Tuesday 15 September 2015

कौन है श्री राजीव दीक्षित ?
आपने श्री राजीव दीक्षित जी के बारे में कई बार सुना होगा पर क्या आप उनके कार्यों के बारे में भी जानते है ??
अगर आपके ह्रदय में अपने देश के लिए थोडा सा भी प्रेम है तो कृपया थोडा सा समय निकाल कर एक बार श्री राजीव दीक्षित जी के बारे में अवश्य जाने।
यहाँ श्री राजीव दीक्षित जी द्वारा किये गए कुछ कार्य
* भोपाल गैस हत्याकांड की गुनाहगार कंपनी (UNION CARBIDE – एक अमेरिकी कंपनी) जिसकी वजह से २२,००० लोगो की जान गयी, उस कंपनी को हमारी सरकार ने माफ़ कर दिया था लेकिन श्री राजीव दीक्षित जी को यह बात नहीं जमी और उन्होंने इस २२,००० बेगुनाह भारतीयों की हत्या करने वाली कंपनी को इस देश से भगाया।
* श्री राजीव दीक्षित जी ने १९९१ में डंकल प्रस्ताव के खिलाफ घूम-घूम कर जन-जागृति की और रैलियाँ निकालीं।
* उन्होंने विदेशी कंपनियों द्वारा हो रही भारत की लूट, खासकर कोका कोला और पेप्सी जैसे प्राण हर लेने वाले, जहरीले कोल्ड ड्रिंक्स आदि के खिलाफ अभियान चलाया और कानूनी कार्यवाही की।
* १९९१-९२ में राजस्थान के अलवर जिले में केडिया कम्पनी (जो हर दिन चार करोड़ लीटर दारू बनाने वाली थी) के शराब-कारखानों को बन्द करवाने में श्री राजीव भाई जी ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
* १९९५-९६ में टिहरी बाँध के खिलाफ ऐतिहासिक मोर्चे में उन्होंने बहुत संघर्ष किया और वहाँ पर हुए पुलिस लाठी चार्ज में उन्हें काफी चोटें भी आई।
* इसी प्रकार श्री राजीव दीक्षित जी ने CARGILL, DU PONT, केडिया जैसी कई बड़ी विदेशी कंपनियों को भगाया जो इस देश को बड़े पैमाने पर लूटने की नियत से इस देश में अपना डेरा जमाना चाहती थी।
* उसके बाद १९९७ में सेवाग्राम आश्रम, वर्धा में प्रख्यात् इतिहासकार प्रो० धर्मपाल के साथ अँग्रेजों के समय के ऐतिहासिक दस्तावेजों का अध्ययन करके समूचे देश को संगठित और आन्दोलित करने का काम किया। अपने व्याख्यानों से देश के स्वाभिमान को जगाने, देश को संगठित करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान निभाया। राजीव भाई ने स्वदेशी आंदोलन तथा आजादी बचाओ आंदोलन की शुरुआत की तथा इनके प्रवक्ता बने।
* मजबूत तथ्यों और दमदार आवाज के साथ उनके व्याख्यानों में इतनी सच्चाई और चुम्बक- जैसा आकर्षण होता था कि सभी लोग उन्हें सुनने के लिए खींचे चले आते थे। उनके दिमाग में ५,००० से भी अधिक वर्षो का ज्ञान समाहित था। उन्हें चलता फिरता “एनसाइक्लोपेडिया” कहा जाता है।
* श्री राजीव जी के हृदय में अत्यंत तीव्र ज्वाला थी, इस भ्रष्ट तंत्र, भ्रष्ट व्यवस्था के प्रति। इस देश कि गरीबी को देखकर उनकी आखो से आंसु निकल पड़ते थे।
* बिना मीडिया की सहायता के उन्होंने पूरे देश को जगाया।
* राजीव दीक्षित जी के अन्दर एक महान वैज्ञानिक, एक महान विचारक, एक महान इतिहासकार, एक महान वैद्य, एक महान वक्ता, एक महान शोधकर्ता, एक महापुरुष के सभी गुण विद्यमान थे। उन्होंने बिना दवाईयों के पूरा जीवन स्वस्थ रहने के अत्यंत सरल सिद्धांत बताये, जिनसे आज लाखो लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
* राजीव भाई ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की 150वीं जयंती की शाम को कोलकाता में आयोजित किये गए कार्यक्रम का नेतृत्व किया, जो कि विभिन्न संगठनों व प्रख्यात व्यक्तियों द्वारा प्रोत्साहित व प्रचारित किया गया था और पूरे देश में मनाया गया था। उन्होंने नयी दिल्ली में स्वदेशी जागरण मंच के नेतृत्व में 50,000 लोगों को संबोधित किया।
* हमारे देश का धन विदेशी बेंको में काले धन के रूप में जमा पड़ा है, इस बात की जानकारी सबसे पहले पूरे देश की जनता को भाई राजीव दीक्षित जी ने ही बताई थी न की बाबा रामदेव ने।
* जनलोकपाल जेसे कानूनों के बारे में सर्वप्रथम इस देश को श्री राजीव दीक्षित जी ने ही बताया। राइट टू रिजेक्ट और राइट तो रिकॉल जैसे कई मजबूत कानूनों के बारे में पूरे देश को जानकारी दी न की अण्णा हज़ारे या काइजरिवाल ने ।
* भारत को पुनः विश्वगुरु कैसे बनाया जाये, इसका बहुत ही सरल और प्रमाणिक उपाय श्री राजीव दीक्षित जी ने ही बताये। हमारे देश के हजारों- लाखों साल पुराने स्वर्णिम अतीत को कई वर्षो तक अध्ययन कर पूरे देश को इस बारे में बताया और हमारे गौरव से अवगत करवाया। अंग्रेजी भाषा की सच्चाई के बारे में पूरे देश को बताया। संस्कृत भाषा की वैज्ञानिकता के बारे में गहन अध्ययन कर देश को बताया। देश में पहली बार विदेशी कंपनियों के षड्यन्त्र के बारे में बहुत बड़े स्तर लोगो पर बताया। स्वदेशी के स्वीकार और विदेशी के बहिष्कार की बात देश को पूरी प्रमाणिकता के साथ बताया।
* भारत की विश्व को क्या क्या देन रही, इस बारे में अति महत्वपूर्ण जानकारियां बताई। श्री राजीव दीक्षित जी ने ही हमें बताया की सबसे पहले प्लेन का आविष्कार भारत के श्री बापू जी तलपडे ने किया था वो भी राइट बंधुओ से सात साल पहले। जन-गन-मन और वन्दे मातरम की सच्चाई के बारे में पहली बार पूरे देश को उन्होंने ही बताया। पहली बार इस देश में श्री राम कथा को एक नए देशभक्ति सन्दर्भ में प्रस्तुत करने वाले भी श्री राजीव दीक्षित जी ही है।
* उदारीकरण और वैश्वीकरण की सच्चाई को पूरे देश के सामने रखा और इसके कई दुष्प्रभावों से देश को बचाने के लिए अपनी अंतिम स्वांस तक प्रयास करते रहे।
* हमारे देश के गाँव-गाँव में जाकर इस देश की हर एक समस्या को देखा, समझा तथा उसके निवारण के लिए प्रभावशाली उपाय बताये और किये। वो होमियोपेथी और आयुर्वेद के महान विद्वान रहे है। महर्षि वाघभट्ट जी के “अष्टांग हृदयं” नामक ग्रन्थ को कई वर्षी तक अध्ययन कर उसे आज की जलवायु एवं परिस्थितियों के हिसाब से पुनर्रचित किया तथा बहुत ही सरल तरीकों से उसे आम जनता के बीच बताया जिससे हम बिना किसी दवाई के, बस खाने-पीने आदि के समय और सही तरीके मात्र से स्वस्थ रहने के उपाय बताये।
* श्री राजीव दीक्षित ने लाखोँ लोगो के दिलो-दिमाग में प्रत्यक्ष रूप से देशभक्ति की ज्वाला नहीं अपितु धधकता लावा प्रज्वलित किया। इस देश को कैसे महाशक्ति बनाया जा सकता है, इसके लिए बहुत ही सरल उपाय बताये जिन उपायों पर आज बहुत से लोग कार्य कर रहे है

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