देश का पहला हेलीपोर्ट दिल्ली में शुरू, पर्यटन से लेकर एयर एंबुलेंस तक की सुविधा
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दिल्ली और आसपास के इलाकों में उड़ान भरने के लिए सौ करोड़ रुपये की लागत से बने भारत के पहले हेलीपोर्ट का मंगलवार को शुभारम्भ किया गया. नगर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने उत्तर दिल्ली के रोहिणी में अत्याधुनिक हेलीपोर्ट का उद्घाटन करते हुए कहा कि दक्षिण एशिया में यह इस तरह का पहली समन्वित सुविधा है.
हेलीपोर्ट से आईजीआई हवाई अड्डे पर भीड़भाड़ कम होने की उम्मीद है. साथ ही इससे आसपास के तीर्थस्थानों के लिए हवाई कनेक्टिविटी के अलावा चिकित्सकीय आपातकालीन स्थिति में मरीजों को सेवाएं दी जा सकेगी.रोहिणी हेलीपोर्ट से सबसे पहले गैर सरकारी संगठन क्राई के पांच छोटे बच्चे बच्चियों ने दिल्ली के आकाश में उड़ान भरी. पवन हंस लिमिटेड की ओर से सौ करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित यह हेलीपोर्ट 25 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है. इसके टर्मिनल भवन की क्षमता 150 यात्रियों की है और 16 हेलीकॉप्टर की पार्किंग क्षमता वाले चार हैंगर हैं. इसमें नौ पार्किंग स्थल हैं.हेलीपोर्ट के उद्घाटन के बाद राजू ने कहा, 'दक्षिण एशिया में यह अपनी तरह की पहली सुविधा है जिसे यहां पवन हंस लिमिटेड ने बनाया है.' हेलीपोर्ट में पवन हंस के बेड़े में शामिल हेलीकॉप्टर की मरम्मत, देखरेख के साथ ही दूसरी कंपनियों के हेलीकॉप्टर के देखरेख की सुविधा भी है.
मंत्री ने कहा कि देश में हेलीकॉप्टर और कार्गो को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए प्रशिक्षण (कौशल विकास में प्रशिक्षण) की जरूरत है. जनवरी में देश में घरेलू हवाई यातायात 25 फीसदी से ज्यादा बढ़ा.
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