Friday, 17 November 2017

नक्सलियों की धमकी:

 पत्रकारों और वन मंत्री गागड़ा को जान से मार देंगे...

बीजापुर। जिले के आवापल्ली थाना क्षेत्र में एक नक्सली पर्चा और बैनर बरामद हुआ है जिसमें पत्रकारों को जान से मारने का फरमान जारी किया गया है। माओवादियों के दक्षिण बस्तर सचिव हिड़मा के नाम से जारी इस पर्चे मे पुलिस-नक्सल मुठभेड़ों की मीडिया कव्हरेज पर आपत्ति दर्ज करते हुए नक्सलियों ने पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी है।
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लंदन की बसों पर लगे
‘आजाद बलूचिस्तान’ के पोस्टर ...


आजाद बलूचिस्तान के लिए अभियान चला रहे कार्यकर्ताओं ने लंदन की बसों पर विज्ञापन अभियान का एक नया दौर शुरू किया है. उनका उद्देश्य इस अशांत प्रांत में पाकिस्तान सरकार द्वारा मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन के खिलाफ जागरूकता फैलाना है. ‘वर्ल्ड बलूच आर्गेनाइजेशन’ ने कहा है कि ताजा अभियान में लंदन की 100 से अधिक बसों पर ‘आजाद बलूचिस्तान’, ‘बलूच लोगों को बचाओ’ और ‘जबरन लोगों को लापता करना रोको’ - जैसे नारे वाले विज्ञापन देखने को मिलेंगे.

 बलूच लोगों की दलील है कि वे लोग मूल रूप से और सांस्कृतिक रूप से शेष पाकिस्तान से अलग हैं और बरसों से एक आजाद राष्ट्र के लिए अभियान चला रहे हैं. वहीं, पाकिस्तान ‘आजाद बलूचिस्तान’ के किसी विचार को संप्रभुता पर हमला बताता है...संगठन के प्रवक्ता भवल मंगल ने बताया, ‘‘बलूचिस्तान में पाकिस्तान के मानवाधिकार उल्लंघन और बलूच लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार को लेकर हमारे लंदन अभियान का यह तीसरा चरण है. हमने टैक्सी में विज्ञापनों से शुरूआत की, फिर सड़कों के किनारे बिलबोर्ड लगाए और अब लंदन की बसों पर प्रचार कर रहे हैं.’’ मंगल ने दावा किया कि पाकिस्तान सरकार ने ‘ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन’ पर इस बात को लेकर दबाव डाला कि वह लंदन परिवहन पर विज्ञापनों पर पाबंदी लगाए, लेकिन उसकी धौंस पट्टी नाकाम रही. उन्होंने कहा कि यह शांतिपूर्ण विज्ञापन अभियान है.

ब्रिटिश मानवाधिकार कार्यकर्ता पीटर टैशेल ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि उन्हें रोकने की पाकिस्तान की कोशिश ‘सेंसरशिप’ और ‘ लोकतंत्र विरोधी’ है. उन्होंने आरोप लगाया कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान का सख्त शासन इतना निर्मम है कि यह पत्रकारों, मानवाधिकार निगरानीकर्ताओं और राहत सहायता एजेंसियों को क्षेत्र में जाने की इजाजत नहीं देगा.
(इनपुट - भाषा)

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