जब मध्य प्रदेश पुलिस मुस्लिमों को आईएसआई एजेंट होने के केस में अरेस्ट करती थी तब दिग्गी सहित सारे सेकुलर सूअर छाती कूटते थे कि mp पुलिस मुसलमानों को परेशान कर रही है लेकिन जब वही mp पुलिस हिंदुओं को पकड़े तब सारे खुश होकर कूद रहे हैं कि देखो कितने पकडे गए एक भी मुस्लिम नहीं है
दोगलेपन की हद है अबे जाहिलों याद रखो यह जो जासूस पकड़े गए हैं चाहे वह बीजेपी में हो या हिंदू हैं उन्हें mp सरकार की पुलिस ने पकड़ा है _
Jitendra Pratap Singh
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हिन्दू उदार नहीं होता तो भारत में भी अल्पसंख्यक वैसे ही गायब हो जाते जैसे पाकिस्तान से हुए है, हिन्दू उधार है तभी भारत में अल्पसंख्यक फल फूल रहे है : किरण रिजिजू
हिन्दू उदार नहीं होता तो भारत में भी अल्पसंख्यक वैसे ही गायब हो जाते जैसे पाकिस्तान से हुए है, हिन्दू उधार है तभी भारत में अल्पसंख्यक फल फूल रहे है : किरण रिजिजू
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उत्तरप्रदेश के पहले चरण में 73 सीटों पर हुए चुनाव के बाद देश के सबसे बड़े हिंदी अखबार दैनिक जागरण ने मतदाताओं से प्रश्न पूछते हुए उनका मत छाप दिया, जिसके कारण आज चुनाव आयोग ने दैनिक जागरण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया है। दैनिक जागरण ने मतदाताओं से बातचीत के आधार पर 73 में से दो तिहाई सीट भाजपा के पक्ष में दिखाते हुए उसे सबसे आगे दिखाया है। दूसरे नंबर पर बसपा और तीसरे नंबर पर सपा को दिखाया गया है। चुनाव आयोग ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया है और दैनिक जागरण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। लेकिन जिस तरह से अंग्रेजी और वामपंथी मीडिया दैनिक जागरण के खिलाफ उतर आई है, उससे साफ-साफ मीडिया दो फाड़ दिख रही है।
मैंने करीब सात साल दैनिक जागरण में काम किया है। मुझे याद है कि वहां का अलिखित विधान था कि किसी मीडिया हाउस के खिलाफ कोई खबर न छापी जाए, किसी मीडिया हाउस का नाम न छापा जाए और किसी मीडिया पर हमला करते हुए कोई खबर नहीं लिखी जाए। एक बार मेरी नौकरी जाते-जाते बची। मैंने आजतक के खिलाफ बिना आजतक का नाम लिए खबर छाप दिया था। आजतक को एक्सपोज किया था। फिर क्या था, आजतक के संपादक ने जागरण के संपादक को फोन किया और मेरी नौकरी पर बन आई। यह तो तब के मुख्य महाप्रबंधक निशिकांत ठाकुर जी थे, जिसके कारण मेरी नौकरी बच गई थी।
आज देख रहा हूं, मीडिया एक-दूसरे पर तलवार लिए बैठी है तो खुशी हो रही है कि चलो ‘मीडिया-मीडिया का याराना’ समाप्त हुआ और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र हैं, जिनकी वजह से मीडिया की गंदगी अब छुपनी मुश्किल हो रही है।दैनिक जागरण के खिलाफ जो मीडिया हाउस उतरे हुए हैं, उनमें ज्यादातर अंग्रेजी और वामपंथी मीडिया व पत्रकार हैं, जो शुरु से कांग्रेस के लॉबिस्ट रहे हैं। दैनिक जागरण शुरु से भाजपा के पक्ष में रहा है। उसके पूर्व संपादक नरेंद्र मोहन जी भाजपा के राज्ससभा सांसद भी रह चुके हैं। बीच में इसके उनके भाई महेंद्र मोहन जी समाजवादी पार्टी से भी राज्यसभा सांसद रहे, लेकिन दैनिक जागरण की विचारधारा भाजपा के करीब रही है और वह खुलकर भाजपा का पक्ष लेती रही है, इसमें शायद ही किसी पाठक को शक हो।
यही कारण है कि जब दैनिक जागरण ने अपने सर्वे में पहले चरण में भाजपा को प्रथम दिखाया तो कांग्रेसी-कम्युनिस्ट मीडिया व पत्रकार जैसे- एनडीटीवी, इंडिया टुडे ग्रुप का चैनल व बेब, जैसे द डेली ओ, द हिंदू, भाजपा सांसद सुब्रहमनियन स्वामी की वजह से द हिंदू की नौकरी गंवाने वाले सिद्धार्थ वरदराजन का द वायर, हिंदुस्तान टाइम्स ने एक साथ दैनिक जागरण पर हमला कर दिया। यहां तक कि तीस्ता सीतलवाड़ का ‘सबरंग’ का वेब भी आजकल न्यूज परोसने में लगा है और उसने भी जागरण पर हमला किया है। ‘सबरंग’ का संपादक घोर जातिवादी दिलीप मंडल है। मीडिया में अंदरूनी तौर पर कोहरामा बचा है। कांग्रेसी-कम्युनिस्ट मीडिया व पत्रकार लॉबिंग वाली खबर लिख व दिखा कर जो कांग्रेस-सपा गठबंधन के लिए नहीं कर पा रहे थे, दैनिक जागरण ने एक झटके में सर्वे छाप कर भाजपा के लिए कर दिया।
उत्तरप्रदेश में दैनिक जागरण का करीब दो करोड़ रीडरशिप है। इसलिए अगले चरण में मतदाता इसमें छपे पहले चरण के सर्वे से प्रभावित होता है या नहीं, यह तो आने वाला वक्त बताएगा। चुनाव आयोग ने अपनी तरह से संज्ञान लेकर अपना काम कर दिया है। लेकिन जिस तरह से मीडिया का दो फाड़ 2014 के बाद से दिख रही है, वह आम जनता और लोकतंत्र के लिए बहुत अच्छा है।
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दुर्भाग्य की बात है कि आजकल हिन्दू समाज केवल त्यौहार
मनाने , भंडारे करवाने , जगह जगह कीर्तन का आयोजन करवाने
और मंदिरों पर क्विंटलों सोना चांदी चढाने को ही धर्म समझ
बैठा है ,और ऐसा मानता है कि इस से धर्म की रक्षा हो
जाएगी , यानि देश में धर्म की स्थापना हो जाएगी . लेकिन
ऐसा नहीं है . धर्म की रक्षा के लिए दुष्टों , देशद्रोहियों , और
आतंकियों का नाश करना अत्यंत आवश्यक है . जैसा कि स्वयं
भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है ,
"परित्राणाय साधूनाम विनाशयायच दुष्कृताम" -गीता
अध्याय 4 श्लोक 8
इसलिए हमारा पहला धर्म आसुरी शक्तियों का , नाश करना
होना चाहिए ,और यदि किसी कारण से हम शस्त्रो से उनका
नाश नहीं कर पाएं तो तर्कों से आसुरी विचारों का मुहतोड़
जवाब अवश्य देते रहें , और उनके मंसूबों को सफल नहीं होने दें .
क्योंकि समाज जितना जागरूक होगा उतना ही सशक्त होगा।
दुर्भाग्य की बात है कि आजकल हिन्दू समाज केवल त्यौहार
मनाने , भंडारे करवाने , जगह जगह कीर्तन का आयोजन करवाने
और मंदिरों पर क्विंटलों सोना चांदी चढाने को ही धर्म समझ
बैठा है ,और ऐसा मानता है कि इस से धर्म की रक्षा हो
जाएगी , यानि देश में धर्म की स्थापना हो जाएगी . लेकिन
ऐसा नहीं है . धर्म की रक्षा के लिए दुष्टों , देशद्रोहियों , और
आतंकियों का नाश करना अत्यंत आवश्यक है . जैसा कि स्वयं
भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है ,
"परित्राणाय साधूनाम विनाशयायच दुष्कृताम" -गीता
अध्याय 4 श्लोक 8
इसलिए हमारा पहला धर्म आसुरी शक्तियों का , नाश करना
होना चाहिए ,और यदि किसी कारण से हम शस्त्रो से उनका
नाश नहीं कर पाएं तो तर्कों से आसुरी विचारों का मुहतोड़
जवाब अवश्य देते रहें , और उनके मंसूबों को सफल नहीं होने दें .
क्योंकि समाज जितना जागरूक होगा उतना ही सशक्त होगा।
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