#पुर्तगालियों का शासन काल
हिंदुस्थान में वास्को-डी-गामा के तुरंत पश्चात् ईसाई मिशनरियों का आना और यातना, बल एवं कपट द्वारा हिंदुओं को ईसाई बनाना
‘१४९८ में वास्को-डी-गामाके नेतृत्वमें पुर्तगालियोंने हिंदुस्थान की धरती पर पैर रखा एवं ईसाइयोंके साम्राज्यवादी धर्ममत की राजकीय यात्रा आरंभ हुई । वास्को-डी-गामाके तुरंत पश्चात् ईसाई धर्मका प्रचार करनेवाले मिशनरी आए । तत्पश्चात् ‘व्यापारिक दृष्टिकोण से राज्य विस्तार’ इस सिद्धांत की अपेक्षा ‘ईसाई धर्म का प्रचार’, यही पुर्तगालियों का प्रमुख ध्येय बन गया । इससे प्रक्रिया आरंभ हुई ।
ईसाई मिशनरी रात्रि के समय घर के पिछवाडे स्थित कुंए में पाव (डबल रोटी) डाल देते और प्रातःकाल लोगों के पानी पीते ही कहते, ‘तुम ईसाई बन गए ।’ घबराए हुए हिंदु समझ बैठते कि वे फंस गए और ईसाई धर्म के अनुसार आचरण करने लगते ।
१५४२ में पुर्तगाल के किंग जॉन द्वितीय ने हिंदुओं के ईसाईकरण हेतु सेंट जेवियर नामक मिशनरीको भेजा । उसके आगमन के पश्चात् गोवा में हिंदु धर्मांतरण करें, इसके लिए उन पर ईसाई मिशनरियोंने अनन्वित अत्याचार किए सेंट जेवियर की धर्म-परिवर्तन की पद्धति !
सेंट जेवियर स्वयं अपनी धर्म-परिवर्तन की पद्धति के संदर्भमें कहता है, ‘एक माह में मैंने त्रावणकोर राज्य में १०हजार से अधिक पुरुषों, स्त्रियों एवं बच्चों को धर्मांतरित कर उनके पुर्तगाली नाम रखे । बप्तिस्मा देनेके (ईसाई होनेके समय प्रथम जल व दीक्षा-स्नान, नामकरण संस्कार के) पश्चात् मैंने इन नव-ईसाइयोंको अपने पूजाघर नष्ट करनेका आदेश दिया । इस प्रकार मैंने एक गांव से दूसरे गांव में जाते हुए लोगों को ईसाई बनाया ।’
#पुर्तगालियों द्वारा हिंदुओं के धर्मांतरण हेतु किए अत्याचारों के प्रतिनिधिक उदाहरण:-
‘१५६० में पोपके आदेश पर ईसाई साम्राज्य बढाने के उद्देश्य से पुर्तगालियों की सेना गोवा पहुंची । उसने धर्मांतरण न करने वाले हिंदुओं पर भयंकर अत्याचार करते हुए हजारों हिंदुओं को मार डाला ।
धर्मांतरण न करनेवाले इन हिंदुओं को एक पंक्ति में खडा कर उनके दांत हथौडी से तोडना,उन्हें फांसी देना ,संपत्ति जब्त करना,बच्चों व् स्त्रियों का बलात्कार , हजारो मंदिर को तोडना हिंदुओं पर हुए अत्याचारों के प्रातिनिधिक उदाहरण है ।
#छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा बार्देश (गोवा) क्षेत्र में ईसाई करण का षड्यंत्र नष्ट करना
आदिलशाह से गोवा का बार्देश प्रांत छीन लेने के पश्चात् पुर्तगालियों ने वहां के हिंदुओं का बलपूर्वक धर्मांतरण किया । धर्मांतरण को अस्वीकार करनेवाले तीस हजार हिंदुओं को ‘आज से दो माह के भीतर धर्म-परिवर्तन करो, अन्यथा कहीं और चले जाओ’, ऐसा आदेश पुर्तगालियों के गोवा स्थित वाइसराय ने दिया । यह समाचार प्राप्त होते ही छत्रपति शिवाजी महाराज ने वाइसराय के आदेशानुसार कार्यवाही होने में दो दिन शेष रहने पर २० नवंबर १६६७ को बार्देश प्रांत पर आक्रमण किया और इस आदेश का उत्तर अपनी तलवार से दिया ।
#हिंदुओं को छल-कपटसे ईसाई बनानेवाले पुर्तगाली पादरियों को छत्रपति संभाजी महाराज की फटकार !
‘छत्रपति संभाजी महाराज ने गोवा में पुर्तगालियों से किया युद्ध राजनीतिक के साथ ही धार्मिक भी था । हिंदुओं का धर्मांतरण करना तथा धर्मांतरित न होने वालों को जीवित जलाने की शृंखला चलाने वाले पुर्तगाली पादरियों के ऊपरी वस्त्र उतार कर तथा दोनों हाथ पीछे बांधकर संभाजी महाराज ने गांव में उनका जुलूस निकाला ।’
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