Thursday, 1 March 2018

 
कृपया मां का आदर सम्मान कीजिए.....
बेटे विशाल का जन्म दिन मनाने के बाद केक ओर खाना अपनी कामवाली शांति को देते हुए मिसेज़ सेठी बोली - ले तू भी मुंह मीठा कर ले ओर भरपेट खा ले। मेमसाब बहुत देर हो गई उधर घर पर बच्चे भी भूखे होंगे मैं चलती हूं उन के साथ खा लूंगी। मिसेज सेठी- अरे पगली उनके लिए भी लेकर जाईयो मैंने पैक कर दिया पहले तू तो खा ले ,नही मालकिन मैं हमेशा बच्चो के साथ खाती हूं कहकर पैक किया हुआ ओर खुद को मिला खाना लेकर अपनी झुग्गी मे पहुंची । 
सभी बच्चे ऐसे खाने ओर केक को देखकर खुश होने लगे क्योंकि उनके नसीबमे कहाँ ऐसी बढिया खाने की दावत थी मटर पनीर ,पूडी छोले केक वाह वाह करते सभी की पार्टी हो रही थी अचानक शांति की नजर दरवाजे पर बैठी कुतिया पर पडी जो मुंह मे पानी लिए खाना खाते बच्चो को देख रही थी कुछ सोचकर शांति ने दो पुडी सब्जी से सनी उस कुतिया की ओर उछाली कुतिया झूम उठी मगर कुछ सूंघकर फिर उन पूडियो को मुंह मे दबाकर वहां से दौडी तो शांति को गुस्सा आ गया ओर वो बोली-ठहर कमीनी एक तो खाने को दिया उस पर नखरे । कही बिखेरती जाएगी तो कल गली वाले लड़ते फिरेंगे।
इतना कहकर शांति कुतिया के पीछे भागी तो देखा गली के मोड पर अपने नन्हे पिल्लो को पूडिया खिलाती और पिल्लै अपनी मां को चूमते दिखे। शांति की आँखों मे आँसू थे बोली मैं कैसे भूल गई तू भी तो मां है ओर मां खुद से पहले अपने बच्चो के खाने की सोचती है । जैसे मेरी मालकिन ने बच्चे के लिए जन्मदिन का बढिया खाना ,फिर मे बचा खुचा खाना अपने बच्चो के लिए ओर तू उससे बची जूठन अपने बच्चो के लिए........ दोस्तों यही मां है इसीलिए भगवान का दूसरा रुप मां होती है कृपया मां का आदर सम्मान कीजिए
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