Monday 16 July 2018

अधिकतर मध्यमवर्गी हिंदू अभी भी अपने आरामदायक कमरों में शांति से बैठे हैं और सोचते हैं कि मुस्लिम पृथकतावाद और आतंकवाद कुछ भटके नौजवानों कीतक सोच है। ये वर्ग हिंदुओं का सबसे बड़ा कायर वर्ग मुस्लिमों की ढाल है।
उन्हें दिख ही नहीं रहा कि केरल, कर्नाटक, बंगाल और असम धीरे धीरे कश्मीर बनने की कगार पर हैं और फिर एक और विभाजन की मांग।
दूसरी ओर हैं कुछ कथित राष्ट्रवादी जो हर मुद्दे पर बस मोदी और भाजपा को कोसकर सोचते हैं कि आज हमने राष्ट्र की बड़ी सेवा की है जबकि जमीनी हकीकत में कुछ करने के नाम से दासियों व्यवहारिक कठिनाइयां गिना देते हैं।
अगर आप स्वयं को इस कायर हिंदू वर्ग और इस खोखले शब्दवीर हिंदू वर्ग में नहीं मानते तो अपनी मातृभूमि को एक और विभाजन से बचाने के लिये कुछ सार्थक और सक्रिय काम कीजिये।
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समझ नहीं आ रहा कि अगर "हिन्दू -मुसलमान" अब हो रहा है तो...
1 947 में देश का विभाजन    ...क्या बोल कर हुआ था  ?
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