ये सीरिया वाले तो सबसे बड़े नौटंकीबाज़ निकले.....
ये सीरियाई आतंकी खुद ही बच्चों का मेकअप करके फ़ोटो सोशल मीडिया पर डालते थे.....ताकि दुनिया की सहानुभूति और यूरोप के देशों में शरण मिले.....
पहले भी एक बच्चे की झूठी लाश समुन्द्र के किनारे डालकर सहानुभूति के सहारे ये यूरोप के देशों में शरण ले चुके है....
ये सीरियाई आतंकी खुद ही बच्चों का मेकअप करके फ़ोटो सोशल मीडिया पर डालते थे.....ताकि दुनिया की सहानुभूति और यूरोप के देशों में शरण मिले.....
पहले भी एक बच्चे की झूठी लाश समुन्द्र के किनारे डालकर सहानुभूति के सहारे ये यूरोप के देशों में शरण ले चुके है....
इन पर कोई विश्वास नही करना आखिरकार ये बच्चे भी बड़े होकर आतंकी ही तो बनेंगे.....
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नौटंकी चल रहा है, सीरिया में इतने बच्चे मर गए हैं।
वगैहरा वगैहरा,
शांतिप्रिय समुदाय को तो रोना ही है, उनके लिए आखिर मरने वाले मुस्लिम जो हैं,
पर एक बात समझ में नहीं आ रही है, हिन्दू भी लगे पड़े हैं, अबे सालो उनका गृह युद्ध हो रहा है तुमने यहां क्यों गन्द मचा रखी है!
इतना रंडीरोना तब मचा लिया होता जब शांतिदूतों ने 6 लाख कश्मीरियों को मार कर उनका सब कुछ छीन लिया, उनकी बहू बेटियों का बलात्कार उनकी आंखों के सामने किया उनके 2 साल के मासूम बच्चों को भी नहीं छोड़ा!
लाखों लोग पलायन कर गए कश्मीर से और,
दुर्गम इलाको में तंबू और शिविरो में रहे अपना घर परिवार और अपनी इज्जत गंवा कर, कश्मीरी पंडितों के गांव के गांव साफ कर दिए तब किसी हिन्दू, और शांतिप्रिय समुदाय ने #Peace वाली बकचोदी न की उनके लिए |
कश्मीरी पंडित जो बच गए वो एक शिविर में 10 से 12 तक लोग रहे जहां,
मूलभूत सुविधा जैसे टॉयलेट की सुविधा भी नहीं थी,कई लोग बीमारियों से मर गए, किसी की मानवता न जागी किसी ने कुछ नहीं बोला पर सीरिया में गृह युद्ध में कुछ लोग आपस में लड़ मर गए तो हिंदुस्तान में रोना धोना चालू हो गया है,क्यों सीरिया में जो हो रहा है वो उनके कर्म हैं जिसकी सजा उनको और उनके बच्चों को भुगतनी पड़ रही है
आतंकवादियों को संरक्षण दोगे पनाह दोगे तो यही होगा,जो कुछ अच्छे होंगे वो भी पिसेंगे जैसे गेंहू के साथ घुन पिसता है जैसे उनकी गलती ये है कि गलत लोगों के काम में उनको मौन सहमति दी हर जगह फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम व्हाट्सएप्प पोस्ट हो रहे हैं कि सीरिया में इतने मर गए उतने मर गए, क्योंकि मरने वाले मुस्लिम थे पर आतंकवादी बने मुस्लिमों ने आज तक कितने देश साफ कर दिये ईरान, बंगलादेश,बेल्जियम जैसे तब इनके मुँह से एक बोल न फूटा, कश्मीरी पंडितों पर चुप जब इनको मार दिया जाए तो विक्टिम कार्ड और जब ये 40% से ज्यादा हों तो दादागिरी जम्मू कश्मीर में इनकी जनसंख्या 68%असम में 41% बंगाल में 34%तीनों राज्यों के क्या हालात हैं बताने की जरूरत नहीं है,
सीरिया में ये जो मारे जा रहे हैं ठीक पेले जा रहे हैं साफ करो ये गंदगी !
पुनश्चः : बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होये!
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नौटंकी चल रहा है, सीरिया में इतने बच्चे मर गए हैं।
वगैहरा वगैहरा,
शांतिप्रिय समुदाय को तो रोना ही है, उनके लिए आखिर मरने वाले मुस्लिम जो हैं,
पर एक बात समझ में नहीं आ रही है, हिन्दू भी लगे पड़े हैं, अबे सालो उनका गृह युद्ध हो रहा है तुमने यहां क्यों गन्द मचा रखी है!
इतना रंडीरोना तब मचा लिया होता जब शांतिदूतों ने 6 लाख कश्मीरियों को मार कर उनका सब कुछ छीन लिया, उनकी बहू बेटियों का बलात्कार उनकी आंखों के सामने किया उनके 2 साल के मासूम बच्चों को भी नहीं छोड़ा!
लाखों लोग पलायन कर गए कश्मीर से और,
दुर्गम इलाको में तंबू और शिविरो में रहे अपना घर परिवार और अपनी इज्जत गंवा कर, कश्मीरी पंडितों के गांव के गांव साफ कर दिए तब किसी हिन्दू, और शांतिप्रिय समुदाय ने #Peace वाली बकचोदी न की उनके लिए |
कश्मीरी पंडित जो बच गए वो एक शिविर में 10 से 12 तक लोग रहे जहां,
मूलभूत सुविधा जैसे टॉयलेट की सुविधा भी नहीं थी,कई लोग बीमारियों से मर गए, किसी की मानवता न जागी किसी ने कुछ नहीं बोला पर सीरिया में गृह युद्ध में कुछ लोग आपस में लड़ मर गए तो हिंदुस्तान में रोना धोना चालू हो गया है,क्यों सीरिया में जो हो रहा है वो उनके कर्म हैं जिसकी सजा उनको और उनके बच्चों को भुगतनी पड़ रही है
आतंकवादियों को संरक्षण दोगे पनाह दोगे तो यही होगा,जो कुछ अच्छे होंगे वो भी पिसेंगे जैसे गेंहू के साथ घुन पिसता है जैसे उनकी गलती ये है कि गलत लोगों के काम में उनको मौन सहमति दी हर जगह फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम व्हाट्सएप्प पोस्ट हो रहे हैं कि सीरिया में इतने मर गए उतने मर गए, क्योंकि मरने वाले मुस्लिम थे पर आतंकवादी बने मुस्लिमों ने आज तक कितने देश साफ कर दिये ईरान, बंगलादेश,बेल्जियम जैसे तब इनके मुँह से एक बोल न फूटा, कश्मीरी पंडितों पर चुप जब इनको मार दिया जाए तो विक्टिम कार्ड और जब ये 40% से ज्यादा हों तो दादागिरी जम्मू कश्मीर में इनकी जनसंख्या 68%असम में 41% बंगाल में 34%तीनों राज्यों के क्या हालात हैं बताने की जरूरत नहीं है,
सीरिया में ये जो मारे जा रहे हैं ठीक पेले जा रहे हैं साफ करो ये गंदगी !
पुनश्चः : बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होये!
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