इसमें ब्रह्म और आत्म का ज्ञान समाया हुआ है। हाल ही में पता चला कि अमेज़न की वेबसाइट पर इसी नाम से एक किताब बिक रही है, जिसमें ईशवास्य उपनिषद को ईसा मसीह से जोड़ने की कोशिश की गई है। इसे लिखने वाले प्रोफेसर एम एम निनान ने इसी तरह से हिंदू धर्म की कई और किताबों को ईसाई धर्म से जोड़ने की कोशिश की है। एम एम निनान दरअसल एक ठग है, जिसे हिंदू धर्म को नीचा दिखाने की सुपारी दी गई है।
 इसी लेखक ने एक किताब ऋग्वेद पर लिखी है जिसमें ऊल-जलूल तर्कों के आधार पर साबित करने की कोशिश की है कि ऋग्वेद कुछ साल पहले ही लिखा गया था और इसमें बाइबिल से सारी बातें कॉपी की गई हैं। एक किताब में लेखक ने हिंदू धर्म को ईसाई धर्म से पैदा हुआ बताया है।
धर्म के नाम पर धोखेबाजी की कोशिश
दरअसल ईसाई धर्म यूरोप और अमेरिका में ही अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। रूस और कई दूसरे देशों में ईसाई धर्म की संस्थाएं धीरे-धीरे कमजोर हो रही हैं। शांति की तलाश में लोग हिंदू और बौद्ध जैसे सनातन धर्मों की तरफ बढ़ रहे हैं। इस प्रक्रिया को रोकने और आने वाली पीढ़ियों के लिए हिंदू धर्म की बिल्कुल गलत तस्वीर पेश करने की नीयत से ये किताबें बीते कुछ साल में लिखवाई गई हैं।
 इस साजिश में अमेज़न जैसे पोर्टल भी शामिल हैं। जो इन फर्जी किताबों को इंटरनेट के जरिए दुनिया भर में फैलाने में जुटे हैं। सोशल मीडिया के जरिए लोगों ने इस तरह की कोशिशों पर विरोध दर्ज कराया है।
कुमार अवधेश सिंह

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