Wednesday, 6 August 2014

मेरठ : युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन के प्रकरण में पुलिस ने पीड़िता को अदालत में पेश किया। एक घंटे में एक माह की आपबीती को बयां किया किया।
पीड़िता बोली, तीन साल पहले जब मैं इंटरमीडिएट में पढ़ रही थी। तभी पड़ोस में रहने वाले हसमत की बेटी निशात ने मुझसे दोस्ती की। निशात मेरे साथ बीए फाइनल तक साथ पढ़ी। उसने तभी से इस्लाम धर्म की अच्छाइयों को बताना शुरू कर दिया था, जब मैं नौकरी तलाश रही थी। तभी निशात ने मेरी मदद की और मदरसे में १५०० रुपये प्रतिमाह में की नौकरी दिलाई। मदरसे में अंग्रेजी और हिंदी पढ़ाने लगी थी। इसी बीच 29 जून को गांव के सनाउल्ला अपनी बीवी समरजहां के साथ मिलकर ग्राम प्रधान नवाब की मद्द से बुर्का पहना कर बाइक से उठा ले गए। पहले हापुड़ के मदरसे में रखा गया। इसके बाद गढ़ के दतोई स्थित मदरसे में ले जाकर नशे देकर चार लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद मदरसे में रखकर बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन करा दिया। बाकायदा जो शपथ पत्र तैयार किया, उस पर जन्नत बुशरा नाम से हस्ताक्षर भी उन्होंने खुद ही कर दिए। उसके बाद घर लौट गई। 8 जुलाई को हालत बिगड़ने पर सनाउल्ला को मामले की जानकारी दी गई। सनाउल्ला 23 जुलाई को वहां से पहले मेरठ ले गया, जहां एक अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराया गया, जिसमें गर्भाशय की फेलोपियन ट्यूब में गर्भ धारण होने के कारण मुजफ्फरनगर ले गए। वहां ऑपरेशन कराने के बाद मुस्तफा कालोनी स्थित एक मदरसे में रखा गया। वहां से बाहर भेजने की तैयारी चल रही थी। पता चला की उससे पहले भी कुछ युवतियों को बाहर भेजा जा चुका है। इसी के डर से घबरा गई और वहां भाग आई। बाहर आकर इमरान नामक युवक ने सहायता देकर बस स्टैंड तक पहुंचा दिया, जहां से बस में सवार होकर मेरठ के भैसाली बस स्टैंड पहुंची और परिजनों को मामले की जानकारी दी।
गाय का मांस खिलाने की कोशिश की
मुजफ्फरनगर के मदरसे में ढाई किलो गाय का मीट मंगाया गया। उसे खाने से इन्कार किया तो मछली बनवाई गई। मछली भी खाने से इन्कार किया तो तब जाकर बिस्कुट लाकर दिए।
'आपकी अमानत आपकी सेवा में' पढ़ाई गई
पीड़िता ने बताया कि, मदरसे में धर्म परिवर्तन से पहले मौलाना सिद्दीकी की लिखी हुई आपकी अमानत आपकी सेवा में किताब को पढ़ाया गया, जिसमें लिखा था कि, इस्लाम धर्म में ही असली जन्नत है। बताया गया कि ईद के मौके पर धर्म कबूलना जन्नत में जाना होता है। कुछ देर तो मैं भी बहक गई थी। अपने धर्म से भटक कर इस्लाम में विश्वास होने लगा था। इस्लाम धर्म कबूल नहीं करने पर भाई की हत्या करने की धमकी भी दी गई थी।
इन्होंने कहा..
१. हमारी बेटी को ताबीज देकर अपने बस में कर लिया था। नवाब प्रधान ने उसे पांच हजार रुपये की विक्की दिलवाने का झांसा दिया। उसके बाद उसे अगवा की इस्लाम धर्म कबूल करवा दिया। चार लोगों ने बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर गर्भाशय से ट्यूब निकला दी। अब तो आरोपियों को फांसी और निक्कमे पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की जाए। - पीड़िता की मां
२. युवती पिछले एक वर्ष से मदरसे में अंग्रेजी और हिंदी पढ़ाती थी। लेकिन ज्यादातर छुट्टी पर रहने के कारण पंद्रह मई को ही उसे मदरसे से निकाल कर दिया था। उसके बाद क्या हुआ है? इस पूरे प्रकरण से हम अनभिज्ञ है। -मदरसे के हाफिज
स्त्रोत : जागरण
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यूपी के दोनों प्रमुख अखबार दैनिक जागरण और अमर उजाला के अनुसार मेरठ काण्ड के पीछे यूपी की सपा सरकार का एक वरिष्ठ मंत्री ही मास्टरमाइंड है ..
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लव जिहाद .......
देखो हिन्दू लड़कियों गौर से पड़ो और विचार करो यह कहानी अभी की हैं .........
गुस्ताखी माफ़ पर मेरठ में हुए बलात्कार की सही कहानी भी लोगों को बतानी पड़ेगी , सही कहानी ये है की बलात्कारी की बहन पीड़िता की प्रिय सहेली थी , उसी ने बलात्कारी से उसकी दोस्ती करवाई , मदरसे में नौकरी लगवायी और बाद में बुरखा पहना कर घर से भगाने में मदद की !! कहानी में मोड़ तब आया जब इस "सेक्युलर लड़की" के प्रेमी ने अपने असली रंग दिखाए , दोस्तों के साथ मिलकर मदरसे में सामूहिक बलात्कार किया , जब पता चला की गर्भवती हो गयी तो पूरा गर्भाशय ही निकाल बाहर किया , और अरब में अपने संपर्कों से उसे ठिकाने लगाने की तैयारी कर ली !! तब जाकर हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल कायम करने निकली लड़की को होश आया की वो किन दरिंदों के चंगुल में है और तब जाकर वहां से भाग निकली !! हमारे आस पास भी हम देखते ही हैं की "गंगा जमुनी सेक्युलर सोच" सबसे ज्यादा हिन्दू लड़कियों में ही पायी जाती है !! दुःख होता है पर अब भुगतो !!
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मेरठ कोर्ट में दिया गया पीड़ित युवती का बयान

पीड़ित युवती ने मेरठ कोर्ट में मंगलवार को बयान दर्ज कराया। पीड़ित के मुताबिक, 3 साल पहले जब मैं इंटर में पढ़ रही थी, तब पड़ोस में रहने वाली निशात ने मुझसे दोस्ती की। निशात मेरे साथ बीए फाइनल तक साथ पढ़ी। उसने तभी से इस्लाम धर्म की अच्छाइयों को बताना शुरू कर दिया था, जब मैं नौकरी तलाश रही थी। निशात ने मेरी मदद की और मदरसे में 1500 रुपए प्रति माह की नौकरी दिलाई। मदरसे में अंग्रेजी और हिंदी पढ़ाने लगी थी। इसी बीच 29 जून को गांव का सनाउल्ला अपनी बीवी समरजहां के साथ मिलकर ग्राम प्रधान नवाब की मदद से बुर्का पहना कर मुझे बाइक से उठा ले गए। पहले हापुड़ के मदरसे में रखा गया। इसके बाद गढ़ के दतोई के मदरसे में ले जाकर नशीला पदार्थ खिलाकर चार लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद मदरसे में रखकर बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन करा दिया। जो शपथ पत्र तैयार किया, उस पर जन्नत बुशरा नाम से हस्ताक्षर भी उन्होंने खुद ही कर दिए। उसके बाद मैं घर लौट गई। आठ जुलाई को हालत बिगड़ने पर सनाउल्ला को मामले की जानकारी दी गई।

सनाउल्ला 23 जुलाई को वहां से पहले मेरठ ले गया, जहां एक अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराया गया, जिसमें गर्भाशय की फेलोपियन ट्यूब में गर्भधारण होने के कारण मुजफ्फरनगर ले गए। वहां ऑपरेशन कराने के बाद मुस्तफा कालोनी स्थित एक मदरसे में रखा गया। वहां से बाहर भेजने की तैयारी चल रही थी। पता चला की उससे पहले भी कुछ युवतियों को बाहर भेजा जा चुका है। इसी के डर से घबरा गई और वहां से भाग आई। बाहर आकर इमरान नामक युवक ने सहायता देकर बस स्टैंड तक पहुंचा दिया, जहां से बस में सवार होकर मेरठ के भैसाली बस स्टैंड पहुंची और परिजनों को मामले की जानकारी दी। मुजफ्फरनगर के मदरसे में ढाई किलो गाय का मीट मंगाया गया। उसे खाने से इनकार किया तो मछली बनवाई गई। मछली भी खाने से इनकार किया तो तब जाकर बिस्कुट लाकर दिए।

मदरसे में धर्म परिवर्तन से पहले मौलाना सिद्दीकी की लिखी हुई आपकी अमानत आपकी सेवा में किताब को पढ़ाया गया, जिसमें लिखा था कि, इस्लाम धर्म में ही असली जन्नत है। बताया गया कि ईद के मौके पर धर्म कबूलना जन्नत में जाने जैसा होता है। कुछ देर तो मैं भी बहक गई थी। अपने धर्म से भटक कर इस्लाम में विश्वास होने लगा था। इस्लाम धर्म कबूल नहीं करने पर भाई की हत्या करने की धमकी भी दी गई थी।


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