Monday 27 June 2016

केरल के इस कपल के घर में न ही A.C. है, न ही फ्रिज, न ही फैन. कुछ है तो बस सुकून ही सुकून...

हर तरफ प्रकृति का भरपूर प्यार हो, हरियाली हो, फूलों की खुशबू हो और साथी का साथ हो, ये किसी का भी सपना हो सकता है. या यूं कहिए कि सभी इस सपने को सच करने की कोशिश करते हैं और कई बार अपने घर से दूर प्रकृति के बीच इस सपने को तलाशने भी निकल जाते हैं. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि केरल का ये दम्पति हर वक़्त ऐसे ही सुन्दर माहौल में रहता है, जहां किसी भी तरह का बनावटीपन है ही नहीं, सिर्फ़ खुशहाली है, हरियाली है. 
चक्करकल उचलिकुलि हरी और उनकी पत्नी आशा पर्यावरणविद हैं और उन्होंने अपने घर को प्राकृतिक तरीके से डिज़ाइन किया है. उनकी शादी में सभी मेहमानों को फल और पारम्परिक स्वीट डिश पायसम को सर्व किया गया था.
लेकिन ये खूबसूरत घर ऐसी ही नहीं बन गया. इसे बनाने के लिए केवल अच्छी प्लानिंग ही नहीं की गई, बल्कि इसमें प्यार भी पिरोया गया है. उन्होंने अपने आर्किटेक्ट दोस्तों की मदद भी इसमें ली, जिसके बाद ऐसा घर बनाया जा सका, जो सिर्फ़ ऊर्जा के नवीकरणीय सोर्सेज का ही इस्तेमाल करता है.
ये घर ननवू (Nanavu) 34 एकड़ में फैला हुआ है और इसमें रहने वालों में 15 मेढ़क, 150 तितलियां और 80 पक्षी शामिल हैं. मड से बनी घर की दीवारों की वजह से इसमें रहने वालों को जून की भीषण गर्मी में भी न तो एसी की ज़रुरत है और न ही फैन की.पिछले 6 सालों से ये कपल यहां रह रहा है और हर लम्हे को ख़ुशी से बिताया है. यहां पर बिना प्रकृति को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाए वे टीवी, मिक्सर, ग्राइंडर, कम्प्यूटर जैसी सभी चीजें इस्तेमाल करते हैं. वे कहते हैं कि ऐसा नहीं है कि हम आदिम जमाने का जीवन गुज़ार रहे हैं.
उनके पास फ्रिज नहीं है, क्योंकि उन्हें इसकी ज़रुरत ही नहीं पड़ती. खाने की चीज़ें वे जंगल में ही उगाते हैं और सीधे वहीं से निकालकर इस्तेमाल करते हैं.
भोजन को भी वे कुकिंग एरिया में बनाए गए खास तरह के प्राकृतिक कूलिंग स्पेस में रखते हैं. इसे भी किचन में ही एक गड्ढे में मड पॉट रखकर, फिर उसे रेत से ढककर तैयार किया गया है. मड पॉट ठंडा रहता है और उसकी वजह से खाने की चीज़ें कम से कम एक सप्ताह तक फ्रेश बनी रहती हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि इन दोनों ने पिछले 17 सालों से कोई मेडिसिन नहीं खाई है. साफ़, ताज़ा भोजन और शरीर के साथ किसी भी तरह की ज्यादती न करना ही इसकी वजह है और इसलिए वे बीमारियों से दूर रहते हैं. आमतौर पर लोगों को होने वाला जुकाम व बुखार अगर इन्हें हो जाता है, तो ये आराम करते हैं, तरल पदार्थ लेने के अलावा उपवास रखते हैं.

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