Monday 19 March 2018

ईसाई बनाओ योजना का पहला हिस्सा लिंगायत को अल्पसंख्यक बनाओ प्रति व्यक्ति पेमेंट है
ईसाई बनने की संख्या में भारी कमी आयी है जिसकी फटकार एक पार्टी की मुखिया को ईसाई केंद्र रोम से पड़ी है,हिंदुओं को मुसलमानों से लड़ाओ, सिखों को बांटो फिर धीरे से पादरी के माध्यम से ईसाई बना लो,कर्नाटक ही एकमात्र राज्य बचा था जहां सरकार थी लेकिन स्थिति विकट होते देख एक समुदाय को बड़ी तादाद में अलग करने अल्पसंख्यक घोषित कराने और ईसाई बना कर रकम पीटने का खेल है।लिंगायत समुदाय को अलग धर्म का दर्जा देने के सुझाव को कर्नाटक सरकार ने मंजूरी दे दी है लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसके विरोध में उतरा है।
संघ और वीएचपी इसके खिलाफ हिंदू समावेश करा रहे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस चुनावी फायदे के लिए और केंद्र की मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए यह षडयंत्र कर रही है।
कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के लोग करीब 18 प्रतिशत हैं, यह अगड़ी जाति मानी जाती है। संघ के प्रचारक शंकरानंद ने एनबीटी से कहा कि लिंगायत को अलग धर्म मानना साफ तौर पर समाज को तोड़ने की साजिश है। समाज को मत पंथों में तोड़कर नेता अपने राजनीतिक उद्देश्य पूरा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि समाज को धर्म के नाम पर तोड़ना समाज के लिए भी अच्छा नहीं है। संघ प्रचारक ने कहा कि लिंगायत के संस्थापक समाज को एकजुट करने में यकीन रखते थे और सभी को एक दृष्टि से देखते थे। उन्होंने कहा कि हम समाज को इस षडयंत्र के खिलाफ जागरूक कर रहे हैं। जहां कांग्रेस इसे अपने लिए चुनाव की रणनीति के तौर पर इस्तेमाल कर रही है वहीं वीएचपी कांग्रेस की इस रणनीति को काउंटर करने की कोशिश में है। वीएचपी कर्नाटक में हर जगह ‘हिंदू समावेश’ करवा रही है।
इसमें संतों को शामिल किया जा रहा है और संतों के जरिए लोगों को बताया जा रहा है कि लिंगायत हिंदू समाज का ही अंग हैं और समाज को तोड़ना ठीक नहीं है। संघ के एक नेता ने कहा कि कांग्रेस की कोशिश है कि वह कर्नाटक से प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार के पास भेज दें। केंद्र सरकार इसे नामंजूर करती है तो वह प्रधानमंत्री मोदी को निशाना बनाएंगे कि उन्होंने ही यह मांग पूरी नहीं की। संघ नेता के मुताबिक हम सीधे तौर पर कांग्रेस सरकार के फैसले के विरोध में आंदोलन नहीं कर सकते लेकिन संतों के जरिए हम समाज को हकीकत बता रहे हैं। वीएचपी इसमें लीड रोल लेकर काम करेगा और लिंगायत समुदाय के संतों को साथ ला रहा है।
जय श्रीराम

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