Thursday 26 July 2018

अभी तक 46 इस्लामिक स्कूल के मामले 
उत्तरप्रदेश को आग के ढेर पर 
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के सलेमपुर क्षेत्र में एक प्राथमिक विद्यालय के जुमे के दिन बंद रहने और रविवार को खुले होने का मामला सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है.  मुस्लिम प्रधानाध्यापक ने  मनमानी करते हुए रविवार की जगह शुक्रवार को स्कूल बंद रखने की परंपरा शुरू कर दी 
बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. जिलाधिकारी सुजीत कुमार ने  पत्रावली तलब करते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया है. सलेमपुर के खंड शिक्षा अधिकारी ज्ञानचंद मिश्र को  जानकारी मिली कि प्राथमिक विद्यालय नवलपुर में तैनात प्रधानाध्यापक खुर्शेद अहमद शुक्रवार को स्कूल बंद रखते हैं. . पत्रावलियों की जांच में पाया गया कि काफी समय से उक्त विद्यालय शुक्रवार को बंद रहता है और इसके एवज में रविवार को खोला जाता है. रजिस्टर की जांच में भी इसकी पुष्टि हुई.
 प्रधानाध्यापक ने कहा कि विद्यालय में पंजीकृत 91 छात्रों में से करीब 95 फीसदी मुस्लिम समुदाय के हैं, इसलिए जुमे को विद्यालय बंद कर रविवार को खोलते हैं.विद्यालय में तमाम जरूरी पत्राचार भी नियमों को ताक पर रखकर उर्दू में ही किए गए हैं, जबकि परिषदीय विद्यालय हिन्दी माध्यम के अलावा सिर्फ अंग्रेजी माध्यम से ही संचालित हो सकता है.अभी तक 46 इस्लामिक स्कूल के मामले सामनें आ चुके हैं !
गौतमनगर को ‘इस्लामनगर’ बनाने की चल रही थी साजिश
 सच तो ये है कि इस ख़ास सम्प्रदाय की आबादी बढ़ते ही देश के लगभग हर इलाके से कुछ ऐसी ही ख़बरें आने लगती हैं.पश्चिमी यूपी में जिहादी ताकतों के मंसूबों का एक ऐसा ही मामला सामने आया था. यहां अमरोहा जिले के दलित आबादी वाले गौतमनगर इलाके का नाम बदलकर इस्लामनगर करने की कोशिश चल रही थी. कस्बे की दुकानों और दूसरे साइन बोर्ड पर गौतमनगर की जगह ‘इस्लामनगर’ का नाम इस्तेमाल किया जा रहा था. 
 ये दर्शा रहे हैं कि हालात किस तरह बद से बदतर होते जा रहे हैं. यदि जल्द ही यूनिफॉर्म सिविल कोड व् जनसंख्या नियंत्रण क़ानून ना लाया गया तो देश में हालात और भी ज्यादा बिगड़ सकते हैं.
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उत्तरप्रदेश को आग के ढेर पर बैठा दिया था अखिलेश यादव ने अभी तक 46 इस्लामिक स्कूल के मामले आ चुके है । अखिलेश यादव अगर 5 साल और मुख्यमंत्री रहे होते तो उत्तर प्रदेश का इस्लामीकरण कर दिए होते

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