श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) - पीरपंचाल की पहाड़ियों में समुद्रतल से करीब ४ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित कौसरनाग झील की तीर्थयात्रा को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कश्मीरी पंडितों को राज्य सरकार ने सांप्रदायिक तनाव पैदा होने की आशंका के मद्देनजर यात्रा की अनुमति नहीं दी, लेकिन दक्षिण कश्मीर के युवकों के एक दल ने झील पर पहुंचकर एक अस्थाई मस्जिद का भी कथित तौर पर निर्माण कर लिया। हालांकि, अधिकारिक तौर पर कोई भी वरिष्ठ अधिकारी इस संदर्भ में बोलने को तैयार नहीं है।
कुलगाम जिले से लगभग दो दर्जन युवक गत दिनों कौसरनाग झील पर पहुंचे। उन्होंने झील के किनारे पत्थरों से करीब तीन से चार फुट ऊंची दीवार तैयार कर, उसके भीतर बैठकर नमाज अता की। इन युवकों ने अपनी इन तस्वीरों को इंटरनेट की विभिन्न सोशल साइटों पर भी अपलोड कर दिया।
यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि कश्मीरी पंडितों के संगठन ने जुलाई के अंत में कौसरनाग यात्रा का आयोजन किया था। प्रशासन ने इस यात्रा की अनुमति भी दे दी थी, लेकिन अलगाववादियों और कश्मीर के कुछ मजहबी संगठनों के साथ साथ नेशनल कांफ्रेंस के विरोध को देखते हुए प्रशासन ने अंतिम समय में यात्रा की अनुमति को रद कर दिया था। मजहबी और अलगाववादी संगठनों ने जहां कौसरनाग की कश्मीरी पंडितों की तीर्थयात्रा का कश्मीर में कश्मीरी मुस्लिमों के खिलाफ भाजपा की साजिश करार दिया था। वहीं, नेकां ने पर्यावरण बिगड़ने की आशंका जताते हुए इसका विरोध किया था। इस यात्रा के खिलाफ कश्मीर में अलगाववादियों ने बंद का भी आयोजन किया था जो कामयाब रहा था।
स्त्रोत : जागरण
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