Thursday, 23 June 2016

ब्रूसली,जैकी चैन जैसे बॉलीवुड के अभिनेताओ द्वारा कुंग फु और मार्शल आर्ट्स की मारधाड़ से भरपूर फिल्म हम भारतीयो सदा आल्हादित करती है और आज का युवा ब्रूसली और जैकी चैन के बड़े बड़े पोस्टर अपने रूम में लगाना अपनी शान समझते है.लेकिन आश्चर्य और मजे की बात ये है की कुंग फु और मार्शल आर्ट्स हमारे देश की अत्यंत प्राचीन युद्ध कौशल कला है इसीसे मिलता हुआ "कलारियापट्टू"ये एक युद्धकला है जिसका उपयोग केरल की युद्ध कला में निपुण और शक्तिशाली नायर लोग करते थे इसका इतिहास बहुत पुराना है.
आज केरल के कई हिस्सों में आत्मरक्षा के लिए ये युद्ध कला का प्रशिक्षण लड़को और लड़कियो दोनों को दिया जता है .7 वर्ष की उम्र के बच्चों को लिया जाता ताकि उनके शरीर को इस कला को सीखने की जरुरत के अनुसार लचीला और फुर्तीला बनाया जा सके इस कला के प्रदर्शन को देखना उस प्रदर्शन के दौरान हथियारों का इतना बेहतरीन प्रदर्शन होता है की देखते ही बनता है.इस युद्ध कौशल में जहा हथियार चलते हुए देखना रोमांचित करता है बल्कि उस हथियार के हमले से बचाव करते हुए देखना बहुत ही रोमांचक होता है मार्शल आर्ट्स की ही तरह इसमें भी मर्मशास्त्र के अनुसार घायल योद्धा का इलाज किया जाता है इस मर्मशास्त्र के जनक सप्तऋषियों में से एक और क्रोध में सिर्फ 3 आचमन में पुरे समुद्र को पी जाने वाले अगस्त्य मुनि थे.
आज जिस तरह देश में महिलाओ पर अपराध बढ़ रहे है उसको देखते हुए ये कला उन्हें सीखनी चाहिए और केरल के बहार पुरे भारत में इस कला को सीखने के प्रशिक्षण केंद्र होने चाहिए
अब इसके बाद ये बताने की जरुरत नहीं है की जिसे हम आज मार्शल आर्ट्स के नाम से जानते है वो कला हमारे देश हजारो सालो से प्रचलित है.

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