Saturday 18 June 2016

ट्विटर, गूगल और फेसबुक को अदालत में घसीटा

न्यूयार्क। पेरिस हमले में मारे गए व्यक्ति के पिता ने ट्विटर, गूगल और फेसबुक के खिलाफ अदालत में मुकदमा दायर किया है। उनका कहना है कि इन कंपनियों ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) को आंतकवादी प्रचार-प्रसार के लिए अपना इस्तेमाल करने दिया है।
 मीडिया रिपोर्ट से  यह जानकारी मिली। इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह मुकदमा उत्तरी केलिफरेनिया में रेनाल्डो गोंजालेज ने अमेरिकी जिला अदालत में दायर किया है। वह नवंबर में पेरिस आतंकवादी हमले के शिकार 130 लोगों में से एक नोहेमी गोंजालेज के पिता हैं।
याचिका में कहा गया है कि सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनियां आईएस को पैसे इकट्ठा करने और भर्तियां करने की अनुमति दे रही हैं। मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक आईएस नेता उमर हुसैन ने सोशल नेटवर्किं ग वेबसाइट फेसबुक का इस्तेमाल कर पेरिस हमले के सदस्यों की भर्ती की थी। आईएस समर्थकों ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर मारे गए सैनिकों की फोटो हैशटैग ए मैसेज फ्रॉम आईएसआईएस टू अमेरिका नाम से पोस्ट की थी।
वहीं, गूगल के वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म यूट्यूब कई सिर काटने वाले वीडियो मौजूद हैं। जनवरी में फ्लोरिडा की एक महिला ने ट्विटर के खिलाफ मुकदमा दायर किया था, जिसमें उस पर आईएस को दुनिया भर में भर्तियां करने में मदद करने का आरोप लगाया था। पिछले साल नवंबर में जार्डन के अम्मान में हुए आतंकवादी हमले में तमारा फील्ड्स के पति भी मारे गए थे। उन्होंने नुकसान की भरपाई के लिए ट्विटर पर मुकदमा दर्ज किया। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था, “ट्विटर की मदद के बिना आईएस की दुनिया के सबसे डरावने आतंकवादी समूह के रूप में विस्फोटक वृद्धि संभव नहीं थी।” उन्होंने लिखा कि ट्विटर ने आईएस को अपना प्रचार करने और सदस्यों की भर्ती करने की जान बूझकर अनुमति दी।
ट्विटर नें इस दावे का खंडन किया और एक बयान जारी कर कहा, “हमें विश्वास है कि इस मुकदमे में दम नहीं है। हमें परिवार को हुई भारी नुकसान के लिए बेहद दुख है। दुनिया भर के लोगों की तरह हम भी उग्रवादी समूहों द्वारा इंटरनेट के माध्यम से अपना प्रभाव बढ़ाने को लेकर भयभीत हैं। हिसक धमकी और आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए ट्विटर पर कोई जगह नहीं है और अन्य सोशल नेटवर्क की तरह ही हमारे नियम इस मामले में बेहद साफ हैं।”

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