वियतनाम एक छोटा सा देश जिसने अमेरिका जैसे बड़े व बलशाली देश को झुका दिया। लगभग बीस वर्षों तक चले युद्ध में अमेरिका पराजित हुआ।
अमेरिका पर विजय के बाद वियतनाम के राष्ट्रियाध्यक्ष से पत्रकार ने एक सवाल पूछा।
जाहिर सी बात है कि सवाल यही होगा आप युद्ध कैसे जीते या अमेरिका को कैसे झुका दिया।
जाहिर सी बात है कि सवाल यही होगा आप युद्ध कैसे जीते या अमेरिका को कैसे झुका दिया।
पर उस प्रश्न का दिया उत्तर सुनकर आप हैरान रह जायेंगे व आपका सीना भी गर्व से भर जायेगा। दिया गया उत्तर पढ़िये।
सभी देशों में सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को हराने के लिए मैंने एक महान राजा का चरित्र पढ़ा। और उस जीवनी से मिली प्रेरणा व युद्धनिती का प्रयोग कर सरलता से विजय प्राप्त की। आगे पत्रकार ने पूछा कौन थे वो महान राजा?
मित्रों जब मैंने पढ़ा तब जैसे मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया आपका का भी सीना गर्व से भर जायेगा।
वियतनाम के राष्ट्रियाध्यक्ष ने खड़े होकर जवाब दिया "छत्रपति शिवाजी महाराज"
महाराजा छत्रपति शिवाजी का नाम लेते समय उनकी आँखों में एक वीरता भरी चमक थी। आगे उन्होंने कहा अगर ऐसे राजा ने हमारे देश में जन्म लिया होता तो हमने सारे विश्व पर राज किया होता।
कुछ वर्षों के बाद राष्ट्रियाध्यक्ष की मृत्यू हुई उसने अपनी समाधी पर लिखवाया "शिवाजी महाराज के एक शिष्य की समाधी"।
कालांतर में वियतनाम के विदेशमंत्री भारत के दौरे पर थे। पूर्वनियोजित कार्यक्रमानुसार उन्हें पहले लालकिला व बाद में गांधीजी की समाधी दिखलाई गई। ये सब दिखलाते हुए उन्होंने महाराजा शिवाजी की समाधी कहाँ है पूछा?
तब भारत सरकार चकित रह गयी व रायगढ़ का उल्लेख किया। विदेशमंत्री रायगढ़ आये व राजा शिवाजी की समाधी के दर्शन किये।
समाधी के दर्शन लेने के बाद समाधी के पास की मिट्टी उठाई व अपने बैग में भर ली इस पर पत्रकार ने मिट्टी रखने का कारण पूछा।
समाधी के दर्शन लेने के बाद समाधी के पास की मिट्टी उठाई व अपने बैग में भर ली इस पर पत्रकार ने मिट्टी रखने का कारण पूछा।
मंत्री महोदय ने कहा ये मिट्टी शूरवीरों की है।
इस मिट्टी में एक महान् राजा ने जन्म लिया ये मिट्टी मै अपने देश की मिट्टी में मिला दूंगा ताकि मेरे देश में भी ऐसे ही वीर पैदा हो।
इस मिट्टी में एक महान् राजा ने जन्म लिया ये मिट्टी मै अपने देश की मिट्टी में मिला दूंगा ताकि मेरे देश में भी ऐसे ही वीर पैदा हो।
मेरा यह राजा केवल भारत का गर्व न होकर सम्पूर्ण जग का गर्व होना चाहिए।
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