Monday 7 September 2015

"जीवन का मूल्य"-:
गुरुनानक जी के पास एक आदमी
गया और उसने पूछा-?
गुरूजी जीवन का मूल्य क्या है?
गुरूनानक जी ने उसे एक Stone दिया,
और कहा , जाओ और इस stone का
मूल्य पता करके आओ ,
लेकिन ध्यान
रखना stone को बेचना नही है I
वह आदमी stone को बाजार मे एक
संतरे वाले के पास लेकर गया और
संतरे वाले को दिखाया l
बोला "बता , इसकी कीमत क्या है?
संतरे वाला चमकीले stone को देख
कर बोला, "12 संतरे लेजा और इसे
मुझे दे जा"
वह आदमी संतरे वाले से बोला गुरू
ने कहा है इसे बेचना नही है l
और
आगे एक सब्जी वाले के पास गया,
उसे stone दिखाया l सब्जी वाले ने
उस चमकीले stone को देखा और
कहा "एक बोरी आलू ले जा और
इस stone को मेरे पास छोड़ जा"
उस आदमी ने कहा , मुझे इसे बेचना
नही है , मेरे गुरू ने मना किया है I
आगे एक सोना बेचने वाले सुनार के
पास गया उसे stone दिखाया सुनार
उस चमकीले stone को देखकर बोला
"50 लाख मे बेच दे" l उसने मना कर
दिया तो सुनार बोला "2 करोड़ मे दे दे
या बता इसकी कीमत जो माँगेगा वह
दूँगा तुझे,
उस आदमी ने सुनार से कहा मेरे गुरू
ने इसे बेचने से मना किया है l
आगे हीरे बेचने वाले एक जौहरी के पास गया उसे stone दिखाया l जौहरी ने जब उस बेसकीमती रुबी को देखा , तो पहले
उसने रुबी के पास एक लाल कपडा
बिछाया फिर उस बेसकीमती रुबी की परिक्रमा लगाई माथा टेका l
फिर जौहरी बोला ,
"कहा से लाया है ये बेसकीमती
रुबी
"सारी कायनात , सारी दुनिया को बेचकर भी इसकी कीमत नही लगाई जा सकती
ये तो बेसकीमती है l"
वह आदमी हैरान परेशान होकर
सीधे गुरू के पास आया l
अपनी आप बिती बताई
और बोला
"अब बताओ गुरूजी
मानवीय जीवन का
मूल्य क्या है?
गुरूनानक जी बोले :
तूने पहले stone को संतरे वाले को
दिखाया उसने इसकी कीमत
"12 संतरे" की बताई l
आगे सब्जी वाले के पास गया उसने
इसकी कीमत "1 बोरी आलू" बताई l
आगे सुनार ने "2 करोड़" बताई l
और
जौहरी ने इसे "बेसकीमती" बताया l
अब ऐसे ही मानवीय मूल्य भी है!
आप बेशक हीरा है,
लेकिन सामने वाला आपका आकलन अपनी औकात अपनी जानकारी और अपनी हैसियत और मकसद के हिसाब से ही लगाएगा।
घबराओ मत... दुनिया में आपको
पहचानने वाले भी जरूर मिलगे"।
"मित्रो कृपया जीवन में सदा
खुश रहें और खुशियाँ बाटें"
जीवन पानी का बुलबुला ही तो है!

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