शक्ति बिना मुक्ति नहीं ...
एक बार, दो बार हजार बार इस बात को गिरह बाँध लीजिए कि शक्ति के बिना मुक्ति नहीं।* दुख दरिद्र की गुलामी से छुटकारा शक्ति उपार्जन किये बिना कदापि नहीं हो सकता आप अपने लिए कल्याण चाहते हैं, तो *उठिए शक्ति को बढ़ाइए बलवान बनिए अपने अन्दर लगन कर्मण्यता और आत्मविश्वास पैदा कीजिए जब आप अपनी सहायता खुद करेंगे, तो ईश्वर भी आपकी सहायता करने के लिए दौड़ा-दौड़ा आवेगा।*
🔷 *स्मरण रखिए कि आपका कोई भी मनोरथ क्यों न हो, वह शक्ति द्वारा ही पूरा हो सकता है। इधर-उधर बगलें झाँकने से कुछ भी प्रयोजन सिद्ध नहीं होगा, दूसरों के भरोसे सिर भिगोने पर तो निराशा ही हाथ लगती है।* अपने प्रिय विषय में सफल होने के लिये अपने पाँवों पार उठ खड़े हो जाइये, उसमें सच्ची लगन और दिलचस्पी पैदा कीजिए, एवं *मशीन की तरह जी तोड़ परिश्रम के साथ काम में जुट जाइए अधीर मत होइए,* शक्ति की देवी आपके साहस की बार-बार परीक्षा लेगी, *बार-बार असफलता और निराशा की अग्नि में तपावेगी, तथा असली नकली की जाँच करेगी, यदि आप कष्ट कठिनाई, असफलता, निराशा, विलम्ब आदि की परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए,* तो वह प्रसन्न होकर प्रकट होगी और इच्छित वरदान वरन् उससे भी कई गुना अधिक फल प्रदान करेगी।
🌞(1) सच्ची लगन और (2) निरंतर प्रयत्न यही दो महान् साधनाएँ हैं, जिनसे भगवती शक्ति को प्रसन्न करके उनसे इच्छित वरदान प्राप्त किया जा सकता है।* आपने जो भी अपना कार्य बनाया हो जो भी जीवनोद्देश्य बनाया हो, उसे पूरा करने में जी जान से जुट जाइए सोते-जागते उसी के सम्बन्ध में विचार करते रहिए और आगे को रास्ता तलाश करते रहिए। परिश्रम। *परिश्रम। घोर परिश्रम!!! आपकी आदत में शामिल होना चाहिये मत सोचिये कि अधिक काम करने से आपको थकान लगेगी। वास्तव में परिश्रम स्वयं एक चालक शक्ति है। जो अपनी बढ़ती हुई गति के अनुसार कार्य क्षमता उत्पन्न कर लेती है।* उदासीन, आलसी और निकम्मे व्यक्ति दो घन्टा काम करके एक पर्वत पार कर लेने की थकान अनुभव करता है, किन्तु *उत्साही उद्यमी और अपने कार्य में दिलचस्पी लेने वाले व्यक्ति सोने के समय को छोड़कर अन्य सारे समय लगे रहते है।* और जरा भी नहीं थकते। सच्ची लगन दिलचस्पी, रुचि और झुकाव एक प्रकार का डायनेमो है, जो काम करने के लिए क्षमता की विद्युत शक्ति हर घड़ी उत्पन्न करता रहता है।
✍🏻 *पं. श्रीराम शर्मा आचार्य*
📖 *अखण्ड ज्योति जुलाई 1942 पृष्ठ 10*
एक बार, दो बार हजार बार इस बात को गिरह बाँध लीजिए कि शक्ति के बिना मुक्ति नहीं।* दुख दरिद्र की गुलामी से छुटकारा शक्ति उपार्जन किये बिना कदापि नहीं हो सकता आप अपने लिए कल्याण चाहते हैं, तो *उठिए शक्ति को बढ़ाइए बलवान बनिए अपने अन्दर लगन कर्मण्यता और आत्मविश्वास पैदा कीजिए जब आप अपनी सहायता खुद करेंगे, तो ईश्वर भी आपकी सहायता करने के लिए दौड़ा-दौड़ा आवेगा।*
🔷 *स्मरण रखिए कि आपका कोई भी मनोरथ क्यों न हो, वह शक्ति द्वारा ही पूरा हो सकता है। इधर-उधर बगलें झाँकने से कुछ भी प्रयोजन सिद्ध नहीं होगा, दूसरों के भरोसे सिर भिगोने पर तो निराशा ही हाथ लगती है।* अपने प्रिय विषय में सफल होने के लिये अपने पाँवों पार उठ खड़े हो जाइये, उसमें सच्ची लगन और दिलचस्पी पैदा कीजिए, एवं *मशीन की तरह जी तोड़ परिश्रम के साथ काम में जुट जाइए अधीर मत होइए,* शक्ति की देवी आपके साहस की बार-बार परीक्षा लेगी, *बार-बार असफलता और निराशा की अग्नि में तपावेगी, तथा असली नकली की जाँच करेगी, यदि आप कष्ट कठिनाई, असफलता, निराशा, विलम्ब आदि की परीक्षाओं में उत्तीर्ण हुए,* तो वह प्रसन्न होकर प्रकट होगी और इच्छित वरदान वरन् उससे भी कई गुना अधिक फल प्रदान करेगी।
🌞(1) सच्ची लगन और (2) निरंतर प्रयत्न यही दो महान् साधनाएँ हैं, जिनसे भगवती शक्ति को प्रसन्न करके उनसे इच्छित वरदान प्राप्त किया जा सकता है।* आपने जो भी अपना कार्य बनाया हो जो भी जीवनोद्देश्य बनाया हो, उसे पूरा करने में जी जान से जुट जाइए सोते-जागते उसी के सम्बन्ध में विचार करते रहिए और आगे को रास्ता तलाश करते रहिए। परिश्रम। *परिश्रम। घोर परिश्रम!!! आपकी आदत में शामिल होना चाहिये मत सोचिये कि अधिक काम करने से आपको थकान लगेगी। वास्तव में परिश्रम स्वयं एक चालक शक्ति है। जो अपनी बढ़ती हुई गति के अनुसार कार्य क्षमता उत्पन्न कर लेती है।* उदासीन, आलसी और निकम्मे व्यक्ति दो घन्टा काम करके एक पर्वत पार कर लेने की थकान अनुभव करता है, किन्तु *उत्साही उद्यमी और अपने कार्य में दिलचस्पी लेने वाले व्यक्ति सोने के समय को छोड़कर अन्य सारे समय लगे रहते है।* और जरा भी नहीं थकते। सच्ची लगन दिलचस्पी, रुचि और झुकाव एक प्रकार का डायनेमो है, जो काम करने के लिए क्षमता की विद्युत शक्ति हर घड़ी उत्पन्न करता रहता है।
✍🏻 *पं. श्रीराम शर्मा आचार्य*
📖 *अखण्ड ज्योति जुलाई 1942 पृष्ठ 10*
No comments:
Post a Comment