बताओ भला... जो लोग अपने मुर्दे को अनंतकाल तक जमीन में गाड़ कर रखते हों, जो पुनर्जन्म में विश्वास भी नहीं करते हों... वे "मोक्ष" की बात कर रहे हैं...
"पास्टर सलीम खान" द्वारा आयोजित कार्यक्रम में "आचार्य" विकास मैसी, पंजाब के सिखों को समझा रहे हैं कि मोक्ष क्या होता है... दिमाग चकरा गया न???
इतना वैचारिक घालमेल... इतनी धूर्तता... इतना झूठ... इतना दोगलापन... सब कुछ खुलेआम... कोई रोकटोक नहीं... "शर्म-निरपेक्षता" का इससे बेहतर उदाहरण भारत के अलावा और कहाँ मिलेगा??
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