ईसाई_सेंट सन्त नही होते, सेंट वो होते हैं जो ईसाई मत के प्रचार के लिए विशेष महत्व के कार्य करते हैं। canonization वह प्रथा है जिसके द्वारा किसी महिला या पुरुष को सेंट बनाया जाता है, ईसाई मिशनरियों का इतिहास देखने पर समझ आता है कि अनेक हत्यारे, बलात्कारी, ठग और लुटेरों को भी सेंट बनाया गया।
Helena (हेलेना या हेलेन) एक सन्त है (जिसके नामपर सेंट हेलेना द्वीप है जहाँ नेपोलियन बोनापार्ट जैसे अनेक लोगों को कैद करके मार दिया गया।) जिसकी मूर्तियाँ दुनियाभर के चर्चों में लगी है, उसकी एकमात्र उपलब्धि है कि उसने ईसा का असली क्रॉस खोज निकाला था। सामान्य परिवार में जन्मी हेलेना रोम के राजा/ सामंत Constantius Clorus की रखैल थी जिसे गर्भवती होने पर पति ने निकाल दिया, उसका पुत्र कांस्टेनटाइन महान (Constantine the Great) या Flavius Valerius Aurelius Constantinus Augustus नाम से प्रसिद्ध हुआ जिसने अपने पिता से प्रतिशोध लिया, अवैध सम्बंध के संदेह पर अपनी पत्नी और बेटे की ही हत्या कर दी। बेटे को जहर दिया और पत्नी को खौलते पानी में तड़पा कर मारा। यह कांस्टेनटाइन महान भी सेंट है क्योंकि उसने तलवार की शक्ति से रोमन साम्राज्य का विस्तार किया। ईसाइयत के विरोधियों की बड़े पैमाने पर हत्या की। सबसे रोचक बात यह है कि महान कांस्टेनटाइन जीवन भर गैरईसाई था, मृत्यु के कुछ दिन पूर्व ही वह ईसाई बना पर उसने अपने पूरे साम्राज्य को ईसाई बनने को बाध्य किया, इसीलिए वह सेंट बनाया गया।
अब जरा भारत में आते हैं। मदर टेरेसा के नाम से एक औरत भारत में आकर सेवा के बड़े बड़े केंद्र चलाने के दावे करती थी, ओशो रजनीश ने उनसे कुछ पत्राचार किया और उसे विवश किया कि वह आप के एजेंडे को स्वीकार करे। उसकी संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी आज भी धर्मांतरण के काम में लगी है। टेरेसा को सेंट इसलिए बनाया गया क्योंकि उसने सेवा के लिए धर्मांतरण की शर्त रखी, बड़े पैमाने पर गरीबों को ईसाई बनाया।
यह बौध्दिक अत्याचार बंद करिए, आपका कृपया अपने बच्चों को मिशनरी स्कूलों से निकालिए, अपने शहर के कुछ अच्छे हिन्दू संगठनों द्वारा संचालित विद्यालय की गुणवत्ता बढ़ाने के प्रयास करिए। जहां आवश्यक हो इस विषय में अघोरीनाथ आपके सहयोग हेतु तत्त्पर है। अपने बच्चों को बताइए की सेंट हमारे संतों से अलग जंतु होते हैं और अधिकतर अमानवीय होते हैं।
सभार-
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