Wednesday 21 December 2016

छपरा में मिला रामायण का जटायु, देखने के लिए लोगों की उमड़ी भीड़ ...

छपरा के रसूलपुर थाना क्षेत्र के अतरसन गांव में करीब 30 किलोग्राम वजन और दो मीटर लम्बे पंखों वाला जटायु मिला है। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। जटायु जाति के इस गिद्ध को फिलहाल अतरसन पंचायत के पूर्व मुखिया मदारीचक गांव निवासी रंजीत यादव के संरक्षण में रखा गया है। ग्रामीण सुधाकर यादव ने बताया कि अतरसन गांव के पोखर के पास ये जटायु इमरान खान को मिला।
ये उड़ नहीं सकता था। डॉ नियाज अहमद इस विशालकाय पक्षी की देख-रेख में लगे हैं। बीडीसी सोनू यादव ने बताया कि वन विभाग को सूचना दे दी गई है। जटायु बहुत ही विशाल पक्षी होता है

रामायण के अनुसार जटायु ने माता सीता को रावण के चंगुल से बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी थी। खुद भगवान राम ने खुद को जटायु का ऋणी कहा था। पुराणों के अनुसार जटायु कश्यप ऋषि के पुत्र थे। उनके भाई का नाम सम्पाती था।
जिन्होंने हनुमान को सीता का पता बताया था। वो श्रीराम के पिता दशरथ के मित्र थे उनकी भी दशरथ के समान 60000 साल की आयु थी। इसीलिए भारतीय जनमानस में जटायु के श्रद्धा की नजरों से देखा जाता है।

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