Thursday, 1 March 2018

more than 1500 murders ?
चेन्नई के निकट ताम्बरम में 21 व 22 फरवरी को एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई ! यह राक्षसी कृत्य कारित किया गया है “फादर जोसेफ” के द्वारा संचालित युसूफ करूणयी इललाम-इललाम अर्थात सेंट जोसेफ़ होस्पिसस मतलब ओल्डएज होम यानि वृद्धाश्रम में ! इंटेलिजेंस के द्वारा छापा मारने के बाद यहाँ से बड़े बड़े बक्सों के अन्दर से मांस के लोथड़े रुपी लाशें बरामद हुई और पता नहीं कि इससे पहले न जाने कितने लोथड़े मिटटी में मिल गए होंगे परन्तु एक फ़िल्मी कलाकार के निधन को प्रमुख खबर बनाने में जुटी भारतीय मीडिया के पास इस खबर पर प्रकाश डालने तक का समय नहीं है ! अगर यही बर्बर कार्य किसी हिन्दू संस्था या संगठन के द्वारा किया गया होता तो पूरे देश में आग लग चुकी होती, बंद के आयोजन प्रारंभ हो गए होते, देश के प्रधानमंत्री निशाने पर होते परन्तु अफ़सोस यह कृत्य एक ईसाई मिशनरी के द्वारा कारित किया गया है अतः मानवाधिकार संगठनों ने भी अपने आँख,कान और मुंह बंद किये हुए है !
किसी भी एनजीओ का उद्देश्य रोगियों, पीड़ितों और जरूरतमंदों की सेवा तथा जनता को विभिन्न मुद्दों पर जागरूक करना होता है परन्तु सेंट जोसेफ़ होस्पिसस में सेवा के नाम पर हैवानियत का घिनौना रूप सामने आया है ! तमिलनाडु के ‘सेंट जोसेफ हॉस्पिंस’ नामक एक गैर-सरकारी संगठन के आश्रम में बीमार मरीज़ों को मारकर उनकी हड्डियों की कटाई की जाती है ! कुछ रिपोर्ट ने यह भी आरोप लगाया है कि यह एनजीओ अपने मरीज़ों के अंगों की कटाई कर उसे अन्य देशों को बेच रहा है ! ‘होम फॉर डाइंग डेस्टिटयूट’ नामक यह एनजीओ आरवी थॉमस द्वारा वर्ष 2011 में स्थापित किया गया था ! यह ईसाई पादरी, डिंडीगुल और पालेश्वरम में भी इसी प्रकार के अन्य दो क्रिश्चियन हॉस्पिंस चला रहा है !
यह क्रिश्चियन हॉस्पिंस, आश्रम की ही तरह होता है, जो निराश्रित और बीमार लोगों की सुश्रुषा करता है ! एक तमिल न्यूज़ चैनल ज़मीनी तौर पर जांच-पड़ताल के बाद इस एनजीओ की घिनौनी सच्चाई सबके सामने लाया है ! एनजीओ की कथित गैरकानूनी गतिविधियां तब उजागर हुईं, जब ग्रामीणों ने एक वैन का रास्ता रॊककर हंगामा कर दिया, जो अस्पताल से मृतकों के शवों को ले जा रही थी ! वैन के अंदर से एक बूढ़ी महिला के रोने की आवाज़ आ रही थी, वह 'बचाओ-बचाओ' की आवाज़ लगा रही थी ! बूढी महिलाओं की पुकार पर सड़क पर गाड़ी को रोका गया ! उस गाड़ी से दो वृद्ध जनों को बचाया गया ! अन्य एक बुज़ुर्ग पुरुष, जो डिंडिगुल के निवासी थे, उनको भी वैन के अंदर से बाहर निकाला गया ! फिर इसके बाद इस ओल्डएज होम पर छापा पड़ा जहाँ इंटेलिजेंस वालों के होश उड़ गए ! यहाँ लाशों के रैक बने हुए थे जिनमे बड़े बड़े बोक्सों में मांस के लोथड़े रुपी लाशें रखी हुई थी ! इसके बाद आश्रम पर इसमें रहने वाले वृद्ध लोगों कि पिछले कुछ माह में मौते होने एवं उनके अंगों और अस्थियों के अवैध सौदे की जानकारी आना प्रारंभ हुई परन्तु प्रारंभ में इस मामले को दबाने का प्रयास किया गया इस बात को लेकर कुछ राजनैतिक दलों ने स्थानीय लोगों के विरोध को पुलिस के द्वारा दबाये जाने की निंदा की ! जिसके बाद जिला कलेक्टर पी. पोनय्या के निर्दश पर आश्रम की छानबीन की गयी और यहाँ रहने वाले बुजुर्गों को अन्यत्र स्थान पर ठहराए जाने को कहा गया !
इसी दौरान ‘एफसीआरए एनालिस्ट’ नामक एक ट्विटर यूजर ने इस एनजीओ को मिलने वाली आर्थिक सहायता के सूत्र का भी पता लगाया है ! उसके अनुसार ‘लाइट फॉर द ब्लाइंड – इंडिया’ नामक एक विदेशी संस्था इस एनजीओ को वित्तीय सहायता दे रही है !




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