Friday 3 February 2017

केदारनाथ से रामेश्वरम तक बने भगवान शिव के ये पांच पौराणिक मंदिर हैं एक सीधी लाइन में ...

भगवान शिव की हिन्दू धर्म में काफ़ी महत्ता है. कहा जाता है कि इन्होंने ही इस ब्रह्मांड की रचना की. इनकी पूजा कई अलग-अलग रूपों में की जाती है. लिंग, शिव प्रतिमा, काल भैरव. अर्धनारी रूप भी भगवान शिव का ही प्रतीक है.
भगवान शिव के मंदिर देश हर हिस्से में मिल जाएंगे. लेकिन इन मंदिरों में से कुछ ऐसे हैं, जिनका विवरण आपको पुराणों और हिन्दू धर्म ग्रंथों में मिलेगा. इसका मतलब है कि ये मंदिर कई हज़ार साल पुराने हैं. केदारनाथ से रामेश्वरम तक करीब 5 ऐसे मंदिर हैं, जिनका महत्व हिन्दू धर्म में काफ़ी ज़्यादा है. लेकिन मान्यताओं से अलग इन मंदिरों में एक ख़ास बात और है. ये पांचों मंदिर एक ही सीधी रेखा में बने हैं. मतलब समझने के लिए एक बार तस्वीर पर गौर कीजिए.
धरती के भौगोKalahasti हवा को.
Kanchipuram धरती को.
Chidambaram आकाश को.
वहीं Thiruvannamalai आग का प्रतीक माना जाता है.
इन मंदिरों को योगिक विज्ञान के आधार पर कुछ इस तरह बनाया गया कि सारे मंदिर एक सीधी रेखा में बनें.
इन मंदिरों को निर्माण हज़ारों साल पहले हुआ था. बिना सैटलाइट्स की मदद के इन मंदिरों को एक सीधी रेखा कैसे बनाया गया होगा? कैसे इन दूरियों को सही मापा गया होगा? इन सवालों के जवाब ढूंढ़ना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन हम उस वक़्त इन मंदिरों को बनाने वालों को दाद ज़रूर दे सकते हैं.लिक आधार पर बने ये पांच मंदिर पंचतत्व पर आधारीत हैं. Thiruvanaikaval जल को दर्शाता है.

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