अमेरिका में शाहरुख़ खान की तलाशी हर बार क्यों ली जाती है.
शाहरूख खान ने हमेशा ही बताया है कि उनको अमेरिका में बार बार इसलिए रोका जाता है कि क्योंकि वे मुसलमान है और उनके नाम के पीछे खान टाइटल लगा है. वे एक मुसलमान है इसलिए अमेरिका उनको जानबूझकर ह्यूमीलेट करता है.लेकिन ये सरासर झूठ है ये महज एक आरोप है. अगर मुस्लिम होने के नाते तलाशी ली जाती है तो बाकि मुस्लिम अभिनेताओं की तलाशी क्यों नही ली जाती? इरफ़ान खान तो बाकयदा हॉलीवुड फिल्मों में काम करके भी आ जाते है. उन्हें तो कभी कोई दिक्कत नही हुई. तो आप सोच रहे होंगे फिर आखिर क्या बात है. चलिए हम आप को बताते हैं कि अमेरिका में शाहरुख़ खान की तलाशी बार बार क्यों ली जाती है.
दरअसल, शाहरूख खान इस खबर पर कभी अपना मुंह नहीं खोलेगे. 90 के दशक में बालीवुड में अंडरवल्र्ड की तूती बोलती थी. बालीवुड के अधिकांश कलाकार उसके संपर्क में थे. और दुबई जाकर अंडरवल्ड डान दाउद इब्राहिम की पार्टियों में न केवल शामिल होते थे बल्कि उसके लिए स्टेज शो भी करते थे. बताया जाता है कि ऐसे ही एक स्टेज शो में शाहरूख खान भी बंबई से दुबई गए थे. जिस शो में शाहरूख खान गए उसको पर्दें के पीछे से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने आर्गेनाइज कराया था. ये तो सभी जानते हैं कि दाउद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का आदमी है.
इस शो के जरिए जो पैसा आया उसका प्रयोग आतंकवादियों की फंडिग के लिए किया गया. ये बात अमेरिका और इजराइल की खुफिया एजेंसी को मालूम है, क्योंकि बाद में ओसामा बिन लादेन को लेकर अमेरिका को पता चला था कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से ही उसके यहां छिपा हुआ था. यही कारण है कि शाहरूख उस वक्त से ही अमेरिका के रडार पर हैं. भारत भले ही इस प्रकार के मामले को अपने यहां गंभीरता से नहीं ले लेकिन अमेरिका एक बार अपने रडार पर आने के बाद लोगों पर हमेशा ही शक की नजर रखता है. गौरतलब है कि अमेरिका में वल्र्ड ट्रेड टावर पर हमले के बाद मुसलमानों को शक की नजर से देखा जाता है. इस हमले को जिन लोगों ने अंजाम दिया था उनका संबंध मुस्लिम आतंकवादियों से था. इसलिए जिन लोगों का कभी भी किसी न किसी रूप में आतंकियों से प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध आतंकियों से रहा है अमेरिका ने उनको भी शक के दायरे में ला दिया.यहां तक की शाहरूख खान में मामले में भी ऐसा हुआ जान पड़ता है. इसलिए अमेरिका में शाहरुख़ खान की तलाशी बार बार ली जाती है.
शाहरूख खान ने हमेशा ही बताया है कि उनको अमेरिका में बार बार इसलिए रोका जाता है कि क्योंकि वे मुसलमान है और उनके नाम के पीछे खान टाइटल लगा है. वे एक मुसलमान है इसलिए अमेरिका उनको जानबूझकर ह्यूमीलेट करता है.लेकिन ये सरासर झूठ है ये महज एक आरोप है. अगर मुस्लिम होने के नाते तलाशी ली जाती है तो बाकि मुस्लिम अभिनेताओं की तलाशी क्यों नही ली जाती? इरफ़ान खान तो बाकयदा हॉलीवुड फिल्मों में काम करके भी आ जाते है. उन्हें तो कभी कोई दिक्कत नही हुई. तो आप सोच रहे होंगे फिर आखिर क्या बात है. चलिए हम आप को बताते हैं कि अमेरिका में शाहरुख़ खान की तलाशी बार बार क्यों ली जाती है.
दरअसल, शाहरूख खान इस खबर पर कभी अपना मुंह नहीं खोलेगे. 90 के दशक में बालीवुड में अंडरवल्र्ड की तूती बोलती थी. बालीवुड के अधिकांश कलाकार उसके संपर्क में थे. और दुबई जाकर अंडरवल्ड डान दाउद इब्राहिम की पार्टियों में न केवल शामिल होते थे बल्कि उसके लिए स्टेज शो भी करते थे. बताया जाता है कि ऐसे ही एक स्टेज शो में शाहरूख खान भी बंबई से दुबई गए थे. जिस शो में शाहरूख खान गए उसको पर्दें के पीछे से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने आर्गेनाइज कराया था. ये तो सभी जानते हैं कि दाउद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का आदमी है.
इस शो के जरिए जो पैसा आया उसका प्रयोग आतंकवादियों की फंडिग के लिए किया गया. ये बात अमेरिका और इजराइल की खुफिया एजेंसी को मालूम है, क्योंकि बाद में ओसामा बिन लादेन को लेकर अमेरिका को पता चला था कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से ही उसके यहां छिपा हुआ था. यही कारण है कि शाहरूख उस वक्त से ही अमेरिका के रडार पर हैं. भारत भले ही इस प्रकार के मामले को अपने यहां गंभीरता से नहीं ले लेकिन अमेरिका एक बार अपने रडार पर आने के बाद लोगों पर हमेशा ही शक की नजर रखता है. गौरतलब है कि अमेरिका में वल्र्ड ट्रेड टावर पर हमले के बाद मुसलमानों को शक की नजर से देखा जाता है. इस हमले को जिन लोगों ने अंजाम दिया था उनका संबंध मुस्लिम आतंकवादियों से था. इसलिए जिन लोगों का कभी भी किसी न किसी रूप में आतंकियों से प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध आतंकियों से रहा है अमेरिका ने उनको भी शक के दायरे में ला दिया.यहां तक की शाहरूख खान में मामले में भी ऐसा हुआ जान पड़ता है. इसलिए अमेरिका में शाहरुख़ खान की तलाशी बार बार ली जाती है.
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