Thursday 10 September 2015

क्या आप जानते हैं कि...... इस्लामी जेहादियों के एक नए संगठन ISIS ने अब हमारे हिंदुस्तान के खिलाफ जिहाद का ऐलान किया है .....और, दावा किया है कि .... वो अगले पांच साल में हमारे हिंदुस्तान में .... इस्लाम का परचम बुलंद कर देगा...!
हालाँकि.... वो क्या कर देगा और क्या नहीं.... वो तो समय आने पर मालूम हो ही जाएगा..... लेकिन, हम हिन्दुस्तानियों को ..... उन जेहादियों के ऐसी घोषणा के पीछे की मानसिकता को समझना बेहद जरुरी है..!
दरअसल...
इस समय मुस्लिम विश्व के सभी देशों और लगभग हर शहरों में .... कई नामों से ऐसे संगठन और संस्थान बना रखे हैं ...... जिनके माध्यम से बच्चों को..... कुरान की जिहादी शिक्षा दी जा रही है ... और, उनमे कटटरता भरी जा रही है .... . जिसके फलस्वरूप, मुस्लिम उग्रवादी जगह-जगह..... विस्फोट , जनसंहार और अनेकों जघन्य अपराध करते रहते हैं ....!
आज लगभग दुनिया का हर देश मुसलमानों के इस जिहाद से परेशान है ....और, आतंक के साये में जीने को मजबूर है...!
और, हमारा हिंदुस्तान भी जिहादी आतंक से बुरी तरह पीड़ित है... परन्तु, जब भी भारत में कोई जिहादी आतंकी वारदात करते हैं , तो हर बार सख्त कार्यवाही करने के दावे किये जाते हैं .... लेकिन देखा गया है कि जब एक आतंकी पकड़ा जाता है....... तो दस आतंकी और पैदा हो जाते हैं ....!
इसीलिए....आज हमें गंभीरता से यह सोचने की जरुरत है कि....... देश में इतनी सरकारें बदल जाने पर भी .........इस्लामी जिहादी आतंक पर पूरी तरह से रोक क्यों नहीं लगाई जा सकी है ??????
और, जहाँ तक मेरी मान्यता है तो.... इस्लामी आतंकवाद रोकने में विफलता मुख्य कारण इस प्रकार हैं......
1. हम ने मान लिया है कि... इस्लाम शांति का धर्म है .
2. हम मानते हैं कि...... आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता .
3. हम मानते हैं कि..... हरेक मुसलमान आतंकवादी नहीं होता .
4. हम नहीं मानते कि..... बिना स्थानीय लोगों की मदद के आतंकवादी सफल हो सकते .
5. हम भूल जाते हैं कि.... यहाँ के मुसलमानों के रिश्ते पाकिस्तान के मुसलमानों से हैं
6.और, हमें इस्लाम ,कुरान और जिहाद के बारे में पूरा ज्ञान नहीं है ...... इसीलिए , हम सिर्फ आतंकवाद को ही जिहाद समझते हैं...... जबकि, समय के साथ ... मुसलमानों ने जिहाद के नए नए तरीके खोज लिए हैं .
आप यह जानकर ही हैरान हो जायेंगे कि.... सिर्फ आतंकवाद ही जिहाद नहीं है ... बल्कि, जिहाद के पारम्परिक चार तरीके होते हैं...
और, हरेक मुसलमान कैसा भी हो अथवा कहीं भी रहता हो ..........वह हमेशा अपने ......मन, वचन और कर्म से ....... किसी न किसी प्रकार जिहाद के इन चार तरीकों में से पहले दो का प्रयोग जरूर करता रहता है ........ तथा, मौका मिल जाने पर बाकी दो का प्रयोग भी करने से नहीं चूकता है !
जिहाद के वो पारम्परिक चार तरीके इस प्रकार हैं ...
1-जिहाद बिल कल्ब (الجهاد بالقلب)-Jihad by the heart/soul ...........अर्थात .........मन से जिहाद , अपने दिलों में सभी गैर मुस्लिमों प्रति घृणा रखना और सदैव उनका अहित चाहना .
2-जिहाद बिल कलाम (الجهاد بالكلام )-Jihad by the tongue/pen-.........अर्थात ........वचन से जिहाद ,गैर मुस्लिमों पर झूठे आरोप लगाना , उनकी निंदा करना और उनके अखबारों में उनके खिलाफ लिखना
3-जिहाद बिल यद (الجهاد باليد )-Jihad by the hand .......अर्थात........कर्मों से जिहाद ,हिन्दुओं के धर्मस्थान तोडना , अपवित्र करना , हिन्दुओं के आयोजनों में बाधा उत्पन्न करना
4-जिहाद बिस्सैफ़ ( الجهاد بالسيف )-Jihad by the sword.........अर्थात .......शस्त्रों से जिहाद ,हिन्दू बहुल क्षेत्रों में विस्फोट करना , मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में हिन्दुओं को क़त्ल कर देना ,
वैसे तो जिहाद का अंतिम लक्ष्य सारी दुनिया को इस्लामी झंडे के नीचे करना........यानी. पूरी दुनिया में इस्लामी हुकूमत कायम करना है ..... लेकिन, एक साथ ऐसा करना संभव नहीं है ...इसलिए, मुसलमान चरणबद्ध रूप ( Step by step ) अपना लक्ष्य प्राप्त करने यह काम करते हैं ...
जैसे कि.....
1. अपने अधीन लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन करा देना
2. उनको तीसरे दर्जे का नागरिक " जिम्मी " यानि गुलाम बना देना...... या,
3. उनको अपने देश या प्रदेश से खदेड़ देना .... और,
4. जो भी इसका विरोध करे उनकी निर्ममता से हत्या कर देना .
हालाँकि.... मुस्लिम बेहद ही रूढ़िवादी होते हैं और.... वे पाषाणयुग में ही जीना पसंद करते हैं .....
परन्तु, जैसे -जैसे ..... बड़े जिहादी आतंकवादी या तो मारे जाने लगे हैं अथवा पकड़े जाने लगे हैं , मुसलमानों ने जिहाद के नए नए तरीके खोज लिए हैं .........लेकिन, दुर्भाग्य से लोग इन पर ध्यान नहीं देते .
और...हम सिर्फ बम विस्फोट करने वाले जिहादियों को आतंकवादी मान कर बैठ जाते हैं.....
जबकि, जिहाद के ये नए तरीके देश और समाज के लिए बम विस्फोटो से भी अधिक हानिकारक हैं......
जिहाद के नए तरीके ये हैं............
1-जिहाद अल जैश (الجهاد الجيش )-military Jihad.
अरबी में जैश का अर्थ सेना होता है ...... और, जब किसी मुस्लिम देश के जिहादी वहां की सरकार की मदद से विभिन नामों से दल बनाकर आधुनिक अस्स्त्र शस्त्रों से...... किसी गैर मुस्लिम पडोसी देश में घुसपैठ, हमला और हत्या करते हैं तो उस गैर मुस्लिम देश के गद्दार उनका साथ देते हैं ...... जैसे कि इस समय पाकिस्तान की मदद से ....भारत के मुसलमान आतंक फैलाते रहते हैं ...इसे "सैन्य जिहाद" कहा जाता है...!
2-जिहाद अल हिजरत (الجهاد الهجرة )Migration Jihad
"जिहाद अल हिजरत" मतलब.....अवैध रूप से किसी गैर मुस्लिम देश में घुसपैठ करके वहां के नागरिक बन जाना और, वहां की औरतों से शादी करके बच्चे पैदा करके जनसँख्या का संतुलन बिगाड़ देना तथा वहां मस्जिद , दरगाह , मदरसे बना कर अपना हक़ जाताना.......... जैसे कि ..... अभी बांग्लादेशी मुस्लिम कर रहे हैं ........ इसका नाम "घुसपैठ जिहाद" है.
3-जिहाद अल असकान (الجهاد السكان )-Population Jihad-
अधिक से अधिक बच्चे पैदा करना .........और, गैर मुस्लिम क्षेत्रों में अपनी संख्या बल पर लोगों को डरा कर .... उनकी जमीन हथियाना ..... तथा, जब मुस्लिम अधिक हो जाएँ तो उस जगह के गैर मुस्लिमों को भगा देना......(जैसे कि .. कश्मीर से पंडितों को भगा दिया).......... .इसका नाम "जनसंख्या जिहाद" है
.4-जिहाद अल फिकरी (الجهاد الفكري )Intellectual Jihad
जिहाद के नए तरीकों में .... ये ""जिहाद अल फिकरी"" सबसे खतरनाक जिहाद है...... जिसके अंतर्गत ....कुछ हिन्दू विरोधी छदम बुद्धिजीवियों को बुला कर सेमिनार आयोजित कराना ....और, बिकाऊ मीडिया के माध्यम से इस्लाम को शांति का धर्म साबित करना तथा, भोले-भाले लोगों के दिमागों में यह बात भर देना कि.....हर मुसलमान आतंकी नहीं होते ... बल्कि , मुसलमान तो आतंकवाद के विरोधी हैं... इसीलिए, आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता ........ इसे "बौद्धिक जिहाद" कहा जाता है .
6-जिहाद अल सियासत (الجهاد السياسة )-Political Jihad
भारत में प्रजातंत्र है और, यहाँ वोटों संख्या के आधार पर सरकार चुनी जाती है....... इसीलिए, मुसलमान अपने वोटों के बल पर राजनीतिक दलों को बलैकमेल करते हैं ...और , उन पर दवाब डालते हैं कि वह इस बात को स्वीकार करें कि ..... हर मुसलमान आतंकवादी नहीं होते .
और, सिर्फ इतना ही नहीं.... बल्कि, उन से अपने लिए तरह तरह की सुविधाओं की मांग करते रहते हैं ....... यह "राजनीतिक जिहाद" है
8-जिहाद अद्दीनी (الجهاد الديني)-Religious Jihad
धर्म के आधार पर आरक्षण मांगना , मदरसों में उर्दू अरबी और कुरान की तालीम के लिए अनुदान मांगना , मस्जिदों , दरगाहों के रख रखाव के लिए सरकार से आर्थिक सहायता मांगना , हाजियों के किराये में रियायत मांगना ...... और , हिन्दू धर्म स्थलों पर कब्ज़ा करना इत्यादि "धार्मिक जिहाद" है .
और, ये कहना बिलकुल गलत है कि.... जेहाद सिर्फ कुछ बहके हुए लोगों का काम है ..... क्योंकि... साक्ष्य चीख -चीख कर ये बतलाते हैं कि..... जिहाद , कुछ बहके हुए नौजवानों का काम नहीं बल्कि... हर मुसलमान का प्राथमिक कर्तव्य है .... जो उन्हें कुरान बताता है....
कुरान में .... जिहाद और जिहाद के तरीकों के विषय में ये कहा गया है.....
"क्या तुम्हें एक ऐसा व्यापार बताऊँ ,जो तुम्हें सभी कष्टों से मुक्ति दिला देगा , और अल्लाह तुम्हें अच्छे अच्छे घर दिलवा देगा ,जहाँ तुम हमेशा रहोगे " सूरा - अस सफ़्फ़61 :10 -12
" जोभी तुम्हारी राह में रूकावट पैदा करे , तो उन शक्तियों को कुचल दो . और उन लोगों की गर्दनें काट देना , या कैद कर लेना , फिर फिरौती लेकर ही छोड़ना "सूरा - मुहम्मद 47:4
"सभी गैर मुस्लिम पुरुष और स्त्रियां एक जैसे होते हैं , जो तुम्हें इस्लाम से रोकते हैं "सूरा -तौबा9 :67
" मुस्लिम देशों के जिहादी ,गैर मुस्लिम देशों में रहने वाले जिहादियों की सहायता करें , ऐसा करना मुसलमानों के लिए अनिवार्य है " सूरा -अनफाल 8:72
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यही कारण है कि..... यहाँ से हजारों किलोमीटर दूर बैठे ... ISIS के बगदादी को भी .... हमारा हिंदुस्तान जेहाद के लिए सबसे उपर्युक्त स्थान प्रतीत होता है .... और, अपनी जीत के प्रति इस हद तक आश्वस्त भी है...!
इसीलिए हिन्दुओ .... जागें और सेकुलरिज्म का चश्मा उतार कर सच्चाई को समझें व स्वीकार करें .... तथा , अब आप भी भारत को इस्लामी जिहाद से मुक्त करने में आगे बढ़िए .....
अन्यथा.... कल को आपके नाम पर "आंसू तक" बहाने वाला....... कोई जीवित नहीं बचेगा....!
जय महाकाल...!!!

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