काउंसलिंग - *मेरी उम्र 17+ है, मैं स्कूल बस के 25+ के ड्राइवर से प्रेम करती हूँ। मेरे माता पिता मेरा विरोध कर रहे हैं? मुझे समझ नहीं आ रहा क्या करूँ?क्या प्रेम करना गुनाह है? क्या मुझे मेरी जिंदगी मेरे हिसाब से जीने का अधिकार नहीं? मैं अमीर घर की हूँ तो क्या प्रेम ग़रीब अमीरी सोच के तो नहीं कर सकते। मुझे उससे शादी करनी है, वो और उसका परिवार तैयार है।*
बेटा प्रेम करना बिल्कुल गुनाह नहीं है। युगऋषि कहते हैं क़ि प्रेम संकुचित नहीं होना चाहिये, प्रेम तो जीव मात्र से करना चाहिए।
अभी आप 12वीं में हो, और एग्जाम पास होने के लिए पढ़ाई पर ध्यान नहीं दोगे तो फ़ेल हो जाओगे।
निम्नलिखित काम करो, जिससे विवाह के बाद सुखी रहो और सांसारिक वस्तुओं के आभाव में झगड़ा न हो, तलाक़ न हो:-
1- तुम्हारे होने वाला पति ग़रीब है, पिता की मर्जी के ख़िलाफ़ शादी करने पर वो तुम्हें कोई हेल्प करेंगे नहीं। तुम्हें पति के घर की परिस्थिति के अनुसार रहने की आदत डालनी चाहिए।
2- उसके घर में AC नहीं है, बिना AC के सोने की आदत डालो।
3- उसके पास तुम्हारी मन पसन्द चीज़े ख़रीदने के पैसे नहीं होंगे, अतः ख़र्च को कण्ट्रोल करो।
4- बिना गाड़ी के पैदल चलने की आदत डालो, जिससे गाड़ी का आभाव तुम्हें न खले।
5- मॉल जाओ लेकिन बिना कुछ ख़रीदे वापस कई बार आओ।
6- ऑनलाइन शॉपिंग की वेबसाईट विजिट करो लेकिन कुछ मत ख़रीदो।
7- पैसे के आभाव को महसूस करो और अत्यंत कम ख़र्च में एक वर्ष निकालो।
8- शादी के बाद बच्चा अवश्य होगा, तुम माँ बनोगी ही। ईश्क की रोटी खा के और ईश्क के घर में प्रेमी रह सकते हैं, लेकिन बच्चा नहीं रहेगा। उसे घर भी चाहिए, अच्छा खाना भी चाहिए, अच्छा स्कूल चाहिए और वो समस्त फैसिलिटी चाहिए जो आज आप एन्जॉय कर रहे हो। अग़र तुम यह सब उन्हें न दे पाओ तो क्या तुम दुःखी होगी? या स्वयं को सम्हाल लोगी।
9- तुम शाकाहारी हो, और वो मांसाहारी है। अतः पहले यह तय करो क़ि तुम मांसाहारी बनोगे या वो शाकाहारी बनेगा? यदि तुम उसके प्रेम में स्वयं को बदलने की सोच रही हो तो कसाई की दुकान जाओ और वहां पशुओं को अपनी आँखों के सामने कटते देख़ो। पशुओं का आर्त नाद, दर्द भरी कराह चीख़ पुकार सुनकर भी स्वयं को सम्हाल लो। क्यूंकि किचन में जब यह बने तो मन मजबूत हो।
10- विवाह जीवन का अंतिम लक्ष्य नहीं होता, यह मात्र एक जीवन की गाड़ी का स्टेशन है जहाँ एक हमसफ़र आपके साथ गाड़ी पर बैठता है। जो सुख दुःख में आपका साथ निभाता है। जीवन का सफ़र बहुत लम्बा है, आगे इसी गाड़ी में आपके बच्चे भी बैठेंगे।
आगे जो भी होगा देखा जाएगा, ऐसा बेवकूफ़ बोलते हैं। मेरे पास मेरे भविष्य का प्लान ऑफ़ एक्शन है ऐसा बुद्धिमान् बोलते हैं।
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अभी तुमने कहा, क़ि तुम उसके लिए जान दे सकती हो, जान तो कोई भी दे सकता है। उसके और स्वयं के सुनहरे भविष्य के लिए पढ़ाई कर लो, उसके और उसके होने वाले बच्चे के लिए घर और शानदार जीवन की व्यवस्था कर दो। जिसकी तुम पत्नी बनो उसे अपने पिता से भी ज्यादा सफ़ल और सुखी बना दो।
निर्णय तुम्हारे हाथ में है क़ि तुम क्या चाहती हो, जल्दबाज़ी में ग़लत निर्णय या सोच समझकर धैर्य के साथ सही निर्णय। मरना बहुत आसान है ईश्क में, जीना बहुत मुश्किल है। वो सही तरीके से मैच्योर निर्णय के साथ तो मुश्किल है। कायर मरते हैं, और बहादुर अपनी अच्छी तक़दीर लिखते हैं। तुम बहादुर हो, ऐसा मेरा विश्वास है।
अधिकार और सम्मान भीख़ में नहीं मिलता, इसे अर्जित करना पड़ता है। सुखी जीवन स्वयं के हाथ की लकीरों में मत ढूँढो, इस हाथ और दिमाग़ का सही उपयोग कर सुखी जीवन अपना बनाओ।
ईश्वर तुम्हे सही राह दे, सफ़ल सुखी बनकर विवाह करना और अपने जोड़े के साथ सम्मान मुझसे मिलने जरूर आना।
तुम्हारी बहन
🙏🏻श्वेता चक्रवर्ती
डिवाईन इण्डिया यूथ एसोसिएशन
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डिवाईन इण्डिया यूथ एसोसिएशन
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