Saturday 2 August 2014

ताजमहल को हमेशा प्यार की निशानी के तौर पर प्रस्तुत किया जाता है..... और, हमें बताया जाता है कि.... शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में इसे बनवाया था...!लेकिन.. ये सब बताते हुए.... बहुत ही सफाई से .... शाहजहाँ और मुमताज की सच्चाई हमसे छुपा ली जाती है..... ताकि, किसी को सच का आभास तक ना हो पाए....!क्योंकि... जिस दिन लोगों को सच्चाई का पता लग जाएगा...... उस दिन ये प्यार वाली कहानी ठीक उसी तरह हवा हो जायेगी.... जिस तरह बाबासीर हो जाने पर.... तेल मसाले और मिर्ची खाने की इच्छा हवा हो जाती है....!आप यह जानकर हैरान हो जायेंगे कि..... मुमताज का नाम ..... मुमताज महल था ही नहीं.... बल्कि... उसका असली नाम..... ""मुमताज - उल - ज़मानी"" था.....!
और तो और..... जिस शाहजहाँ और मुमताज के प्यार की इतनी डींगे हांकी जाती है....... वो शाजहाँ की ना तो पहली पत्नी थी.... ना ही आखिरी...!मुमताज .... शाहजहाँ की सात बीबियों में चौथी थी.....!इसका मतलब है कि...... शाहजहाँ ने मुमताज से पहले 3 शादियाँ कर रखी थी...... और, मुमताज से शादी करने के बाद भी..... उसका मन नहीं भरा..... तथा.... उसके बाद भी उस ने 3 शादियाँ और की....!क्या कोई मुझे समझा सकता है कि..... अगर शाहजहाँ को मुमताज से इतना ही प्यार था तो..... मुमताज से शादी के बाद भी शाहजहाँ ने.... 3 और शादियाँ क्यों की....?????चलते चलते .... आप यह भी जान लो कि...... शाहजहाँ की सातों बीबियों में सबसे सुन्दर....... मुमताज नहीं ... बल्कि.... इशरत बानो थी.... जो कि उसकी पहली पत्नी थी...!उस से भी घिनौना तथ्य यह है कि...... शाजहाँ से शादी करते समय .....मुमताज कोई कुंवारी लड़की नहीं थी..... बल्कि.... वो शादीशुदा थी....... और, उसका पति शाहजहाँ की सेना में सूबेदार था.... जिसका नाम........ ""शेर अफगान खान "" था....!शाहजहाँ ने 'शेर अफगान खान' की हत्या कर...... मुमताज से शादी की थी.....!
साथ ही यह भी गौर करने लायक बात यह कि ......... मुमताज की मौत ... कोई बीमारी या एक्सीडेंट से नहीं ...... बल्कि..... उसकी चौदहवीं प्रसव के दौरान अत्यधिक कमजोरी के कारण हुई थी....... और, मरते समय उसकी उम्र लगभग 38 साल की थी....!
साथ ही.. यह जानकर आपकी मुंह खुला का खुला रह जायेगा कि..... शाहजहाँ का अपनी ही सगी बेटी ""जहाँआरा "" के साथ भी यौन सम्बन्ध थे.....!
सिर्फ इतना ही नहीं...... शाहजहाँ ने अपनी बेटी जहाँआरा की मदद से .... मुमताज के भाई..... शाइस्ता खान की बीबी के साथ कई बार बार बलात्कार किया था....!
शाहजहाँ के प्यार का अंदाजा इसी बात से लगे जा सकता है कि..... उसके ... अपनी सगी बेटी.... मुमताज के भाई की बीबी...... के अलावा ..... उसकी बहन फरजाना बेगम के साथ भी .... अवैध सम्बन्ध थे...... और, फरजाना से शाहजहाँ को.... एक बेटा भी थी...!
साथ ही..... मुमताज की मौत के महज एक हफ्ते के अन्दर ही...... उसकी बहन फरजाना से शादी कर ली थी.....!
अब आप खुद ही सोचें कि..... क्यों ....ऐसे बदचलन और दुश्चरित्र इंसान को...... प्यार की निशानी समझा कर महान बताया जाता है...... ?????
क्या ...ऐसा दुश्चरित्र और बदचलन इंसान कभी किसी से प्यार कर सकता है...... या, फिर उसकी यादगार बनवा सकता है....?????
दरअसल.... ताजमहल और प्यार की कहानी इसीलिए गढ़ी गयी है कि....... लोगों को गुमराह किया जा सके...... और.... लोगों खास कर हिन्दुओं से छुपायी जा सके कि......... ताजमहल ..... कोई प्यार की निशानी नहीं......बल्कि.... महाराज जय सिंह द्वारा बनवाया गया..... भगवान् शिव का मंदिर ""तेजो महालिया"" है....!
ताजमहल प्रारम्भ से ही बेगम मुमताज का मकबरा न होकर,एक हिंदू प्राचीन शिव मन्दिर है जिसे तब तेजो महालय कहा जाता था. अपने अनुसंधान के दौरान ओक ने खोजा कि इस शिव मन्दिर को शाहजहाँ ने जयपुर के महाराज जयसिंह से अवैध तरीके से छीन लिया था और इस पर अपना कब्ज़ा कर लिया था,,
शाहजहाँ के दरबारी लेखक "मुल्ला अब्दुल हमीद लाहौरी "ने अपने "बादशाहनामा" में मुग़ल शासक बादशाह का सम्पूर्ण वृतांत 1000 से ज़्यादा पृष्ठों मे लिखा है,,जिसके खंड एक के पृष्ठ 402 और 403 पर इस बात का उल्लेख है 
दिखावे पर मत जाओ हिन्दुओ..... अपनी अक्ल लगाओ...
http://tajmahal.gaupal.in/badasahanama-ka-vislesana
http://oyepages.com/blog/view/id/513e01e2bc54b2e21d000001 Kumar Satish 
प्रस्तुति:-नीरज कौशिक

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