एक इमाम जो पंडित बन गया
हिन्दू धर्म श्रेष्ठ धर्म है. यह हर कोई कहता है. लेकिन हिन्दू धर्म का इतना प्रभाव कही भी देखने को नहीं मिलेगा, जितना प्रभाव इस इमाम पर पड़ा है.
जो इन्सान बचपन से कुरान पढ़ा हो और मस्जिद में इमाम रह चुका होने के बाद हिन्दू धर्म का इतना बड़ा प्रचारक बन गया कि वो आज वेद ज्ञान के अलावा और कोई बात ही नहीं करता.
आइये जानते है कौन है यह इमाम जो पंडित बन गया !
हिन्दू धर्म श्रेष्ठ धर्म है. यह हर कोई कहता है. लेकिन हिन्दू धर्म का इतना प्रभाव कही भी देखने को नहीं मिलेगा, जितना प्रभाव इस इमाम पर पड़ा है.
जो इन्सान बचपन से कुरान पढ़ा हो और मस्जिद में इमाम रह चुका होने के बाद हिन्दू धर्म का इतना बड़ा प्रचारक बन गया कि वो आज वेद ज्ञान के अलावा और कोई बात ही नहीं करता.
- इस इमाम का नाम महबूब अली है, जो पहले कट्टर मुसलमान था.
- इनका जन्म कोलकता के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था.
- इन्होने अपनी शिक्षा में बचपन से ही कुरान और इस्लाम धर्म की सीखा ली थी.
- महबूब अली मेरठ के इमाम रह चुके है और कई सालो तक इमाम रहकर मस्जिद में जिंदगी गुजारी है.
- इन्होने हिन्दू धर्म की खासियत जानकार वेद की किताब पढ़ी उसके बाद इस्लाम धर्म की कुरान को चुनौती देने लगे.
- यह जब इमाम थे, तब कुरान की तारीफ़ करते नहीं थकते थे. आज हिन्दू धर्म के रंग में ऐसे रंग है कि हर किसी को इस रंग में रंगना चाहते हैं.
- महबूब अली ने अपना नाम बदल कर महेंद्र पाल रख लिया. इनका वर्तमान में परिवर्तित नाम पंडित महेंद्र पाल आर्य है.
- इस्लामी कट्टर और जिहादी इनके सामने आने से डरते और कतराते हैं.
- इनको कुरान के साथ हिन्दू धर्म के सारे किताबो का ज्ञान है.
- मौलवी जाकिर नैक को महेंद्र पाल ने डिबेट में चुनौती दी थी लेकिन उसकी डिबेट में आने की हिम्मत नहीं की.
- महेंद्र पाल अब तक सारे मौलवी से डिबेट जीत चुके है, लेकिन एक भी मौलवी इस पंडित को हरा नहीं पाया.
- वेदों की इनको इतनी ज्यादा जानकारी है कि जो भी मुसलमान उनसे बहस करने आता है वह उनकी दिशा और सोच बदल देते है.
- इनके अनुसार – वेद एक ऐसी किताब है, जो इंसान को मनुष्य बनना सिखाती है, जब कि बाइबल इंसान को क्रिश्चन और कुरान इंसान की मुसलमान बनाता है.
- पंडित जी के बच्चे भी वेद ज्ञान में पारंगत है और पिछले 30 साल से हिन्दू धर्म का प्रचार कर रहे है.
- इन्होने अनगिनत मुसलमान को हिन्दू बना दिया है और कई मौलवी और इमाम को भी हिन्दू बनने पर मजबूर कर दिया.
No comments:
Post a Comment