Thursday 1 March 2018


अमेरिकी अखबार ने उड़ाई भारतीय मीडिया की धज्जियां, श्रीदेवी की न्यूज़ की आड़ में बड़े मुद्दों को दबाया जा रहा है...


2014 से अगर देखा जाये तो देश की मीडिया का स्तर गिरता ही चला जा रहा है और यही वजह है कि ज़्यादातर मीडिया आउटलेट को जनता पेड मीडिया कहने लगी है। ऐसा भी कई बार हुआ है कि मीडिया झूठ को सच साबित करने में लग जाती है और महत्वपूर्ण मुद्दों से जनता को भटकती है।

ऐसा ही कुछ आज कल देखने को मिल रहा है। अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत के बाद से देश की मीडिया के पास जैसे कोई खबर ही न बची हो। 24 फरवरी से अब तक सिर्फ न्यूज़ चैनल्स पर एक ही टॉपिक चल रहा है, वह है ‘श्रीदेवी।जिस दिन से श्रीदेवी की मौत हुई हैं उस दिन से देश की मीडिया यह ही साबित करने में लगा है की उनकी मौत हुई कैसे है, कोई न्यूज़ चैनल कहता हैं कि दिल का दौरा पड़ने से हुई, तो कोई कहता है कि बाथटब में डूबने से हुई है।अपनी चैनल की टीआरपी बढ़ाने के लिए किसी भी हद तक गिर जाने की आदत की आलोचना होना अब आम बात हो चली है। लेकिन भारतीय मीडिया ने जिस तरह से इस मामले को पेश किया उसकी आलोचना अमेरिकी अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने भी छापी है।

लेख में लिखा कि भारत में इस खबर के आलावा और भी कई महत्वपूर्ण खबरें हैं। जैसे हाल ही में पीएनबी बैंक में हुआ 11,400 का घोटाला, भाजपा नेता की गाड़ी से 9 मासूम बच्चों की मौत, विश्व में भी इस दौरान बहुत कुछ महत्वपूर्ण घट रहा है। लेकिन भारतीय मीडिया केवल एक ही खबर को लगातार अलग-अलग तरह से दिखा रही है।


लेखिका ने आगे लिखा कि मानो भारतीय मीडिया सिर्फ इस बात का इंतज़ार कर रही थी कि कोई मरे और वो सारे मामले भूल कर एक मौत पर फोकस करे। सबसे शर्म की बात तो यह है की श्रीदेवी की मौत पर न्यूज़ चैनल्स पर प्राइम शो तक हुए हैं कि उनकी मौत कैसे हुई।

आर्टिकल में आगे लिखा है कि जिसने सबसे ज़्यादा शर्मिंदा किया वो थी ‘मौत का बाथटब’ खबर। एक न्यूज़ एंकर बाथटब के पास खड़े होकर ‘मौत का बाथटब’ लिखकर खबर को बता रहा था। टीवी की खबरें अब सोशल मीडिया पर चलने वाले हैशटैग के आधार पर चलने लगी हैं।

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