आज अधिकतर बंगाली मुसलमान है, पर ओड़िया बोलने वाले लोग 96% हिन्दू, ऐसा क्यों ?
इतिहास जो हमें जानना चाहिए ....बंगाल (बांग्लादेश सहित) आज इस्लामी हो गया, वहीँ ओडिसा आज भी 95% हिन्दू है .... कैसे ? जबकि दोनों ही इलाकों पर इस्लामिक हमलावरों ने सन 1000 के बाद एक साथ हमला किया था, फिर ऐसा क्या हुआ की बंगाली बोलने वाले लोग आज अधिकतर इस्लामिक है, मुसिलम है, पर ओड़िया बोलने वाले लोग हिन्दू है, कभी आपने इसका कारण सोचा है ?
सन 1248 ( 13वी शताब्दी ) इस्लामिक हमलावर तुगन खान ने उडीसा पर हमला किया । उस समय वहां पर राजा नरसिम्हादेवा का राज था । राजा नरसिम्हादेव ने फ़ैसला किया कि इस्लामी हमलावर को इसका जवाब छल से दिया जाना चाहिये । उन्होने तुगन खान को ये संदेश दिया कि वो भी बंगाल के राजा लक्ष्मणसेन की तरह समर्पण करना चाहते हैं, जिसने बिना युद्ध लडे तुगन खान के सामने हथियार डाल दिये थे।
तुगन खान ने बात मान ली और कहा कि वो अपना समर्पण "पूरी" शहर में करे, इस्लाम कबूल करे और जगन्नाथ मंदिर को मस्जिद में बदल दे । राजा नरसिम्हादेव राज़ी हो गए और इस्लामिक लश्कर "पूरी" शहर की तरफ़ बढने लगा, इस बात से अन्जान कि ये एक जाल।है। राजा नरसिम्हादेव के हिंदू सैनिक शहर के सारे चौराहों , गली के नुक्कड़ ओर घरों में छुप गये ।
जब तुगन खान के इस्लामिक लश्कर ने जगन्नाथ मंदिर के सामने पहुंचे, उसी समय मंदिर की घंटिया बजने लगी और 'जय जगन्नाथ' का जयघोष करते हिंदू सैनिको ने इस्लामिक लश्कर पर हमला कर दिया। दिनभर युद्ध चला, ज्यादातर इस्लामिक लश्कर को कब्जे में कर लिया गया और कुछ भाग गये । इस तरह की युद्धनीति का उपयोग पहले कभी नहीं हुआ था । किसी हिंदू राजा द्वारा जेहाद का जवाब धर्मयुद्ध के द्वारा दिया गया ।
राजा नरसिम्हादेवा ने इस विजय के उपलक्ष्य में " कोनार्क" मंदिर का निर्माण किया । गूगल पर कम से कम ज़रूर देखिये इस शानदार मंदिर को ।अगर लड़ोगे तो जीतने की गुंजाइश तो होगी ही, मुर्दे लड़ नहीं सकते इसीलिए वो धर्मनिरपेक्षता का ढोंग करते हैं ।
बंगाली भाषा जहाँ थी वहां का राजा लक्ष्मणसेन ने बिना लड़े हथियार डाल दिया, नतीजा देखिये, आज अधिकतर बंगाली बोलने वाले लोग मुसलमान है, बंगाल सिर्फ पश्चिम बंगाल ही नहीं बल्कि बांग्लादेश भी बंगाल ही था, आज अधिकतर बंगाली लोग मुसलमान है, बंगाल इस्लामिक है, वहीँ ओड़िया बोलने वाले लोग 96% हिन्दू है
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