Tuesday 5 August 2014

ईएसआईएस की मुहिम में तमिलनाडु व मुंबई के युवक शामिल

तमिलनाडु के परंजिपट्टई गांव में रहने वाले उस्मान अली का बेटा हाजी फखरूद्दीन सीरिया 
में आईएसआईएस के साथ मिलकर बशर अल असद शासन के खिलाफ लड़ रहा है।
मार्च में उसका अंतिम बार मां रुखैया के पास फोन आया था।
उसने तब आईएसआईएस के बैनर तले लड़ने की बात कही थी।
उस्मानी का कहना है कि फखरूद्दीन शुरू से ही इस्लामी देश में रहना चाहता था और उसे
सीरिया जाने से रोकने की उन्होंने काफी कोशिश भी की थी।

वह आईएसआईएस को अपने वेतन का हिस्सा भी देता था और उसमें शामिल होने से पूर्व सिंगापुर का नागरिक था।
फखरूद्दीन को जिहादी बनाने के पीछे गुल मोहम्मद मारेकर का हाथ बताया जा रहा है।

तमिलनाडु पुलिस के मुताबिक पांच युवाओं को सीरिया और इराक जाने से रोका गया है,
जो कि आईएसआईएस में शामिल होकर जिहाद करना चाहते थे।
इन सभी की उम्र करीब 20 वर्ष बताई गई है, जो कि दुबई और तुर्की के रास्ते इराक व
सीरिया पहंुचना चाहते थे।

पुलिस ऐसे युवकों को जिहाद में शामिल होने से रोकने के लिए उनके माता-पिता का भी
सहयोग मांग रही है।
इससे पूर्व इराक में आतंकी संगठन आईएसआईएस के दुनिया भर के मुसलमानों से
जिहाद में शामिल होने के आह्वान करने के बाद जानकारी में आया है कि भारत के युवा
भी आईएसआईएस के मकड़जाल में फंस चुके हैं।

पिछले दिनों मुंबई से इराक पहुंचे चार युवकों के आईएसआईएस में शामिल होने की खबर
ने न केवल सुरक्षा एजेंसी,बल्कि भारत सरकार को भी सकते में डाल दिया है।

चारों इराक उस समय गए हैं कि जब भारत सरकार और विदेश मंत्रालय द्वारा बार-बार वहां
रहने वाले लोगों को भारत बुलाने का आह्वान किया जा रहा है।
ऐसे में इन युवकों का इराक पहंुचना अपने आप में संदेहास्पद घटना है।

जानकारी के मुताबिक आरिफ एजाज,शाहीन फारूकी टांकी,फहद तनवीर शेख और अमन
नईम टंडेल चारों को हवाई अड्डे पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में इराक की यात्रा
करते पाया गया है।
इनमें से तीन इंजीनियर हैं,जबकि एक पढ़ाई कर रहा है।

इनमें से एक ने तो परिवार को पत्र लिखकर खुदा के काम के लिए जाने की बात लिखी है।

जांच एजेंसियों के मुताबिक इन्होंने 24 मई और 26 मई को अंतिम बार अपने घर फोन
किया था तब उनके इराक के फालुजा और मोसुल में होने की लोकेशन पाई गई थी।
इन चारों के इराक पहुंचने की घटना से एक बात स्पष्ट हो चुकी है कि भारत में भी
इराक के संघर्ष में शामिल होने के लिए मुसलमान युवाओं से अपील की जा रही है। 

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ISIS के आतंकी की दुल्हन बनी इस 7 साल की अबोध , अन्जान और मासूम देवी के लिये पल भर के लिये आंखों मे अंगारे जरूर भर लो महगे कोठी के एयरकन्डीशन कमरो मे सोने जा रहे सेकुलरों .., वरना बहुत जल्द इन्ही आंखो से आन्सू बहाने होंगे ऐसे ही किसी दरिन्दे के साथ अपने घर की किसी देवी को खुद अपने हाथ से सजा सवार कर भेजने के लिये ... कोई एक गारंटी दे मुझे कि ये नजारा उसके घर मे नही दिखेगा ..
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(पत्रकार हैदर रिवजी की वॉल से...)
एक समारोह के दौरान ISIS के एक लड़ाके ने ईराक के मोसुल शहर से पकड़ी 7 वर्षीय ईराकी शिया लड़की से निकाह करने की घोषणा की है।
लड़ाके ने बताया कि युद्धबंदियों की छंटाई के दौरान यह लड़की (बच्ची) उसे पसन्द आ गयी और उसने अपने लिये इसे माँग लिया।
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मेरठ के खरखौदा कस्बे में युवती से गैंग रेप और जबरन इस्लाम कबूल करवाने की वारदात सामने आने के बाद सांप्रदायिक हिंसा की आग में झुलस रहे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक नया बवाल खड़ा हो गया है। 

10 दिन पहले अगवा की गई युवती रविवार को परिवार के साथ बदहवास स्थिति में थाने पहुंची और जबरन इस्लाम धर्म कबूल करवाने और मदरसे में गैंग रेप का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी। 

युवती ने बताया कि इस दौरान उसे मदरसों में बंधक बनाकर रखा गया था। युवती के पेट पर ऑपरेशन के निशान से उसकी किडनी निकाले जाने की भी आशंका है।घटना के बाद गांव में तनाव व्याप्त हो गया।  पुलिस के बड़े अधिकारियों के पहुंचने पर मदरसे के हाफिज और ग्राम प्रधान समेत नौ लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया। पीड़ित युवती ग्रैजुएशन करने के बाद गांव के ही मदरसे में हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाती थी। छह महीने पहले उसने मदरसे में पढ़ाने का काम बंद कर दिया था।

युवती के पिता की ओर से दर्ज एफआईआर में बताया गया कि 23 जुलाई को मदरसे के हाफिज सन्नाउल्ला और ग्राम प्रधान नवाब ने साथियों के साथ युवती का अपहरण कर लिया। हापुड़ स्थित मदरसे ले जाकर उससे गैंग रेप किया और जबरदस्ती उसका धर्म परिवर्तन करा दिया। उसकी पिटाई करने के साथ जान से मारने की धमकी भी दी गई।युवती ने बताया कि उसे ग्राम प्रधान नवाब खां, मदरसे के मौलाना सनाउल्ला, उसकी पत्नी, बेटी सना उर्फ निसरत आदि ने अगवा कर लिया था।  धर्म परिवर्तन कर उसका नाम बुशरा जन्नत रख दिया और उसका गैंग रेप किया गया। युवती ने पुलिस को बताया कि उसे हापुड़ के अलावा गढ़मुक्तेश्वर के एक गांव और फिर मुजफ्फरनगर और देवबंद स्थित मदरसों में बंधक बनाकर रखा गया।

वहां उसे बेहोश रखने के लिए नशे का इन्जेक्शन लगाया जाता था। युवती के मुताबिक, मुजफ्फरनगर के एक मदरसे से वह किसी तरह रविवार तड़के भाग निकली। भैसाली बस अड्डा पहुंचकर किसी राहगीर से मोबाइल फोन लेकर उसने परिवार वालों को पूरा हाल बताया।

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