Wednesday, 13 August 2014

कब्र पुजक हिंदू अब तो जागो...

Pakistanमें एक मशहूर फकीर रहता था.
वह बीमार हो गया.
उसकी एक बंजारे नें खूब सेवा की.
खुश होकर फकीर नें उसे एक गधा भेंट किया.
गधा पाकर बंजारा बड़ा खुश हुआ.
गधा स्वामी भक्त था.
वह बंजारे की और बंजारा गधे
की सेवा करता था.
दोनों को एक दूसरे के प्रति बहुत लगाव हो गया.
बंजारा यह मानता था की गधा फकीर
की दी गयी भेंट है तो ज़रूर
विलक्षण होगा.
एक दिन बंजारा गधे पर बैठ कर माल बेंचने दुसरे गाँव
गया.
दुर्भाग्य से गधा रास्ते में बीमार हो गया.
पेट में दर्द उठा और गधा वहीँ तड़प कर मर गया.
बंजारे को अत्यधिक शोक हुआ क्योंकि वह उसके लिए
कमाऊ पूत था.
उसनें गधे की कब्र बनाई और
वहीं बैठकर दुःख के आंसू
बहाने लगा.
इतने में उधर से एक राहगीर गुजरा.
उसनें यह दृश्य देखकर सोचा की अवश्य
ही यहाँ किसी फकीर
का निधन हुआ है.
श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उसने दो फूल तोड़े
और कब्र पर चढ़ा दिए.
दुसरे नें उसे फूल चढाते देखा तो पास आकर उसने जेब से
दो रुपये निकाल कर कब्र पर चड़ा दिया
बंजारा यह सब चाप देखता रहा और मन ही मन
हंसा.
दोनों राहगीर अगले गाँव गए और लोगों से कब्र
का ज़िक्र किया.
ग्रामीण लोग आए.उन्होंने भी फूल और
पैसे चढ़ाए.
अब बंजारे नें आगे जाने का फैसला छोड़ा
और कब्र के पास बैठ गया.
वह सोचने लगा की गधा जब जिन्दा था
तब उतना कमाकर
नहीं देता था जितना की मरने के
बाद दे रहा है.
खूब भीड़ लगती.
जितने दर्शनार्थी आते कब्र
का उतना ही ज्यादा प्रचार हो रहा था.
गधे की कब्र किसी पहुंचे हुए
फकीर की कब्र बन
गयी.
एक दिन वह फकीर
भी उसी रस्ते से गुजरा,
जिसनें बंजारे को गधा दिया था.
उसनें कब्र के बारे में चर्चा सुनी.
वहा गाने बजाने वाले बैठे थे
कलाम पड़ा जा रहा था कि
तेरे दर से मिलेगा
वह भी कब्र पर झुका.
जैसे ही उसने अपने पुराने भक्त बंजारे को बैठे देखा
तो पूछा की यह कब्र किसकी है
और तू यहाँ क्यों रो रहाहै?
बंजारे नें कहा की आपके सामने सच छुपाने
की ताकत
मुझमें नहीं है.
उसने
सारी आपबीती फकीर
को सुना दी.
फकीर को बड़ी हंसी आई.
बंजारे नें
पूछा की आपको हंसी क्यों आई ?
फकीर बोला की मैं जहाँ पर रहता हूँ
वहां पर
भी एक कब्र है
जिसे लोग बड़ी श्रद्धा से पूजते हैं.
आज में तुम्हें बताता हूँ की वह कब्र
भी इस गधे
की माँ की है
लोग नहीं जानते इसलिए
किसी को भी पूजने लगते हैं.
समझदार वही है जो अंधविश्वास में पड़े
बिना सच्चाई को समझकर किसी बात
को मानता है=====
अरे कब्र पुजक हिंदू अब तो जागो...
की अभी भी गधे की...,

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