Friday 13 July 2018

समुद्र के अंदर भी हैं भगवान विष्णु के मंदिर :
एक रहस्य ! इस देश में निकली 5,000 साल पुरानी मूर्ति

धरती पर मंदिरों के आपने खूब दर्शन किए होंगे, लेकिन समुद्र के भीतर भी मंदिर बने हुए हैं, जिनके दर्शन के करने के लिए आपके इंडोनेशिया जाना होगा। इंडोनेशिया के समुद्र के नीचे बनी भगवान विष्णु की मूर्ति लगभग 5000 साल पुरानी बताई जाती है।

लोग स्विमिंग कर इनके दर्शन करने जाते हैं। यहां समुद्र के नीचे बने एक खंडहर को देखकर लगता है जैसे यह द्वारका नगरी हो, क्योंकि द्वारका नगरी समुद्र तट पर ही बसी थी और सुमद्र के अंदर विलीन हो गई थी।
इस जगह पर यह शिव मूर्ति भी समुद्र के अंदर ही मिली, जो उस समय की जाने वाली शिव पूजा को दर्शाता है अौर लोग इनके दर्शन करने के लिए भी आते हैं। इन सब को देखकर लगता है, यहां किसी जमाने में प्रचीन नगरी रही होगी, जो समुद्र के समीप या अंदर होने के कारण समुद्र में ही समा गई होगी।

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शारदा पीठ 18 महाशक्ति पीठों में से एक नीलम नदी के किनारे :
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में है ये मंदिर, देखिए कैसी हो गई हालत

पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मौजूद ये है शारदा पीठ, जो अनदेखी के चलते खंडहर हो चुकी है। नीलम नदी के किनारे पर मौजूद ये मंदिर सरस्वती देवी का है। 1948 के बाद से इस मंदिर की बमुश्किल ही कभी मरम्मत हुई। इस मंदिर की महत्ता सोमनाथ के शिवा लिंगम मंदिर जितनी है। हालांकि, अब यहां मुश्किल से ही हिंदू पहुंचते हैं।

- ये मंदिर कई सौ साल पुराना है। 14वीं सदी में इसके खंडहर हो जाने पर इसकी दोबारा मरम्मत कराई गई।
- इसके बाद 19वीं सदी में महाराजा गुलाब सिंग ने इसकी आखिरी बार मरम्मत कराई और तब से ये इसी हाल में है।
- 2005 में आए भूकंप में ये और तबाह हो गया, इसके बाद भी पाकिस्तान सरकार ने इसकी सुध नहीं ली।
- भारत-पाकिस्तान के बीच बंटवारे के बाद से ये लाइन ऑफ कंट्रोल के पास वाले हिस्से में आता है।
- बंटवारे के बाद से ये जगह पश्तून ट्राइब्स के कब्जे में रही। इसके बाद से ये पीओके सरकार के कब्जे में है।
- दोनों देशों के बीच तनाव के वक्त में यहां फॉरेनर्स के जाने पर पाबंदी लगा दी जाती है।
क्या है मान्यता?
- मान्यता है कि जहां इस शक्तिपीठ की स्थापना हुई है, वहां पर देवी सती के शरीर का कोई अंग गिरा था।
- शारदा पीठ 18 महाशक्ति पीठों में से एक है। कहा जाता है कि यहां देवी का दायां हाथ गिरा था।
- इस मंदिर को ऋषि कश्यप के नाम पर कश्यपपुर के नाम से भी जाना जाता था।
- एक दौर में कश्मीर हिंदू वैदिक धर्म से जुड़ी लर्निंग के लिए बेहतरीन सेंटर था।

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