Sunday 26 November 2017

आस पास नजर रखिये की पढ़ाई कर रही बहिन बेटियाँ ...
Jitendra Pratap Singh

आस पास नजर रखिये की पढ़ाई कर रही बहिन बेटियाँ तथाकथित प्रोग्रेसिव वामपंथी विचारधारा की गलत सोहबत में पड़ कर खुद और परिवार वालो की जिंदगी ना खराब कर दे !अंत में रोने के सिवा कुछ नहीं मिलेगा ! परिवार के अचार विचार शिक्षा संस्कार इतने सनातनी और मजबूत रखिये की कोई दूसरे विचारो का मुलम्मा दिलो दिमाग पर चढ़े ही नहीं !एक ऐसे ही लव जिहाद के मामले में केरल हाईकोर्ट आज फैसला सुनाएगा सुनाएगा जिसमे हॉस्टल कर पढ़ाई कर रही लड़की ISIS के चुंगल में फंस कर लव जिहाद हो गई और अंत में धर्म परिवर्तन कर लिया !
केरल के वाइकोम की रहने वाली अखिला तमिलनाडू के सलेम में होम्योपैथी की पढ़ाई कर रही थी. ISIS के एजेंडे के तहत हॉस्टल में उसके साथ रहने वाली 2 मुस्लिम लड़कियों ने उसका जबरदस्त ब्रेन वाश किया और अंत में उसे धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया. फिर साजिश के तहत एक कुख्यात मुस्लिम अपराधी से उसका प्रेम प्रसंग शुरू करवाया । उस मुस्लिम अपराधी के प्यार में डूबी अखिला आज अपने माँ और बाप को भूल चुकी है । अखिला ने इस्लाम कबूल कर अपना नाम हदिया रख लिया. जनवरी 2016 में वो अपने परिवार से अलग हो गई. हदिया के पिता ने दिसंबर 2016 में केरल हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. उन्होंने कोर्ट में रो रो कर गुहार लगाई की कि उनकी बेटी गलत हाथों में पड़ गई है. उसे IS का सदस्य बना कर सीरिया भेजा जा सकता है. उन्होंने बेटी को अपने पास वापस भेजने की मांग की.
हाई कोर्ट ने हदिया को कोर्ट में पेश होने को कहा. 19 दिसंबर को वो शफीन जहां के साथ कोर्ट में पेश हुई और बताया कि दोनों ने कुछ दिन पहले निकाह किया है. दोनों पक्ष के वकीलों की दलील के बाद कोर्ट ने शादी के हालात को शक भरा माना. हदिया को उसके पिता के पास भेज दिया गया.
हाई कोर्ट ने शादी की परिस्थितियों को भी देखा. कोर्ट ने पाया कि अशोकन की नयी याचिका के बाद जल्दबाज़ी में शादी करवाई गई. ये साफ हुआ कि हदिया को अपने पति के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. पति और हदिया का धर्म परिवर्तन कराने वाली महिला की संदिग्ध और आपराधिक गतिविधियों की बात भी कोर्ट के सामने आई.इसके अलावा कोर्ट ने हदिया की मानसिक स्थिति जानने की भी कोशिश की. सुनवाई कर रहे दोनों जज उससे व्यक्तिगत रूप से मिले. जजों का निष्कर्ष था कि उसका दिमाग अपने काबू में नहीं है. उस पर कट्टरपंथ का इतना असर है कि वो सही-ग़लत सोचने की स्थिति में नहीं है. इस साल 25 मई को हाई कोर्ट ने निकाह को अवैध घोषित करते हुए रद्द कर दिया. कोर्ट ने माना कि इस शादी की कानून की नज़र में कोई अहमियत नहीं है. जजों ने अपने आदेश में लिखा है कि अगर कोई सोचने-समझने की स्थिति में न हो तो उसके अभिभावक की भूमिका निभाना हमारी कानूनी ज़िम्मेदारी है. इसी के तहत हम लड़की को उसके पिता के पास वापस भेज रहे हैं.
हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA से भी पूरे मसले पर रिपोर्ट मांगी. NIA ने बताया कि केरल में कट्टरपंथी समूह लोगों के धर्म परिवर्तन की कोशिश में लगे हैं. साथ ही वो ताज़ा मुसलमान बने लोगों को जिहाद के नाम पर अफगानिस्तान और सीरिया भी भेज रहे हैं. हदिया के मामले में भी NIA ने ऐसा होने की आशंका जताई.
अभी कुछ दिन पहले प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता राहुल ईश्वर ने अपने मां बाप के घर रह रही अखिला उर्फ हदिया का इंटरव्यू लिया ... अखिला के मां बाप इतना रो रहे थे लेकिन अखिला बदतमीजी से हिजाब पहने अल्लाह हू अकबर और मैं मुस्लिम हूं के नारे लगा रही थी और अपने मां और बाप पर चिल्ला रही थी ...सोचिए आखिर यह कैसे संस्कार हैं कि जिस मां ने अपनी बेटी को 9 महीने तक अपने पेट में रखा उसे पाला-पोसा उच्च शिक्षा दिया आज वह बेटी इस नीचता पर उतर आई है कि उसे अपनी मां बाप की इज्जत का भी सवाल नहीं है फिर से उसे पुलिस सुरक्षा में सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के लिए लाया जा रहा था तब वह कोच्चि एयरपोर्ट पर भी चिल्ला-चिल्लाकर बोल रही थी कि मैं मुस्लिम हूं मैं हिंदू नहीं हूं आप मुझे कोई भी हिंदू नहीं बना सकता मुझे मेरे शौहर के पास वापस जाना है
ऐसी लड़कियां पैदा होने के पहले मर क्यों नहीं जाती

No comments:

Post a Comment