प्रचण्ड दाह से निकल कर एक शव ने अघोरी की भुजाएं पकड़ ली और कहा- आज शीघ्रता से एक विदेशी कथा सुन लो अघोरी, मेरे पास समय कम है।
-”तुम्हें लगता है कि केवल हिंदुत्व और भारतीयता पर ही विदेशी आक्रमण हुआ है पर सत्य यह है कि यूरोप ने मानवता को सदियों तक शर्मसार किया है। 300 वर्षों तक इनका रक्तपात चला है और समूचे विश्व की अनेको सभ्यताएं इन्होंने मिटा दी हैं। Daniel Glyn एक प्रसिद्ध विद्वान थे जिन्होंने एक अद्भुत पुस्तक लिखी है : The First Civilizations: the Archaeology of their Origins. इसमें उन्होंने मानवीय सभ्यता पर यूरोपीय लोगों के अत्याचारों के लोमहर्षक वर्णन किए हैं। मशीनों के आविष्कार के बाद यूरोप के लोग पूरी दुनिया मे लूटमार मचाने निकल चुके थे।
कोलंबस 1492 में अमेरिका पहुंचा तो उसके बाद जहाजों में भरकर यूरोप के हत्यारे लोगों की टोलियां उत्तरी और दक्षिणी अमेरिकी भागों में उतरने लगीं और स्थानीय कबीलों का व्यापक नरसंहार शुरू कर दिया। केवल 15 वर्षों में मेक्सिको, गुआटेमाला और पेरू की सभी सभ्यताओं के एक एक प्रतीक और एक एक मनुष्य को चुन-चुनकर समाप्त कर दिया। मनुष्यों को मारा जाना समझ में भी आता है पर पशु पक्षियों तक को समाप्त करने के प्रयास हुए, यूरोपियन मानसिकता है कि उन्हें एकछत्र साम्राज्य चाहिए। स्वयं से प्राचीन और विकसित जो भी है वह नष्ट हो, बाइबल से पूर्व की कोई भी पुस्तक हो तो नष्ट हो, प्रकृति पूजा की पद्धति नष्ट हो।
मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया, आज मेक्सिको की एज़्टेक सभ्यता की टूटी हुई मूर्तियों के अवशेष खोज खोज निकाले जा रहे हैं ताकि अतीत को सहेज सकें, पहली दृष्टि में वे सब भारतीय हिन्दू मंदिरों की शैली में बनी दिखेंगी। कोलंबस के बाद गए लोगों में Hernando Cortez नामक एक सैन्य अधिकारी था जिसने एक एक प्राचीन मंदिर के घिरे परिसर में छः हजार लोगों को इकठ्ठा किया और दो घण्टे में सभी के सिर धड़ से अलग करवा दिए। एक बिशप(चर्च का अधिकारी) डायगो द लंडा का वर्णन है जिसने पेरू और समस्त दक्षिण अमेरिकी प्रदेश से सभी पूर्व लिखित दस्तावेजों को इकट्ठा करवा कर जला डाला।
अघोरी ने कहा- पर भारतीयता और हिंदुत्व का पेरू और मेक्सिको से क्या लेना देना? विस्तार से क्यों नही बताते तुम?
शव ने अट्टहास किया- ये सब तुम्हारे वंशज हैं अघोरी। कभी लुटियन की गलियों में जाओ तो भारतीय पुरातत्व विभाग के केंद्रीय संग्रहालय में जाना। पुस्तक संख्या 2171, America’s ancient civilization है (जिसे A. Hyatt Verrill और Ruth Verrill ने लिखा है), उसे निकालो और दूसरे अध्याय से पढ़ना शुरू करो। माया सभ्यता को अनेक लोग चीन से जोड़ते हैं पर वे सभी मौलिक रूप तुम्हारे ही लोग हैं। तुम तो यह भी नहीं जानते कि दक्षिण अमेरिकी कबीलों के लोग राम सीता के उत्सव मनाते रहे हैं। तुम्हें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए अघोरी! गूगल पर एशियाटिक रिसर्च वॉल्यूम-1 निःशुल्क उपलब्ध है, तनिक पढ़ो तो।”
अघोरी का हाथ छोड़ शव अपनी चिता में प्रवेश कर गया पर उसकी उष्णता अघोरी के विवश हाथों में बनी रह गई।
#अघोरी का वैश्विक परिवार
— Sudhanshu Kumar Sinhaके साथ.-”तुम्हें लगता है कि केवल हिंदुत्व और भारतीयता पर ही विदेशी आक्रमण हुआ है पर सत्य यह है कि यूरोप ने मानवता को सदियों तक शर्मसार किया है। 300 वर्षों तक इनका रक्तपात चला है और समूचे विश्व की अनेको सभ्यताएं इन्होंने मिटा दी हैं। Daniel Glyn एक प्रसिद्ध विद्वान थे जिन्होंने एक अद्भुत पुस्तक लिखी है : The First Civilizations: the Archaeology of their Origins. इसमें उन्होंने मानवीय सभ्यता पर यूरोपीय लोगों के अत्याचारों के लोमहर्षक वर्णन किए हैं। मशीनों के आविष्कार के बाद यूरोप के लोग पूरी दुनिया मे लूटमार मचाने निकल चुके थे।
कोलंबस 1492 में अमेरिका पहुंचा तो उसके बाद जहाजों में भरकर यूरोप के हत्यारे लोगों की टोलियां उत्तरी और दक्षिणी अमेरिकी भागों में उतरने लगीं और स्थानीय कबीलों का व्यापक नरसंहार शुरू कर दिया। केवल 15 वर्षों में मेक्सिको, गुआटेमाला और पेरू की सभी सभ्यताओं के एक एक प्रतीक और एक एक मनुष्य को चुन-चुनकर समाप्त कर दिया। मनुष्यों को मारा जाना समझ में भी आता है पर पशु पक्षियों तक को समाप्त करने के प्रयास हुए, यूरोपियन मानसिकता है कि उन्हें एकछत्र साम्राज्य चाहिए। स्वयं से प्राचीन और विकसित जो भी है वह नष्ट हो, बाइबल से पूर्व की कोई भी पुस्तक हो तो नष्ट हो, प्रकृति पूजा की पद्धति नष्ट हो।
मूर्तियों को नष्ट कर दिया गया, आज मेक्सिको की एज़्टेक सभ्यता की टूटी हुई मूर्तियों के अवशेष खोज खोज निकाले जा रहे हैं ताकि अतीत को सहेज सकें, पहली दृष्टि में वे सब भारतीय हिन्दू मंदिरों की शैली में बनी दिखेंगी। कोलंबस के बाद गए लोगों में Hernando Cortez नामक एक सैन्य अधिकारी था जिसने एक एक प्राचीन मंदिर के घिरे परिसर में छः हजार लोगों को इकठ्ठा किया और दो घण्टे में सभी के सिर धड़ से अलग करवा दिए। एक बिशप(चर्च का अधिकारी) डायगो द लंडा का वर्णन है जिसने पेरू और समस्त दक्षिण अमेरिकी प्रदेश से सभी पूर्व लिखित दस्तावेजों को इकट्ठा करवा कर जला डाला।
अघोरी ने कहा- पर भारतीयता और हिंदुत्व का पेरू और मेक्सिको से क्या लेना देना? विस्तार से क्यों नही बताते तुम?
शव ने अट्टहास किया- ये सब तुम्हारे वंशज हैं अघोरी। कभी लुटियन की गलियों में जाओ तो भारतीय पुरातत्व विभाग के केंद्रीय संग्रहालय में जाना। पुस्तक संख्या 2171, America’s ancient civilization है (जिसे A. Hyatt Verrill और Ruth Verrill ने लिखा है), उसे निकालो और दूसरे अध्याय से पढ़ना शुरू करो। माया सभ्यता को अनेक लोग चीन से जोड़ते हैं पर वे सभी मौलिक रूप तुम्हारे ही लोग हैं। तुम तो यह भी नहीं जानते कि दक्षिण अमेरिकी कबीलों के लोग राम सीता के उत्सव मनाते रहे हैं। तुम्हें पढ़ने की आदत डालनी चाहिए अघोरी! गूगल पर एशियाटिक रिसर्च वॉल्यूम-1 निःशुल्क उपलब्ध है, तनिक पढ़ो तो।”
अघोरी का हाथ छोड़ शव अपनी चिता में प्रवेश कर गया पर उसकी उष्णता अघोरी के विवश हाथों में बनी रह गई।
#अघोरी का वैश्विक परिवार
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