Wednesday 14 December 2016

कभी अपनी मां के साथ ठेले पर बेचते थे पराठे, आज देश के नामचीन शेफों में होती है गिनती...

अमृतसर की गलियों में खेलते हुए अपना बचपन बिताने वाले विकास खन्ना आज देश ही नहीं दुनिया का जाना माना चेहरा है।

2015 में विकास ने 1200 पन्नों की ‘उत्सव’ नाम की अपनी एक किताब निकाली, जिसमें उन्होंने भारत में त्यौहार के दौरान बनने वाले व्यंजनों के बारे में बताया है। विकास को अपनी इस किताब को पूरा करने में 12 साल लग गए। इस किताब की कॉपी उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को तोहफे में दी। वहीं इसकी कॉपियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिलेरी क्लिंटन को भी भेंट की।

विकास खन्ना आज जिस मुकाम पर है उसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत का नतीजा है।
विकास जब छोटे थे, वह अपने दोनों पैरों में अंतर होने की बात को छुपाया करते थे। जिस नन्ही उम्र में उनके घर के और बच्चे खेला करते थे, उस उम्र में विकास घर पर रहकर अपनी दादी को खाना बनाते हुए देखते थे।

विकास ने 17 साल की उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था। सबसे पहले विकास ने अपने घर के पीछे ही एक छोटा सा बैंक्विट हॉल खोला, लेकिन इस काम में उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्होंने कई और बिजनेस शुरू किये पर उसमें भी वह कामयाब नहीं रहे लेकिन विकास के परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया।

एक इंटरव्यू में विकास ने बताया कि एक बार वह पार्टी में थे और लाइट चली गई। वह जनरेटर चलाने छत पर गए लेकिन वह बार-बार बंद हो रहा था। इस वजह से उन्हें काफी दिक्कत हो रही थी लेकिन अचानक से सब ठीक हो गया। जब विकास छत पर गए तो उन्होंने देखा कि उनकी मां तेज बारिश में जनरेटर का स्विच पकड़ कर खड़ी थी ताकि लाइट न चली जाए। इस पर उनकी मां ने कहा था- “मैं अपने बेटे को असफल होते नहीं देख सकती।”

अपनी जिंदगी में कई उतार चढ़ाव देखने वाले विकास जब कॉलेज में दाखिले के लिए गए तो वह पहले दो राउंड में फेल घोषित कर दिए गए लेकिन इंटरव्यू अभी बाकी था। विकास से वहां मौजूद लोगों ने किटी पार्टी से सम्बंधित सवाल पूछे और साथ ही विकास ने खाने में छोले-भटूरे बनाए लेकिन भटूरे फूले नहीं और बारिश होने की वजह से तंदूर भी बंद हो गया।

इस बात पर लोग नाराज हो गए। तब विकास ने वहां पर सबके सामने कहा कि वह एक दिन एयर-कंडीशन रेस्टोरेंट खोलेंगे जिससे फिर खुली छतों के नीचे खाना नहीं बनाना पड़ेगा। यह बात कहते हुए विकास बाहर आ गए, तभी कॉलेज के प्रिंसिपल पीछे से आए और उनके जूनून की तारीफ करते हुए उन्हें कॉलेज में दाखिला दिया।

आज वही विकास न्यूयॉर्क में ‘जूनून’ नाम के एक रेस्टोरेंट के मालिक हैं। इतना ही नहीं उनके इस रेस्टोरेंट के लिए उन्हें मिशलिन स्टार अवॉर्ड से नवाजा भी गया है।

विकास कई सालों से स्टार प्लस के ‘मास्टर शेफ’ शो में जज की भूमिका में नजर आ रहे हैं। इस शो के दौरान ही विकास ने बताया कि बचपन में उनकी दादी अमृतसर की एक छोटी सी गली में पराठे बनाया करती थी और वह अपनी मां के साथ उसे बेचा करते थे।जिस विकास खन्ना ने अमेरिका में अपने शुरूआती दिनों में कई रातें सड़कों और स्टेशन पर सोकर गुजारी, आज उनके नाम पांच मिशलिन अवॉर्ड हैं।

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