भारत बनेगा विमान मरम्मत का केंद्र ...
सरकार ने नई उड्डयन नीति में देश को दुनिया के विमान मरम्मत के केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई कैबिनेट की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई है।
नई दिल्ली। सरकार ने नई उड्डयन नीति में देश को दुनिया के विमान मरम्मत के केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई कैबिनेट की बैठक में इस नीति को मंजूरी दी गई है।
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने बताया कि राष्ट्रीय नागर उड्डयन नीति, 2016 के तहत मंत्रालय राज्य सरकारों को रखरखाव, मरम्मत तथा ओवरहॉलिंग (एमआरओ) सेवाओं पर मूल्य वर्द्धित कर हटाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। फिलहाल भारतीय विमान सेवा कंपनियों के एमआरओ का कारोबार पांच हजार करोड़ रुपए सालाना का है और ओवरहॉलिंग का पूरा काम विदेशों में होता है।
राजू ने कहा कि भविष्य में बनने वाले उन सभी हवाई अड्डों पर एमआरओ गतिविधियों के लिए जमीन की व्यवस्था कर अलग क्षेत्र बनाया जाएगा जहां इसकी संभावना होगी। सरकार ने इस साल के बजट में एमआरओ के लिए औजारों तथा कलपुर्जों के आयात पर सीमा शुल्क शून्य कर दिया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई नीति में न सिर्फ देश की एमआरओ जरूरतें पूरी करने का, बल्कि भारत को दुनिया के एमआरओ केंद्र के रूप में स्थापित करने का भी लक्ष्य रखा गया है।
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