Saturday, 10 March 2018

*उपकारः परो धर्मःपरोर्थः कर्मनैपुणम्*
*पात्रे दानं परः कामः परो मोक्षो वितृष्णता||*
अर्थात्- नि:स्वार्थ भाव से लोगों की सहायता करना सर्वोत्तम धार्मिक आचरण है तथा सर्वोत्तम संपत्ति किसी भी प्रकार के कार्य में निपुणता है, सुपात्र व्यक्तियों को दान देना सर्वोत्तम दान है। इसके पश्चात अत्यधिक लालच न करते हुए अपनी इच्छाओं की पूर्ति और अन्ततः मोक्ष की प्राप्ति ही जीवन का सर्वोत्तम् ध्येय है।"
🙏💐🥀 🌺 *सुप्रभात* 🌺🥀💐🙏

No comments:

Post a Comment