यूनेस्को ने नालंदा को वर्ल्ड हेरिटेज साइट की सूची में किया शामिल ...
सम्पूर्ण भारत के लिए गौरव का विषय ...
बिहार के लिए ये किसी उत्सव से कम नहीं है, क्यों कि बोध गया मंदिर के बाद यह दूसरा ऐसा स्थान है जिससे विश्व विरासत स्थल का दर्ज़ा प्राप्त हुआ है। नालंदा पटना से 98 किमी की दुरी पर स्थित है और यह स्थल अब एक खंडहर में बदल चुका है।
यूनेस्को ने अपनी वेबसाइट के माध्यम से बताया, “नालंदा भारतीय उपमहाद्वीप का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय है। इसने 800 वर्षों से ज्यादा अवधि के लिए निर्बाध रूप से शिक्षा का संचार किया है। ऐतिहासिक विकास की नज़र से यह स्थल और भी महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि इसने बौद्ध धर्म के विकास और शिक्षा परंपराओं में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।”
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