Saturday 29 September 2018

हर महीने १०-१२ बच्चियों को




आपकी सेक्यूलरिज्म का बोझ आपके बच्चे उठा रहे हैं?
यह रेहान कुरैशी है। अभी तक १०० से अधिक बच्चियों का रेप कर चुका है। हर महीने १०-१२ बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाता था। मुंबई पुलिस ने इस सीरियल रेपिस्ट को पकड़ा है। यह 'रेप-जिहाद' का हिस्सा है।
आपको आश्चर्य होगा कि इस समय अनगिनत 'रेहानों' को शरण देने वाला समूचा यूरोप 'रेप-जिहाद' की चपेट में है। पाकिस्तानियों, सीरियाई शरणार्थियों आदि ने गोरों की छोटी-छोटी बच्चियों का रेप करने के लिए 'ग्रूमिंग-गैंग' बना रखा है। 'रेहानों' की शक्ल में यह 'रेप-जिहादी' भारत में भी बढ़ने का संकेत दे रहे हैं।
यह पूरी तरह से बीमार मानसिकता के लोग हैं! आप इनकी हैवानियत से वाकिफ नहीं है। इसलिए घर के बाहर या अंदर किसी भी 'रेहान कुरैशी' पर भरोसा न करें। अपने बच्चों और घर की महिलाओं के पास इन्हें फटकने न दें।
हमारे पूर्वजों ने तब पर्दा प्रथा, बाल विवाह, रात्रि विवाह अपना कर अपनी बेटियों को 'रेहानों' से बचाया था, आप जागरूकता फैला कर, इनकी किताबी सच्चाई बचपन से अपने बच्चों को बताकर, अपने घर को 'रेहानों' से महफूज बनाइए।
यदि सचमुच आप अपने बच्चों से प्यार करते हैं, उन्हें सुरक्षित रखना और देखना चाहते हैं, तो जगिए और जगाइए! अन्यथा रोते रहिएगा, क्योंकि यदि ऐसे 'रेहान' को जेहाद की बीमारी लगी है तो आपको कुछ न समझने वाली 'सेक्यूलरिज्म' की! याद रखिए आपके सेक्यूलरिज्म का बोझ आपके बच्चों को उठाना पड़ेगा!
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ब्लैकमेलिंग.....
 11 सूत्रीय मांगों को लेकर कथित किसानों का हज़ारों किसानों का जत्था अपनी मांगों को लेकर दिनाक 23 सितंबर से रवाना हुआ था...यह तथाकथित किसान हरिद्वार,रुड़की मुज़फ्फरनगर ,मेरठ होते हुए कल गाज़ियाबाद में इकट्ठे हो गए थे...और  दिल्ली कूंच की तैयारी थी... कुछ किसान नेता कह रहे थे कि वह चरणसिंह की समाधि पर पुष्प चढ़ाने जा रहे थे तो कुछ गांधी समाधि पर बैठकर सरकार को अपनी 11 सूत्री मांगे मानने के लिए विवश करेंगे. 1 अक्टूबर से मेरठ रोड, NH-24,साहिबाबाद हिंडौन ब्रिज इत्यादि को कथित किसानों ने घेर लिया था...रोडवेज बसें और ट्रैफिक का सत्यानाश हो गया...लाखों लोग इस अराजकता से दुखी और प्रताड़ित है !!

खबरे योगी जी तक पहुचीं,योगी जी ने गाज़ियाबाद पहुचकर आंदोलन के नेताओं को बुलाया ,बात सुनी मगर यह मांगे नहीं, 2019 को लेकर खुली ब्लैक मेलिंग हैं...
पिछले वर्ष ही 36000 करोड़ का किसानों का ऋण माफ किया गया,अब नए और शेष ऋणों की माफी भी चाहिए...प्रत्येक किसान को 100 % फ्री बिजली चाहिए...MSP, लागत से नए फार्मूले के हिसाब से ढाई गुना चाहिए... प्रत्येक किसान जो अपने खेत मे काम करेगा... वह एक मजदूर के रूप में मनरेगा के तहत मजदूरी भी सरकार से लेगा...दस साल से ज़्यादा पुराना ट्रैक्टर प्रयोग करेगा...फसल बीमा भी और फ़ायदेदार होना चाहिए...किसान को पेंशन भी मिले... इन किसानों में अधिकतर अजित सिंह समर्थक... भाजपा विरोधी और सेकुलर-मुस्लिम गठजोड़ वाले लोग सक्रिय हैं...

सुबह वही हुआ जो सेकुलर,केजरीवाल और कांगी चाहते हैं.. किसानों ने 100 से ज़्यादा ट्रैक्टरों से बैरिकेडिंग लगभग तोड़ दी...पुलिस ने बल प्रयोग न के बराबर किया,सिर्फ वाटर कैनन का प्रयोग हुआ,उससे किसानों पर कोई फर्क नहीं पड़ा...प्रत्येक किसान लाठी डंडों से लैस था..कथित किसानों ने लाठी डंडों से पुलिस की पिटाई शुरू कर दी....कुछ किसान तो वाकई अखाड़े में जैसे लाठी चलाई जाती है,वैसे लाठियां भांज रहे थे...जब पथराव शुरू हुआ तो पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और बेहद हल्का लाठी चार्ज किया...पैरों को निशाने पर लेकर चंद रबड़ की गोलिया चलाईं....मीडिया के भेड़िए तैयार थे....चीखना शुरू कर दिया कि "अन्नदाता पर लाठीचार्ज किया जा रहा है" .....कुत्तों को हड्डी मिल गई....

 इस सरकार ने जो किया है वह अप्रतिम है...सारी योजनाएं किसानों को केंद्र में रखकर बनाई गईं हैं...ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 16 घंटे की फुल वोल्टेज के साथ बिजली आपूर्ति हो रही है... उज्ज्वला योजना,प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वास्थ्य बीमा ,यूरिया की शानदार सप्लाई ,बीज और स्वाइल टेस्टिंग इत्यादि जैसी योजनाएं किसानों को केंद्र में रखकर बनाई गईं हैं...36000 करोड़ एक प्रदेश के लिए छोटी रकम नहीं होती ,उसे माफ़ किया गया....अहसान फरामोशी की हद होती है..
 आंदोलन के नेता राकेश टिकैत सरकार 7 बड़ी मांगे माने जाने से संतुष्ट दिखे.....मगर आंदोलन में घुसे हुए 'सेकुलर तत्व' हिंसा भड़काने पर आमादा

Pawan Saxena

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महाभारत से पहले कृष्ण भी गए थे दुर्योधन के दरबार में. यह प्रस्ताव लेकर, कि हम युद्ध नहीं चाहते. तुम पूरा राज्य रखो. पाँडवों को सिर्फ पाँच गाँव दे दो.. दुर्योधन कितना अनरीजनेबल, कितना अन्यायी था. वे पाँडवों को सिर्फ यह दिखाने गए थे, कि देख लो बेटा...युद्ध तो तुमको लड़ना ही होगा...हर हाल में. तुम कितना भी संतोषी हो जाओ, कितना भी चाहो कि घर में चैन से बैठूँ, दुर्योधन तुमसे हर हाल में लड़ेगा ही.
लड़ना या ना लड़ना तुम्हारा ऑप्शन नहीं है...
फिर भी बेचारे अर्जुन को आखिर तक शंका रही...
कृष्ण ने सत्रह अध्याय तक फंडा दिया... फिर भी शंका थी..
ज्यादा अक्ल वालों को ही ज्यादा शंका होती है...
दुर्योधन को कभी शंका नही थी,उसे हमेशा पता था कि उसे युद्ध करना ही है...उसने गणित लगा रखा था.
हिन्दुओं को भी समझ लेना है... conflict होगा या नहीं, यह आपका ऑप्शन नहीं है...
आपने तो पाँच गाँव का प्रोपोजल भी देकर देख लिया...
देश के टुकड़े मंजूर कर लिए, हर बात पर विशेषाधिकार देकर देख लिया. हज के लिए सबसीडी देकर देख ली, उनके लिए अलग नियम कानून बनवा कर देख लिए..
आप चाहे जो कर लीजिए, उनकी माँगें नहीं रुकने वाली. उन्हें सबसे स्वादिष्ट उसी गौमाता का माँस लगेगा जो आपके लिए पवित्र है, उसके बिना उन्हें भयानक कुपोषण हो रहा है. उन्हें सबसे प्यारी वहीं मस्जिदें हैं, जो आपके मंदिरों को तोड़ कर बनी हैं. उन्हें सबसे ज्यादा परेशानी उसी आवाज से है जो मंदिरों और पूजा-पंडालों से है.
यह माँगें गाय को काटने तक नहीं रुकेंगी...
यह समस्या मंदिरों तक नहीं रहने वाली,
यह आपके घर तक आने वाली है...
आपकी बहू-बेटियों तक जाने वाली है...
आज का तर्क है, तुम्हें गाय इतनी प्यारी है तो सड़कों पर क्यों घूम रही है, हम तो काट कर खाएँगे.
कल कहेंगे, तुम्हारी बेटी की इतनी इज्जत है तो वह घर से क्यों निकलती है, हम तो उठा कर ले जाएँगे.
उन्हें समस्या गाय से नहीं है, तुम्हारे अस्तित्व से है.
तुम जब तक हो, उन्हें कुछ bना कुछ प्रॉब्लम रहेगी.
इसलिए अर्जुन, और डाउट मत पालो...
कृष्ण घंटे भर की क्लास बार-बार नहीं लगाते..देवेश कुमार त्यागी





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